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This Article is From Mar 13, 2018

12 दिनों की रिमांड के बाद बोले कार्ति चिदंबरम, ‘किसी को वजन कम करना है तो CBI डायल करें'

यदि कोई अपना वजन कम करना चाहता है, तो उसे जिम जाने या डाइट पर रहने की कोई ज़रूरत नहीं है. सिर्फ सीबीआई की हिरासत में रहें और सीबीआई कैंटीन का खाना खाएं. यह सलाह पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने दी है.

12 दिनों की रिमांड के बाद बोले कार्ति चिदंबरम, ‘किसी को वजन कम करना है तो CBI डायल करें'
कार्ति चिदंबरम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: यदि कोई अपना वजन कम करना चाहता है, तो उसे जिम जाने या डाइट पर रहने की कोई ज़रूरत नहीं है. सिर्फ सीबीआई की हिरासत में रहें और सीबीआई कैंटीन का खाना खाएं. यह सलाह पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने दी है. कार्ति चिदंबरम को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था और वो 12 दिनों तक सीबीआई की हिरासत में थे. इस 48 वर्षीय बिजनेसमैन को सोमवार को 24 मार्च तक दिल्ली के तिहाड़ जेल में भेज दिया गया है. कार्ति चिदंबरम ने एनडीटीवी को विशेष अदालत के आदेश का इंतजार करते हुए कहा, "मैंने अपनी भूख को खो दिया है और बहुत कम खा रहा हूं, जिसके कारण मेरा वजन बहुत कम हो गया है और यह अच्छा भी है." "मुझे कपड़े के एक नए सेट की आवश्यकता है क्योंकि मेरे सभी पुराने कपड़े ढीले हो  गए हैं. उन्होंने आगे हंसते हुए कहा कि यदि कोई अपना वजन कम करना चाहता है तो उन्हें बस सीबीआई डायल करना चाहिए." 

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उन्होंने कहा कि सीबीआई की हिरासत में, उन्हें फोन या यहां तक कि एक घड़ी की अनुमति नहीं थी. यह अच्छा अनुभव था. मैं अधिकारियों से पूछता था कि समय क्या हुआ है." हालांकि, कार्ती चिदंबरम ने कहा कि उनके पास सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने कहा, "उन्होंने मेरे साथ सबसे अधिक पेशेवर तरीके से पूछताछ की." दिल्ली की एक अदालत ने कार्ति चिदंबरम को सोमवार आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 24 मार्च तक 13 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अदालत ने उन्हें खतरे के कारण तिहाड़ जेल में अलग कोठरी उपलब्ध कराने का उनका अनुरोध भी ठुकरा दिया. अलग कोठरी और बाथरूम के कार्ति के अनुरोध को खारिज करते हुए विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने कहा कि केवल उनके तथा उनके पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम के सामाजिक ओहदे के कारण उनके साथ अन्य आरोपियों से अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता.

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अदालत ने कहा, ‘‘ आरोपी के वकील द्वारा जताई गई चिंता को आरोपी तथा उनके परिवार, विशेष रूप से उनके पिता जो पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहे हैं, नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.’’ अदालत ने कहा, ‘‘ हालांकि, केवल आरोपी तथा उनके पिता के सामाजिक ओहदे को ध्यान में रखते हुए उनके साथ अन्य आरोपियों से अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता और उन्हें अलग कोठरी में रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती. हालांकि, लॉक अप प्रभारी और जेल अधीक्षक को न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान आरोपी की उचित ढंग से नियमानुसार सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है.’’ 

VIDEO: कार्ति चिदंबरम की हिरासत 3 दिन के लिए बढ़ी
कार्ति ने उचित सुरक्षा और जेल में अलग कोठरी मुहैया कराने की मांग की थी. उन्होंने दावा किया था कि चूंकि पिछली संप्रग सरकार में बतौर केन्द्रीय मंत्री उनके पिता पी चिदंबरम कई संवेदनशील मुद्दों से निपटे हैं, इसलिए उन्हें खतरा है.

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