पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ विवादों के कारण चर्चा में रहे भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को उत्तराखंड सरकार ने पदोन्नति देकर मुख्य वन संरक्षक बना दिया है. बता दें कि संजीव चतुर्वेदी को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में जीरो अंक दिया था. AIIMS के विजीलेंस अधिकारी रहते हुए मैग्सेसे पुरुस्कार विजेता संजीव चतुर्वेदी ने कुछ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार की जांच शुरू की थी. जिस कारण तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा नाराज थे.
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जेपी नड्डा ने संजीव चतुर्वेदी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में जीरो दे दिया था. जीरो अंक मिलने का मतलब था कि उन्होंने कोई काम नहीं किया था. हालांकि, बाद में नैनीताल हाईकोर्ट ने माना कि व्यक्तिगत दुर्भावना के चलते उनको वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में जीरो दिया गया था, जीस कारण कोर्ट ने सरकार को 50 हजार रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया था.
अब उत्तराखंड सरकार ने प्रमोशन देकर मुख्य वन संरक्षक बनाया है. 2002 बैच के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी फिलहाल हलद्वानी में वन अनुसंधान केंद्र में वन संरक्षक के तौर पर तैनात है. इस पद पर रहते हुए उन्होंने उत्तराखंड की कई दुर्लभ और लुप्त प्रजाति की जड़ी बूटियों की नर्सरी बनाकर उन्हें नया जीवन देने का काम किया है.
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