कश्मीर में असमंजस के बीच बीजेपी को छोड़कर बाकी सियासी पार्टियों के बीच सर्वदलीय बैठक हुई. सुरक्षा कारणों के चलते होटल में बैठक की इजाज़त नहीं दी गई थी. इसके बाद नेशनल कॉन्फ़्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के घर सर्वदलीय बैठक हुई. बैठक में पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर, पीपुल्स मूवमेंट के नेता शाह फैसल और सज्जाद लोन भी शामिल हुए. सर्वदलीय बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहचान, स्वायत्तता और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को लेकर सभी पार्टियां एक साथ हैं. उन्होंने लोगों से अमन की अपील भी की.
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नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बैठक में स्वीकार किए गए प्रस्ताव के हवाले से कहा कि पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने तथा संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-ए को रद्द करने की किसी कोशिश के परिणामों से उन्हें अवगत कराने का फैसला किया है. बैठक में यह भी कहा गया कि 35 ए और 370 से छेड़छाड़ को किसी भी हाल में मंजूर नहीं किया जाएगा.
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बैठक में पार्टियों ने भारत और पाकिस्तान से ऐसा कोई कदम नहीं उठाने की अपील की है, जो क्षेत्र में तनाव बढ़ाता हो. उन्होंने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की. यह बैठक महबूबा के आवास पर प्रस्तावित थी, लेकिन अब्दुल्ला के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए इसका आयोजन नेकां नेता के आवास पर हुआ. सुरक्षा कारणों को लेकर जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा बीच में ही रोक दी और तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से यथाशीघ्र घाटी छोड़ने को कहा था.
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बता दें कि इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि वह राज्य के विशेष दर्जें के साथ छेड़छाड़ ना करें. उन्होंने कहा कि ऐसे कदम के नतीजे अच्छे नहीं होंगे. महबूबा ने अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ शुक्रवार रात को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की थी और उनसे उन 'अफवाहों को खारिज करने का अनुरोध किया था, जिससे घाटी में भय का माहौल पैदा हो गया है.' उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिए जो कुछ भी बाकी बचा है, उसे भारत, जम्मू कश्मीर की जनता से 'बलपूर्वक छीनने' की तैयारी में है.
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उधर, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर राज्य के हालात को सामान्य बताया है. उन्होंने कहा है कि अफ़वाहें फैलाई जा रही हैं, जिसपर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को राज्य के विशेष दर्जे के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. उनकी यह टिप्पणी उमर अब्दुल्ला के साथ हुई मुलाकात के कुछ घंटों के बाद आई थी.
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अंदेशा जताया था कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उनकी पार्टी को भरोसा दिलाया दिया है कि संविधान के 'अनुच्छेद 370 और 35 ए' को रद्द किए जाने या राज्य को तीन हिस्सों में बांटने जैसा कदम उठाने की कोई योजना नहीं है. हालांकि, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन मुद्दों पर सोमवार को संसद में केंद्र का आश्वासन चाहते हैं क्योंकि जम्मू कश्मीर पर राज्यपाल अंतिम प्राधिकार नहीं हैं.
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(इनपुट: भाषा से भी)
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