जस्टिस सीएस कर्णन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली/कोलकाता:
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीएस कर्णन ने मंगलवार को उनके सामने प्रतिनिधि नहीं भेजने पर प्रधान न्यायाधीश सहित उच्चतम न्यायालय के सात न्यायाधीशों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया. उधर, अटार्नी जनरल ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि शीर्ष अदालत के आदेशानुसार "सज्जन व्यक्ति" की चिकित्सकीय जांच होगी या नहीं. न्यायमूर्ति कर्णन ने गैरजमानती वारंट जारी करने का आदेश देते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के शीर्ष सात न्यायाधीशों ने उनके सामने अपना प्रतिनिधित्व नहीं किया. उन्होंने उच्च न्यायालय के महापंजीयक को इन न्यायाधीशों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने तथा उन्हें पुलिस महानिदेशक या पुलिस आयुक्त, नयी दिल्ली के जरिये तामील कराने का निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति कर्णन ने संविधान के अनुच्छेद 226 के साथ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए "राष्ट्रहित में आमजनों को भ्रष्टाचार एवं अशांति से बचाने के लिए स्वत: संज्ञान न्यायिक आदेश पारित किया." न्यायमूर्ति कर्णन द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया कि आज आरोपी न्यायाधीश अनुपस्थिति रहे और किसी ने उनका प्रतिनिधित्व नहीं किया. अंत: आरोपियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करके आठ मई को उन्हें बुलाया जाता है.
इस बीच, न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के सामने आधार से जुड़े मामले में आज दलील दे रहे अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि न्यायमूर्ति कर्णन सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा कल उन्हें अवमानना मामले में दिये गये मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सकीय जांच के निर्देश का पालन करेंगे या नहीं. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि जिन सज्जन व्यक्ति से कल कहा गया है, वह इस अदालत की सात न्यायाधीशों की पीठ के आदेश का पालन करेंगे या नहीं."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यायमूर्ति कर्णन ने संविधान के अनुच्छेद 226 के साथ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए "राष्ट्रहित में आमजनों को भ्रष्टाचार एवं अशांति से बचाने के लिए स्वत: संज्ञान न्यायिक आदेश पारित किया." न्यायमूर्ति कर्णन द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया कि आज आरोपी न्यायाधीश अनुपस्थिति रहे और किसी ने उनका प्रतिनिधित्व नहीं किया. अंत: आरोपियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करके आठ मई को उन्हें बुलाया जाता है.
इस बीच, न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के सामने आधार से जुड़े मामले में आज दलील दे रहे अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि न्यायमूर्ति कर्णन सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा कल उन्हें अवमानना मामले में दिये गये मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सकीय जांच के निर्देश का पालन करेंगे या नहीं. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि जिन सज्जन व्यक्ति से कल कहा गया है, वह इस अदालत की सात न्यायाधीशों की पीठ के आदेश का पालन करेंगे या नहीं."
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