बेंगलुरु:
लोकसभा सदस्य डी वी सदानंद गौड़ा ने गुरुवार को कर्नाटक के 26 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। हालांकि, जगदीश शेट्टर के नेतृत्व वाले पार्टी के प्रतिद्वंद्वी खेमे ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया। इसने पार्टी के भीतर गहरी दरारों को सतह पर ला दिया। मृदुभाषी और सदा आनंदित करने वाली मुस्कराहट के लिए प्रसिद्ध 58 वर्षीय देवरागुंडा वेंकप्पा सदानंद गौड़ा ने अकेले शपथ ली। उन्होंने कहा कि वह दिखावटी मुख्यमंत्री नहीं होंगे और न ही किसी के हाथ की कठपुतली होंगे। उन्होंने कहा, सिर्फ समय बताएगा कि क्या मैं दिखावटी मुख्यमंत्री रहूंगा। मैं किसी के हाथ की कठपुतली नहीं हूं। मेरी अपनी स्वतंत्र राय है। गौड़ा ने ये बातें भाजपा के प्रतिद्वंद्वी खेमे की ओर से कही जा रही उन बातों के जवाब में कहीं जिसमें कहा जा रहा है कि वह अपने पूर्ववर्ती येदियुरप्पा के प्रतिनिधि होंगे। गौरतलब है कि येदियुरप्पा को अवैध खनन पर लोकायुक्त की रिपोर्ट में आरोपित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने गौड़ा को राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान येदियुरप्पा समेत अन्य लोग उपस्थित थे। पद पर बने रहने के लिए गौड़ा को छह महीने के भीतर कर्नाटक विधानमंडल के दोनों में से किसी भी सदन का सदस्य बनना पड़ेगा। शेट्टर की अनुपस्थिति साफ तौर पर दिखाई दी लेकिन अनंत कुमार और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उपस्थित थे। इन दोनों नेताओं ने नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए गौड़ा के खिलाफ शेट्टर को अपना उम्मीदवार बनाया था। गौड़ा येदियुरप्पा की पसंद हैं। शपथग्रहण से पहले गौड़ा येदियुरप्पा के आवास पर गए। उसके बाद वह शेट्टर के पास भी गए। गौरतलब है कि भाजपा विधायक दल की कल हुई बैठक में गुप्त मतदान में गौड़ा ने शेट्टर को हराया था। गौड़ा ने अपने प्रतिद्वंद्वी का समर्थन करने वाले विधायकों से उस वक्त सहयोग मांगा जब वे नाश्ता कर रहे थे। शेट्टर खेमे ने उनसे कहा कि वह येदियुरप्पा के प्रभाव में नहीं आएं। शेट्टर खेमे से जुड़े विधायक अरविंद लिंबावली ने कहा, हमने उनसे अपील की कि वह कठपुतली न बनें और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किसी दबाव में न करें। वह परोक्ष तौर पर येदियुरप्पा का उल्लेख कर रहे थे। गौड़ा कर्नाटक के 26 वें मुख्यमंत्री हैं। वह 22 महीने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री रहेंगे। राज्य में मई 2013 में विधानसभा चुनाव होने हैं। दक्षिण भारत में भाजपा शासित पहले राज्य में वह पार्टी के दूसरे मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले येदियुरप्पा 38 महीने तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। राज्य के निवर्तमान गृह एवं परिवहन मंत्री आर अशोक ने कहा कि शेट्टर ने उपमुख्यमंत्री का पद ठुकरा दिया है और इस पेशकश को स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। अशोक को शेट्टर-अनंत कुमार खेमे का माना जाता है। दूसरी तरफ, येदियुरप्पा खेमे में खुशी का माहौल था। येदियुरप्पा निश्चिंत नजर आए और अपना समर्थन करने वाले विधायकों के साथ उन्होंने कुछ हंसी मजाक किया। उन्होंने बार-बार जीत का संकेत दिखाया। उडूपी चिकमंगलूर सीट से सांसद गौड़ा के सामने कड़ी चुनौती है। उन्हें जहां दो खेमों में बंटी पार्टी को एकजुट करना है, वहीं प्रशासन को भी पटरी पर लाना है। येदियुरप्पा ने कहा कि वह भाजपा के साधारण कार्यकर्ता हैं और उन्होंने संकेत दिया कि गौड़ा को काम करने की पूरी स्वतंत्रता होगी। कुछ हलकों में खुद को सुपर मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किए जाने पर येदियुरप्पा ने कहा, उनके :गौड़ा:पास स्वतंत्र रूप से काम करने की शक्ति है। मैं किसी भी मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करूंगा।
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