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This Article is From Jan 09, 2020

JNU हिंसा पर बोले लद्दाख से BJP सांसद- लोकतंत्र का सदुपयोग करो, दुरुपयोग नहीं

लद्दाख से बीजेपी सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल (Jamyang Tsering Namgyal) ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) मामले में अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि वह इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना समझते हैं.

JNU हिंसा पर बोले लद्दाख से BJP सांसद- लोकतंत्र का सदुपयोग करो, दुरुपयोग नहीं
जामयांग सेरिंग नामग्याल लद्दाख से बीजेपी सांसद हैं. (फाइल फोटो)
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JNU पर जामयांग सेरिंग नामग्याल का बयान
'ये घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है'
JNU हिंसा मामले में पुलिस की जांच जारी
नई दिल्ली:

लद्दाख से बीजेपी सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल (Jamyang Tsering Namgyal) ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) मामले में अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि वह इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना समझते हैं. उन्होंने कहा, 'हम यूनिवर्सिटी कैंपस में हुई अराजकता की कड़ी निंदा करते हैं. यूनिवर्सिटी ही नहीं बल्कि देश के किसी भी हिस्से में मारपीट और तोड़फोड़ निंदनीय है. हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. हमें लोकतंत्र का सदुपयोग करना चाहिए न कि दुरुपयोग.'

बीजेपी सांसद ने आगे कहा, 'अगर आपका कोई मुद्दा है, कोई सवाल है तो उसे अथॉरिटी के सामने रखो. आप लोग कैंपस में विद्रोह क्यों कर रहे हो. जेएनयू के मामले में यह मुद्दा है परीक्षा का. संबंधित अथॉरिटी इसपर पहले से काम कर रही है.' बताते चलें कि जामयांग सेरिंग नामग्याल भले ही बीजेपी की विचारधारा से प्रभावित हों लेकिन उनकी पत्नी सोनम वांग्मो इससे इत्तेफाक नहीं रखतीं. राजनीतिक विचारधारा को लेकर सोनम का अपना मत है. वह JNU की छात्रा रह चुकी हैं और पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा था कि उस दिन वहीं थीं. कन्हैया वहां मौजूद नहीं थे. उन्हें फंसाया गया था क्योंकि वह छात्र नेता थे.

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बताते चलें कि बीते रविवार JNU में कथित तौर पर कुछ बाहरी लोगों ने कैंपस में घुसकर लेफ्ट समर्थित छात्रों के साथ मारपीट की थी. इस मारपीट में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आयशी घोष (Aishe Ghosh) भी बुरी तरह जख्मी हो गई थीं. छात्रों से मारपीट करने वाले लोग मुंह पर नकाब डालकर अंदर दाखिल हुए थे. इनकी संख्या 50 के आसपास थी. दिल्ली पुलिस की जांच में यह बात निकलकर आई कि कैंपस में लगे सीसीटीवी 3 जनवरी से ही बंद पड़े थे. सर्वर ठप होने की वजह से कैमरे बंद थे.

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पुलिस का कहना है कि 3 जनवरी से कोई रिकॉर्डिंग नहीं हुई क्योंकि JNU का पूरा सर्वर सेंट्रलाइज्ड है. पुलिस का कहना है कि हिंसा मामले में अभी तक कुल 11 शिकायतें मिली हैं. 7 शिकायतें लेफ्ट, 3 शिकायतें ABVP और एक शिकायत प्रोफेसर सुचित्रा सेन की ओर से की गई है. क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस का दावा है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए घटना के कई वीडियो के आधार पर कुछ हमलावरों की पहचान कर ली गई है. जल्द इस मामले में गिरफ्तारियां की जाएंगी.

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