किरण रिजिजू : मेरी वजह से किसी परिवार को प्लेन से उतारा नहीं गया

किरण रिजिजू : मेरी वजह से किसी परिवार को प्लेन से उतारा नहीं गया

किरण रिजिजू (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह-राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने अपने ताज़ा बयान में कहा है कि, ‘मेरी वजह से किसी परिवार को लेह से आ रही फ्लाइट से उतरना नहीं पड़ा था।’
 
किरण रिजिजू उस वक्त़ सुर्खियों में आए थे जब उन पर वीआईपी बर्ताव करने का आरोप लगा और उसकी चारों तरफ़ आलोचना शुरू हो गई।
 
किरण रिजिजू पर आरोप है कि उनकी वजह से लेह से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की एक फ्लाइट को एक घंटे के लिए संवेदनशील माने जाने वाले जम्मू-कश्मीर के लेह एयरपोर्ट में रोककर रखा गया था।
 
फ्लाइट के पायलट के अनुसार, ऐसा किरण रिजिजू और जम्मू-कश्मीर के उपमुख़्यमंत्री निर्मल सिंह को फ्लाइट में बिठाने के लिए किया गया था।  
 
माफ़ी मांगने को तैयार
हालांकि गुरुवार को किरण रिजिजू ने एनडीटीवी से कहा था कि वे भारतीय विदेश सेवा के उस अधिकारी और उसके परिवार से माफी मांगने को तैयार हैं, जिन्हें उनकी वजह से प्लेन से उतार दिया गया था।

लेकिन आज रिजिजू ने अपने बयान से पलटते हुए कहा, वो एक ग़लत ख़बर थी, उस प्लेन से मेरी वजह से किसी को नहीं उतारा गया था...इसलिए अंत में ये पूरी ख़बर ही ग़लत साबित होती है।’
  
किरण रिजिजू इस मसले पर शुरू से इस बात पर क़ायम हैं कि उनकी वजह से प्लेन लेट नहीं हुआ था और ये कि प्लेन को बग़ैर किसी नोटिस के प्री-शिड्यूल कर दिया गया था।
 
किरण रिजिजू के आरोपों के जवाब में भारतीय वायुसेना की उस रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें ये कहा गया कि प्लेन के पायलट को एक वीआईपी को एडजस्ट करने के लिए प्लेन लेट करने के लिए कहा गया था।
 
इसके बाद बंद हो चुके हवाई जहाज़ के दरवाज़े को किरण रिजिजू और निर्मल सिंह को प्लेन में बिठाने के लिए दोबारा खोला गया।  

पायलट का 'असभ्य' व्यवहार
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्य़मंत्री निर्मल सिंह ने फ्लाइट के पायलट के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि उनका बर्ताव काफी तल्ख था। वीआईपी ट्रीटमेंट के आरोपों के बीच निर्मल सिंह ने पायलट के खिलाफ अपना हमला और तेज कर दिया है।

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निर्मल सिंह के अनुसार, ‘प्लेन का पायलट एक डॉन तरह चलकर हमारी तरफ आया, और एक पांव शीशे की सीढ़ी पर रखकर हमसे बात करने लगा। मैंने उनसे कहा कि हमारे पास बोर्डिंग पास है और हमें जाना है तो उन्होंने कहा कि आप एक घंटे लेट हैं। इस जवाब पर मैंने उनसे कहा कि हम यहां इसलिए आए हैं, क्योंकि एयरलाइन ने हमें बोर्डिंग पास दिया है, ऐसे में हम क्या करें? इसके बाद उन्होंने हमें अंदर आने दिया। उस पायलट ने हमसे वैसी असभ्यता से बात की जैसी कोई एक लोकल बस के पैसेंजर से करता है।’
 
इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री दफ़्तर ने इससे संबंधित जानकारी मंगवाई है।