केरल हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश वाली एक खंडपीठ ने गुरुवार को विरासतों, चार सितारा एवं पांच सितारा होटलों सहित 62 स्थानों पर ग्राहकों को शराब परोसने की मंजूरी दी।
सभी दो सितारा एवं तीन सितारा बार बंद कर दिए जाने के बाद अब राज्य में आठ विरासतों, 33 चार सितारा एवं 21 पांच सितारा होटलों में ग्राहकों को शराब परोसी जाएगी।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. सुरेंद्र मोहन ने गुरुवार को केरल बार होटल ऑनर्स एसोसिएशन की ओर से दायर की गई याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह मंजूरी दी।
केरल सरकार की नई लीकर पॉलिसी के मुताबिक चरणबद्ध तरीके से राज्य को पूरी तरह से शराब मुक्त कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत 21 पांच सितारा होटल बार में शराब परोसने की अनुमति दी गई है और शेष सभी बार को बीते 12 सितंबर से बंद कर दिया गया है।
हाईकोर्ट ने तीन सितंबर को सरकार के निर्णय को बरकरार रखते हुए फैसला सुनाया था, जिसके बाद एसोसिएशन ने केरल हाई कोर्ट में अपील की थी। एसोसिएशन ने सर्वोच्च न्यायालय से इस मामले में राहत मांगी थी, लेकिन सवोच्च न्यायालय ने मामला वापस उच्च न्यायालय में भेज दिया था।
राज्य आबकारी मंत्री के. बाबू ने कहा कि यह फैसला राज्य सरकार की लीकर पॉलिसी की नाकामयाबी नहीं है।
उन्होंने कहा, "हम न्यायालय के फैसले का अध्ययन करेंगे और उसके बाद अगली कार्रवाई के बारे में फैसला लेंगे।"
राज्य कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष वी. एम. सुधीरन ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इसने राज्य की लीकर पॉलिसी को बरकरार रखा है।
सुधीरन ने कहा, "हम देखेंगे कि चार सितारा होटलों को भी मौजूदा सूची से हटाने के लिए आगे क्या किया जा सकता है और इसके लिए हम कानून के तहत ही कोई कदम उठाएंगे।"
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