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This Article is From Feb 24, 2015

आइए समझें अंतर भूमि अधिग्रहण कानून 2014 और मोदी सरकार के अध्यादेश में

आइए समझें अंतर भूमि अधिग्रहण कानून 2014 और मोदी सरकार के अध्यादेश में
नई दिल्ली:

पहला बिंदू : 2013 का क़ानून : निजी प्रोजेक्ट के लिए 80%, PPP के लिए 70% लोगों की सहमति ज़रूरी   

2014 का अध्यादेश : रक्षा उत्पादन, ग्रामीण इन्फ़्रा, औद्योगिक कॉरीडोर के लिए सहमति ज़रूरी नहीं

दूसरा बिंदू : 2013 का क़ानून : हर अधिग्रहण से पहले सामाजिक प्रभाव का आकलन ज़रूरी

2014 का अध्यादेश : राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, ग्रामीण इंफ्रा, औद्योगिक कॉरीडोर के लिए ज़रूरी नहीं

तिसरा बिंदू : 2013 का क़ानून : बहु-फसली और उपजाऊ ज़मीन का विशेष परिस्थिति में ही अधिग्रहण

2014 का अध्यादेश : राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, ग्रामीण इंफ्रा के लिए उपजाऊ ज़मीन का अधिग्रहण

चौथा बिंदू : 2013 का क़ानून : ग्राणीण भूमि का मुआवज़ा बाज़ार से 4 गुना, शहरी ज़मीन का 2 गुना

2014 का अध्यादेश : कोई बदलाव नहीं

पांचवा बिंदू : 2013 का क़ानून : 5 साल में प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुए तो ज़मीन किसानों को वापस

2014 का अध्यादेश : अधिग्रहण के बाद प्रोजेक्ट शुरू करने की कोई समयसीमा नहीं

छठा बिंदू : 2013 का क़ानून : किसी नियम की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर क़ानूनी कार्रवाई

2014 का अध्यादेश : संबंधित अधिकारी कार्रवाई के दायरे से बाहर, बिना इजाज़त केस नहीं

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