भारत और चीन (India and China)के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों (Lieutenant General-level meeting) के बीच चौथे दौर की बातचीत अगले हफ्ते होगी. सूत्रों ने यह जानकारी की. इस बैठक में सरहद पर तनाव कम करने पर चर्चा होगी. सूत्रों के अनुसार, अगली बैठक में सीमा पर हजारों की संख्या में तैनात जवान, गन, टैंक, हथियार रॉकेट लांचर, मिसाइल, फाइटर जेट को हटाने की टाइम लाइन तय करने पर बातचीत होगी. एलएसी के दोनों ओर 45000 जवानों के पीछे हटने पर भी चर्चा होगी.
गौरतलब है कि इससे पहले दो दफा चीन के मोलदो और एक बार भारत के चुशुल में बातचीत हुई थी. इस बार बातचीत के एजेंडे के तहत उन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा जिस पर 30 जून को हुई बैठक में सहमति बनी थीइससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच 6 जून और 22 जून को चीन के मोलदो में और 30 जून को चुशुल में बैठक हुई थी. 15 जून को पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) गालवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प (Ladakh Clash) हुई थी जिसमें 20 भारतीय जवानों को जान गंवानी पड़ी थी. खबरों के मुताबिक करीब 45 चीनी सैनिकों को इस संघर्ष में या तो मौत हुई थी या तो वे गंभीर रूप से घायल हुए थे. भारत और चीन के बीच एलएसी पर जहां-जहां तनाव बना हुआ है वहां पर तनाव कम करने को लेकर इस बैठक में चर्चा होगी.
गौरतलब है कि पूवी लद्दाख में हिंसक संघर्ष के बाद 30 जून को भारत और चीन के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में गलवान वैली, हॉट स्प्रिंग, पैंगोंग त्सो और गोगरा में तनाव कम करने के लिए फॉर्मूले पर समझौता हुआ था. इसके अंतर्गत दोनों ही पक्षों ने डेढ़ से दो किमी पीछे हटना शुरू किया है. सूत्रों के अनुसार, गलवान और हॉट स्प्रिंग से चीनी सेना के हटाने की पुष्टि सेटेलाइट इमेज से भी हुई है.पीछे हटने (Disengagement) की प्रक्रिया के हिस्से के तहत भारत सैन्य वार्ता पूरी होने तक पीपी 14 पर 'पेट्रोलिंग' को अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए सहमत हुआ है. हालांकि ड्रोन के जरिए इस इलाके की निगरानी जारी रहेगी.
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