लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण यादव को पाकिस्तान ने फांसी की सजा सुनाई है. भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सरकार हर तरह की कोशिश करने में लगी हुई है ताकि कुलभूषण को वापस लाया जा सके. उन्होंने कहा कि भारत सरकार हर वो क़दम उठाएगी जिससे कुलभूषण को न्याय मिलेगा. इस मामले को लेकर कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दल सरकार से मांग कर रहे हैं कि कुलभूषण की रिहाई जल्द सुनिश्चित कराई जाए. अब इस मामले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव भी कूद पड़े हैं. तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है कि मोदी जी को अपने परम प्रिय 'बिरयानी मित्र' नवाज शरीफ से कुलभूषण जाधव को छुड़ाने के बारे गंभीरता से बात करनी चाहिए. उनके अजीज मित्र जो हैं.
गौरतलब है कि भारत सरकार बार-बार इस बात पर ज़ोर दे रही है कि सरकार पिछले एक साल में 13 बार कॉन्सलर ऐक्सेस की दरखास्त पाकिस्तान को दे चुकी है, लेकिन एक बार भी उसे कुलभूषण से मिलने की मंज़ूरी नहीं मिली. उधर, पाकिस्तान सरकार तर्क दे रही है कि उसने कंडीशनल ऐक्सेस की बात भारत के सामने रखी थी लेकिन भारत सरकार ने उसे ठुकरा दिया था.
तेजस्वी के इस ट्वीट को लालू प्रसाद यादव ने री-ट्वीट करते हुए लिखा है कि "परम प्रिय, बिरयानी मित्र".मोदीजी को अपने"परम प्रिय,बिरयानी मित्र" नवाज़ शरीफ़ से कुलभूषण जाधव को छुड़ाने के बारे में गंभीरता से बात करनी चाहिए।उनके अज़ीज़ मित्र जो है
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 12, 2017
गौरतलब है कि 2015 में पीएम मोदी अफगानिस्तान ने सीधे लाहौर पहुंच गए थे. उनका यह दौरा पूर्व निर्धारित नहीं था. पीएम मोदी का उनके घर में गर्मजोशी से स्वागत हुआ था. पीएम मोदी ने नवाज शरीफ की नातिन को जिसकी उस समय शादी हो रही थी को आशीर्वाद दिया था. इस मुलाकात का कई दलों के नेताओं ने विरोध किया था. उनका कहना था कि एक तरफ पाकिस्तान भारत पर लगातार हमले कर रहा है, दूसरी तरफ ये मुलाकात कहीं न कहीं भारत की कमजोरी प्रकट करती है."परम प्रिय, बिरयानी मित्र" https://t.co/AWGsjTUkQW
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) April 13, 2017
गौरतलब है कि भारत सरकार बार-बार इस बात पर ज़ोर दे रही है कि सरकार पिछले एक साल में 13 बार कॉन्सलर ऐक्सेस की दरखास्त पाकिस्तान को दे चुकी है, लेकिन एक बार भी उसे कुलभूषण से मिलने की मंज़ूरी नहीं मिली. उधर, पाकिस्तान सरकार तर्क दे रही है कि उसने कंडीशनल ऐक्सेस की बात भारत के सामने रखी थी लेकिन भारत सरकार ने उसे ठुकरा दिया था.
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