मोहम्मद निशाम (फाइल फोटो)
कन्नूर:
केरल के करोड़पति बीड़ी कारोबारी मोहम्मद निशाम को एक सुरक्षा गार्ड पर अपनी हमर कार से कुचलने के आरोप में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. निशाम कन्नूर की सेंट्रल जेल में है और उनके रिश्तेदारों ने शिकायत दर्ज की है कि वह जेल से ही अपना करोड़ों का कारोबार चला रहे हैं. इस साल जनवरी में निशाम को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई और शिकायत में लिखा गया है कि उन्हें जेल में वीआईपी सुविधाएं दी गई हैं जिसके तहत उन्हें दो मोबाइल फोन मुहैया करवाए गए हैं. एनडीटीवी ने दोनों ही मोबाइल नंबर डायल किए जिन्हें निशाम का ऑफिस स्टाफ कथित तौर पर रिचार्ज करता है और जिसे व्यावसायिक फैसले लेने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
दायर की गई शिकायत में कहा गया है कि 40 साल के कारोबारी को जब पुलिस पूछताछ के लिए बेंगलुरू ले जा ही थी, तब निशाम के साथ उसके मैनेजर और एक दोस्त को भी चलने की इजाज़त दी गई थी. शिकायतकर्ताओं ने एनडीटीवी को बताया कि निशाम ने पुलिस की निगरानी में रहते हुए एक दोस्त के फोन से अपने भाईयों को भी धमकी दी है. इस मामले में कन्नूर जिले के पुलिस प्रमुख संजय कुमार गुरुदिन ने जांच का आदेश दे दिया है. उन्होंने एनडीटीवी को बताया कि 'पुलिस एस्कॉर्ट टीम पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं उसकी जांच के आदेश दे दिए हैं. अगर यह पक्की खबर है तो एक्शन लिया जाएगा.'
गौरतलब है कि निशाम को जनवरी 2015 में चंद्रबोस की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और इस साल जनवरी में उम्र कैद और अतिरिक्त 24 साल जैल की सज़ा सुनाई गई. चंद्रबोस उस संभ्रांत कॉलोनी का सुरक्षा गार्ड जहां निशाम रहता था और गुस्से में आकर उसने गार्ड पर अपनी हमर चढ़ा दी थी.
निशाम उस वक्त 'नशे' की हालत में था और गेट खोलने में देरी करने पर झुंझलाते हुए उसने गार्ड पर यह हमला किया. गंभीर रूप से घायल चंद्रबोस की तीन हफ्ते बाद अस्पताल में मौत हो गई. वैसे निशाम के ऊपर ऐसे दस अलग अलग मामले में अदालत में चल रहे हैं जिसमें उस पर बदसलूकी के आरोप लगाए गए हैं. कुछ साल पहले उसके नौ साल के बेटे का एक वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया गया था जिसमें वह फरारी चला रहा था. बाद में पुलिस केस दर्ज हुआ और इस कारोबारी की जुर्रत पर सवाल भी उठाए गए.
दायर की गई शिकायत में कहा गया है कि 40 साल के कारोबारी को जब पुलिस पूछताछ के लिए बेंगलुरू ले जा ही थी, तब निशाम के साथ उसके मैनेजर और एक दोस्त को भी चलने की इजाज़त दी गई थी. शिकायतकर्ताओं ने एनडीटीवी को बताया कि निशाम ने पुलिस की निगरानी में रहते हुए एक दोस्त के फोन से अपने भाईयों को भी धमकी दी है. इस मामले में कन्नूर जिले के पुलिस प्रमुख संजय कुमार गुरुदिन ने जांच का आदेश दे दिया है. उन्होंने एनडीटीवी को बताया कि 'पुलिस एस्कॉर्ट टीम पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं उसकी जांच के आदेश दे दिए हैं. अगर यह पक्की खबर है तो एक्शन लिया जाएगा.'
गौरतलब है कि निशाम को जनवरी 2015 में चंद्रबोस की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और इस साल जनवरी में उम्र कैद और अतिरिक्त 24 साल जैल की सज़ा सुनाई गई. चंद्रबोस उस संभ्रांत कॉलोनी का सुरक्षा गार्ड जहां निशाम रहता था और गुस्से में आकर उसने गार्ड पर अपनी हमर चढ़ा दी थी.
निशाम उस वक्त 'नशे' की हालत में था और गेट खोलने में देरी करने पर झुंझलाते हुए उसने गार्ड पर यह हमला किया. गंभीर रूप से घायल चंद्रबोस की तीन हफ्ते बाद अस्पताल में मौत हो गई. वैसे निशाम के ऊपर ऐसे दस अलग अलग मामले में अदालत में चल रहे हैं जिसमें उस पर बदसलूकी के आरोप लगाए गए हैं. कुछ साल पहले उसके नौ साल के बेटे का एक वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया गया था जिसमें वह फरारी चला रहा था. बाद में पुलिस केस दर्ज हुआ और इस कारोबारी की जुर्रत पर सवाल भी उठाए गए.
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