प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
राज्यसभा में विपक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए सरकार कश्मीर की स्थिति पर बुधवार को सदन में चर्चा कराए जाने पर सहमत हो गई और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जटिल मुद्दे के हल में सबसे सहयोग मांगा.
शून्यकाल में कांग्रेस सहित विभिन्न दलों ने कश्मीर में एक महीने से जारी कर्फ्यू पर चिंता जताई. उन्होंने पैलेट गन के इस्तेमाल पर भी रोक लगाए जाने की मांग की. विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसदीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने की भी मांग की.
विपक्ष कश्मीर की स्थिति पर आज ही सदन में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा था वहीं सरकार इस पर कल चर्चा कराए जाने के पक्ष में थी. इस खींचतान के बीच विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस पर कल सुबह चर्चा कराए जाने का सुझाव दिया जिसे गृहमंत्री सिंह ने स्वीकार कर लिया.
सिंह ने स्वीकार किया कि कश्मीर की स्थिति गंभीर है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील राज्य कश्मीर में उत्पन्न हुई समस्या का हल सिर्फ सरकार नहीं कर सकती और वह वह सबका सहयोग लेंगे.
सुबह गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीर में 31वें दिन भी कर्फ्यू जारी है. उन्होंने कहा कि हम सरकार पर आरोप नहीं लगाना चाहते. कश्मीर की स्थिति पर काबू पाने में तमाम विपक्षी दल मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के साथ सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमें दोनों के लिए अफसोस है. उन्होंने कहा कि 2008 और 2010 की घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि विगत में गलतियां हुई हैं. लेकिन अब गलती नहीं हो. उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाने और एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने का भी सुझाव दिया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शून्यकाल में कांग्रेस सहित विभिन्न दलों ने कश्मीर में एक महीने से जारी कर्फ्यू पर चिंता जताई. उन्होंने पैलेट गन के इस्तेमाल पर भी रोक लगाए जाने की मांग की. विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसदीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने की भी मांग की.
विपक्ष कश्मीर की स्थिति पर आज ही सदन में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा था वहीं सरकार इस पर कल चर्चा कराए जाने के पक्ष में थी. इस खींचतान के बीच विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस पर कल सुबह चर्चा कराए जाने का सुझाव दिया जिसे गृहमंत्री सिंह ने स्वीकार कर लिया.
सिंह ने स्वीकार किया कि कश्मीर की स्थिति गंभीर है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील राज्य कश्मीर में उत्पन्न हुई समस्या का हल सिर्फ सरकार नहीं कर सकती और वह वह सबका सहयोग लेंगे.
सुबह गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीर में 31वें दिन भी कर्फ्यू जारी है. उन्होंने कहा कि हम सरकार पर आरोप नहीं लगाना चाहते. कश्मीर की स्थिति पर काबू पाने में तमाम विपक्षी दल मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के साथ सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमें दोनों के लिए अफसोस है. उन्होंने कहा कि 2008 और 2010 की घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि विगत में गलतियां हुई हैं. लेकिन अब गलती नहीं हो. उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाने और एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने का भी सुझाव दिया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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