कर्नाटक में बंद : जगह जगह विरोध प्रर्दशन
बेंगलुरू:
कर्नाटक में महादेई नदी के पानी विवाद पर किसानों और कई संगठनों ने बंद बुलाया है। राजभवन के पास प्रदर्शन कर रहे कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। ये बंद इसी हफ़्ते के बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के महादेई नदी ट्राइब्यूनल के फ़ैसले के विरोध में है।
इस फ़ैले के बाद महादेई नदी का पानी कर्नाटक के पांच ज़िलों को नहीं मिल पाएगा। ये ज़िले हैं- गदक, हुबली, धारवाड़, दलगाम और बागलकोट। बंद के दौरान सुबह से ही राज्य के कई इलाकों में प्रदर्शन जारी है। आज राज्य में दुकानें, व्यापार, प्राइवेट स्कूल पेट्रोल पंप और फ़िल्म इंडस्ट्री के क़ारोबार बंद हैं।
ये पूरा विवाद महादेई नदी के पानी पर कर्नाटक और गोवा के बीच है। विवाद उस वक़्त गहराया जब 2010 में महादेई नदी ट्राइब्यूनल बना जिसके तहत कर्नाटक की 7.5 TMC पानी की मांग को ठुकरा दिया गया। इस पानी का ज़्यादातर इस्तेमाल पीने के लिए उत्तर कर्नाटक में होता है। ट्राइब्यूनल के फ़ैसले के ख़िलाफ़ कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर फ़ैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्राइब्यूनल के फ़ैसले को सही ठहराया।
फ़ैसले के बाद इन पांच ज़िलों के किसान और स्थानीय लोग भड़क गए। वजह थी इस नदी से यहां सिंचाई के साथ साथ पीने का पानी भी मिलता है जो अब नहीं मिल पाएगा। गुस्साए लोगों ने धारवाड़ की एक कोर्ट में तोड़फोड़ की। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कई इमारतों में तोड़फोड़ मचाई। पुलिस ने कार्रवाई की और 100 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया, वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या ने अपने मंत्रियों और अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस मामले में सभी क़ानूनी पहलूओं की जांच कर ये तय किया जाए कि क्या सुप्रीम कोर्ट में दोबारा अपील की जा सकती है? सिद्धारमैय्या इन दिनों अपने बेटे के इलाज़ के सिलसिले में बेल्जियम में हैं।
इस फ़ैले के बाद महादेई नदी का पानी कर्नाटक के पांच ज़िलों को नहीं मिल पाएगा। ये ज़िले हैं- गदक, हुबली, धारवाड़, दलगाम और बागलकोट। बंद के दौरान सुबह से ही राज्य के कई इलाकों में प्रदर्शन जारी है। आज राज्य में दुकानें, व्यापार, प्राइवेट स्कूल पेट्रोल पंप और फ़िल्म इंडस्ट्री के क़ारोबार बंद हैं।
ये पूरा विवाद महादेई नदी के पानी पर कर्नाटक और गोवा के बीच है। विवाद उस वक़्त गहराया जब 2010 में महादेई नदी ट्राइब्यूनल बना जिसके तहत कर्नाटक की 7.5 TMC पानी की मांग को ठुकरा दिया गया। इस पानी का ज़्यादातर इस्तेमाल पीने के लिए उत्तर कर्नाटक में होता है। ट्राइब्यूनल के फ़ैसले के ख़िलाफ़ कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर फ़ैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्राइब्यूनल के फ़ैसले को सही ठहराया।
फ़ैसले के बाद इन पांच ज़िलों के किसान और स्थानीय लोग भड़क गए। वजह थी इस नदी से यहां सिंचाई के साथ साथ पीने का पानी भी मिलता है जो अब नहीं मिल पाएगा। गुस्साए लोगों ने धारवाड़ की एक कोर्ट में तोड़फोड़ की। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कई इमारतों में तोड़फोड़ मचाई। पुलिस ने कार्रवाई की और 100 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया, वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या ने अपने मंत्रियों और अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस मामले में सभी क़ानूनी पहलूओं की जांच कर ये तय किया जाए कि क्या सुप्रीम कोर्ट में दोबारा अपील की जा सकती है? सिद्धारमैय्या इन दिनों अपने बेटे के इलाज़ के सिलसिले में बेल्जियम में हैं।
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