क्रूज शिप पर हुआ प्यार, लेकिन सुरेश और सारा की शादी में लाल फीताशाही के रोड़े

क्रूज शिप पर हुआ प्यार, लेकिन सुरेश और सारा की शादी में लाल फीताशाही के रोड़े

प्रतीकात्मक चित्र

नमक्कल (तमिलनाडु):

तमिलनाडु निवासी 28-वर्षीय सुरेश कुमार और बेल्जियम निवासी उनकी पत्नी सारा ने आसानी से शादी तो कर ली, लेकिन इन्हें अपनी शादी को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सारा की विदेशी नागरिकता होने के कारण दोनों के शादी के बंधन लाल फीताशाही के बंधनों के आगे कमजोर पड़ रहे हैं।

तमिलनाडु के कोल्ली पहाड़ पर बसे जनजातीय परिवार के सुरेश की मुलाकात इटली में एक क्रूज शिप पर सारा से हुई थी। पहली मुलाकात में ही दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। दोनों ने अपने परिवार को इस रिश्ते के बारे में बताया और सभी की सहमति लेकर शादी कर ली।

पेशे से शेफ रहे सुरेश अब अपनी शादी को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें आए दिन तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सुरेश के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की शादी को लेकर हमारे कानून में कोई प्रावधान ही नहीं है।

सुरेश ने कहा कि सारा का वीजा जल्द ही खत्म होने वाला है और अगर वह अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने में सफल होते हैं, तभी जाकर सारा को लंबी अवधि का वीजा मिल सकेगा।

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उन्होंने कहा, इसलिए उन्हें (सारा को) वापस जाना होगा और फिर आना होगा। मैंने अधिकारियों से आग्रह किया कि मेरी शादी का रजिस्ट्रेशन करें, ताकि मेरी पत्नी यहां रह सके और हम अपनी जिंदगी की शुरुआत कर सकें। सुरेश ने कहा कि सारा भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रति बेहद आकर्षित थीं और वह ऐसे आदर्शों के प्रति समर्पित किसी शख्स से शादी करना चाहती थी।