लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारत चीन के साथ रूस में होने वाले मल्टीलेटरल सैन्य युद्ध अभ्यास 'Kavkaz- 2020' में हिस्सा लेने जा रहा है. इस युद्धाभ्यास में चीन और पाकिस्तान की सेना भी हिस्सा लेगी. Kavkaz- 2020 में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देश हिस्सा लेंगे, जिसके सदस्य भारत के अलावा चीन और पाकिस्तान भी हैं. इस अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में कुल 20 देश भाग लेंगे, जिसमे तुर्की और ईरान भी शामिल हैं.
15 से 27 सितंबर तक दक्षिणी रूस के अस्त्राखन में ये सैन्याभ्यास होगा. इस युद्धाभ्यास का मकसद अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए रियल टाइम ट्रेनिंग करना है. इस युद्धाभ्यास में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के खिलाफ आक्रमण और रक्षात्मक दोनों तरह के ऑपेरशन होंगे.
बता दें कि Kavkaz युद्धाभ्यास हर चार साल के बाद आयोजित किया जाता है. इससे पहले यह 2012 और 2016 में आयोजित किया गया था. इस बार इस अभ्यास में भारतीय सेना के करीब 180 जवान हिस्सा लेंगे. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के 45 कर्मी और कई नौसैनिक अधिकारी भी भाग लेंगे. कुल 13,000 जवान इस मल्टीलेटरल युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे. जानकारी है कि चीन के कई युद्धपोत भी इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं.
रूस में होने वाला यह युद्धाभ्यास ऐसे समय पर हो रहा है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति है.
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