पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहली पुण्यतिथि पर बृहस्पतिवार को वरिष्ठ नेताओं व कई केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें प्रखर वक्ता और करूणामयी इंसान के रूप में तथा भारतीय कूटनीति में उनके अपूर्व योगदान को याद किया और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी. सोशल मीडिया के जरिए प्रवासी भारतीयों को संकट के समय मदद पहुंचाने में उन्होंने सहानुभूति और मानवीय दृष्टिकोण का अनुपम उदाहरण पेश किया था.
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पूर्व केंद्रीय मंत्री, सरलता व सौम्यता की प्रतिमूर्ति, मृदुभाषी एवं प्रखर वक्ता, पद्म विभूषण श्रीमती सुषमा स्वराज जी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन.'' सुषमा स्वराज को जन-जन की नेता बताते हुए नड्डा ने कहा कि उन्होंने सदैव जनसेवा को ही प्राथमिकता दी. राष्ट्र निर्माण में उनके द्वारा किए गए कार्य व संघर्ष अविस्मरणीय रहेंगे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री, सरलता व सौम्यता की प्रतिमूर्ति, मृदुभाषी एवं प्रखर वक्ता, पद्म विभूषण श्रीमती सुषमा स्वराज जी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) August 6, 2020
आप जन जन की नेता थी जिन्होंने सदैव जनसेवा को ही प्राथमिकता दी।राष्ट्र निर्माण में आपके द्वारा किए गए कार्य व संघर्ष अविस्मरणीय रहेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें अपनी ‘‘प्रेरणा'' बताया और कहा ‘‘आज, पहले से कहीं ज्यादा उनकी याद आती है.'' पिछले साल लोकसभा चुनाव में फिर से जीत दर्ज करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयशंकर को विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी. जयशंकर 2015 से 2018 तक भारत के विदेश सचिव रहे. उस वक्त सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थीं.
Today, more than ever, remember her fondly.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 6, 2020
Always an inspiration. @SushmaSwaraj pic.twitter.com/JRlR3nKpT5
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का पिछले साल 67 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने ट्वीट किया, ‘‘मां तुम हमेशा मेरे साथ मेरी शक्ति के रूप में हो. हे कृष्ण मेरी मां का ख्याल रखना.'' लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारतीय राजनीति में उनकी पहचान सर्वप्रिय-सर्वमान्य नेता की रही. उनका सोशल-कनेक्ट अद्भुत था. उनका जीवन, कर्म व विचार हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सुषमाजी की नेतृत्व क्षमता, सूझबूझ तथा वाकपटुता प्रभावित करती थी. संसद में उनका सम्बोधन संसदीय मर्यादाओं व परंपराओं की मिसाल पेश करता था. विदेश मंत्री रहते, विभिन्न अवसरों पर विलक्षण कूटनीति से उन्होंने देश का गौरव बढ़ाया. सोशल मीडिया के माध्यम से आमजन की मदद की अनूठी पहल भी की.''
बतौर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने देश की विदेश नीति की प्राथमिकताओं के केंद्र में प्रवासी भारतीयों का ला खड़ा किया था. वह ट्वीटर पर सर्वाधिक फॉलो किए जाने वाले विदेश मंत्रियों में शुमार थीं. उनकी पहचान एक ओजस्वी और सर्व-सुलभ नेता के रूप में थी.
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘‘देश की पूर्व विदेश मंत्री व एक ओजस्वी वक्ता आदरणीया सुषमा स्वराज जी की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि.'' केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उन्हें सबसे ऊंचे कद की भारतीय महिला नेताओं में से एक बताया और कहा कि देश के लिए उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘वह लोगों के बीच घुल मिल जाती थीं. उन्होंने अपना पूरा जीवन जन सेवा में खपा दिया.''
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुष्मा स्वराज को एक ओजस्वी वक्ता, दूरदर्शी नेता और इन सबसे अधिक एक करूणामयी इंसान के रूप में याद किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय राजनीति पर एक अमिट छाप छोड़ी है और उनके हर योगदान के लिए हम उनके आभारी हैं.
उल्लेखनीय है कि सुषमा स्वराज हरियाणा सरकार में सबसे युवा मंत्री बनीं. वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और भाजपा की पहली महिला प्रवक्ता थी. साल 1996 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री थी. साल 1998 में जब भाजपा फिर सत्ता में आई तो वह केबिनेट मंत्री बनीं.
वह सात बार संसद की सदस्य और तीन बार विधानसभा की सदस्य रहीं. साल 2009 से 2014 तक लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने प्रभावी भूमिका निभाई.
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