![Jammu Kashmir: अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं फारुक अब्दुल्ला की बेटी और बहन को पुलिस ने हिरासत में लिया Jammu Kashmir: अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं फारुक अब्दुल्ला की बेटी और बहन को पुलिस ने हिरासत में लिया](https://c.ndtvimg.com/2019-10/71qs3ia_srinagar-womens-protest-october-2019_650x400_15_October_19.jpg?downsize=773:435)
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के खिलाफ महिलाएं श्रीनगर में प्रदर्शन कर रही थीं. प्रदर्शन करने वालों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की बेटी साफिया अब्दुल्ला खान और बहन सुरैया भी शामिल थीं. पुलिस ने इन दोनों समेत कई महिलाओं को अपनी हिरासत में ले लिया है. ये सभी महिलाएं जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्या का दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटने का विरोध कर रही थीं. होर्डिंग्स के साथ ये महिलाएं लाल चौक पर प्रताप पार्क में इकट्ठा हुई थीं. इसके बाद उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया. पुलिस ने वहां पहुंचकर महिलाओं को तितर-बितर किया और करीब एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं को हिरासत में ले लिया.
बता दें, फारुक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला पहले से ही हिरासत में हैं. फारुक अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में रखा गया है.
कश्मीर में बंद की गई SMS सेवा, सोमवार को ही 72 दिन बाद बहाल की गई थी पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं
वहीं, जम्मू-कश्मीर में एसएमएस सेवा को बंद कर दिया गया. सोमवार को 72 दिन के बाद पोस्टपेड मोबाइल नेटवर्क सेवा बहाल की गई थी, इसके कुछ घंटे बाद ही एसएमएस सेवा बंद कर दी गई. सोमवार के बाद घाटी के करीब 40 लाख पोस्टपेड मोबाइल फोन ने काम करना शुरू कर दिया है. हालांकि इन सबके बीच वहां के लोगों के लिए अब एक नई परेशानी सामने आ गई है. मोबाइल फोन सेवाएं तो बहाल हो गई हैं, लेकिन आउटगोइंग कॉल लोगों के लिए समस्या का सबब बन गया है. ज्यादातर मोबाइल यूजर्स को बीते 72 दिन का बिल भेजा गया है साथ ही बिल जमा न होने के कारण उनकी आउटगोइंग सेवाएं बंद कर दी गई है. बता दें, कश्मीर में इंटरनेट सेवा को अभी तक बहाल नहीं किया गया है, जिस वजह से लोगों ने बिल का भुगतान नहीं किया है.
गौरतलब है कि बीते 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा (आर्टिकल 370) हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद से ही वहां संचार सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. संचार सेवाओं को बंद करना सरकार की तरफ से उठाए गए एहतियाती उपायों का हिस्सा था, जिसके तहत राजनेताओं की नजरबंदी, अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती और सैलानियों को घाटी से हटाना शामिल था. ये सभी कदम वहां संघर्षों को रोकने के लिए उठाए गए थे.
VIDEO: मोबाइल पोस्टपेड सेवा शुरू करने के कुछ घंटों बाद एसएमएस सेवा को किया बंद
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