यह ख़बर 22 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

गुड़गांव के चर्चित किडनी रैकेट केस में डॉ अमित को सज़ा

खास बातें

  • नौकरी का झांसा देकर लोगों की किडनी निकाल लेने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड अमित कुमार और उपेंद्र कुमार को सीबीआई की एक स्थानीय विशेष अदालत ने सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और उनपर 60-60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
पंचकुला:

नौकरी का झांसा देकर लोगों की किडनी निकाल लेने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड अमित कुमार और उपेंद्र कुमार को सीबीआई की एक स्थानीय विशेष अदालत ने सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और उनपर 60-60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

सीबीआई ने इस मामले की जांच का जिम्मा फरवरी 2008 में संभाला था। गुड़गांव के पालम विहार में किडनी का अवैध कारोबार करने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। अमित और उपेंद्र गरीबों को रोजगार दिलाने का झांसा देकर उनकी किडनी निकाल लेते थे और ज्यादा कीमत लेकर इसे अपने ग्राहकों, जिनमें ज्यादातर विदेशी थे, को बेच दिया करते थे।

अमित कुमार के पास आयुर्वेदिक विज्ञान में डिग्री थी। वह क्वालिफाइड सर्जन नहीं था।

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आरोपी गरीबों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनकी किडनी निकाल लेते थे। वे बिना सहमति के ही सर्जिकल ऑपरेशन के जरिये लोगों की किडनी निकालते थे। बाद में उसे अपने ग्राहकों से ऊंची कीमत लेकर उनके शरीर में प्रतिरोपित कर देते थे।’’

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सीबीआई ने एक बयान में कहा कि अदालत ने इस मामले के तीन पीड़ितों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश दिया। जनवरी 2008 में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा इस मामले का पर्दाफाश करने के बाद अमित कुमार नेपाल भाग गया था। नेपाली अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले वह एक महीने तक पड़ोसी देश में छुप-छुपकर रहा।