श्रीनगर:
जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए राज्य की कई प्रमुख पार्टियों के लगभग 400 नेताओं का सुरक्षा घेरा हटा लिया है। राज्य सरकार ने नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा की, जिसमें यह पाया गया कि आतंकवादी घटनाओं में कमी आने से सम्बधित नेताओं के प्रति खतरा कम हुआ है, जिससे उनकी सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किए जाने की आवश्यकता नहीं है। सरकार द्वारा रविवार देर रात लिए गए इस फैसले से लगभग सभी पार्टियां प्रभावित हुई हैं, जिसमें सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस (नेकां), सहयोगी पार्टी कांग्रेस, मुख्य विपक्षी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता भी शामिल हैं। राज्य के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा किए जाने के बाद पाया गया कि उनकी सुरक्षा को किसी तरह का खतरा नहीं है। सम्बंधित नेताओं की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की आवश्यकता नहीं है।" राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों के लिए और अधिक पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है। अधिकारी ने कहा, "चुनावों के दौरान आतंकवादियों के खतरे को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं क्योंकि इस तरह के चुनावों में हिंसा की सम्भावना बनी रहती है।" राज्य में 4,000 से अधिक पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं। राज्य सरकार ने मई के अंत तक चुनाव सम्पन्न कराने की योजना बनाई है।
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जम्मू कश्मीर, सुरक्षा घेरा