जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ ने विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के लिए सोमवार को कुलपति को जिम्मेदार ठहराया. जेएनयू छात्र संघ ने कुलपति जगदीश कुमार पर ‘डकैत' की तरह पेश आने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी ताकतों का इस्तेमाल किया कि छात्रों और शिक्षकों को ‘हिंसा' का सामना करना पड़ा. उसने यह भी आरोप लगाया कि ‘हिंसा के लिए' लाठियों और छड़ों के साथ बाहरी लोगों को लाया गया.जेएनयू छात्र संघ ने कहा, ‘कुलपति, एक कायर कुलपति हैं, जो पीछे के रास्ते से अवैध नीतियों को अंजाम देते हैं, छात्रों या शिक्षकों के सवालों से बचते हैं और फिर जेएनयू में खराब स्थिति उत्पन्न करते हैं.' जेएनयू में छात्र पिछले 70 दिन से छात्रवास की बढ़ी फीस के खिलाफ हड़ताल पर हैं.
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छात्र संघ ने आरोप लगाया, ‘हिंसा कुलपति और उनके साथियों की निराशा का परिणाम है. लेकिन यह घटनाक्रम दिल्ली पुलिस के लिए शर्मनाक है, जिन्होंने एबीवीपी के बाहर से लाए गुंडों को अंदर पहुंचाया.' उसने कुलपति के तत्काल इस्तीफा देने या एचआरडी मंत्रालय से उनसे इस्तीफा लेने की मांग की.
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से सोमवार को फोन पर बात की और उनसे कहा कि जेएनयू के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाए. जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) में रविवार को हुई हिंसा के बाद आज आज गृह मंत्री ने उपराज्यपाल से फोन पर बात की. अधिकारी ने कहा, ‘गृह मंत्री ने उपराज्यपाल से बात की और उनसे जेएनयू के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू करने का अनुरोध किया.'
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गृह मंत्री ने कल दिल्ली पुलिस के प्रमुख अमुल्य पटनायक से भी बात कर उन्हें मामले की जांच करने का आदेश दिया था. गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से मामले पर रिपोर्ट भी मांगी है.गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा था. इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हुए हैं.
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