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This Article is From Feb 01, 2020

जामिया फायरिंग मामला: CAA के खिलाफ प्रदर्शनों को राष्ट्र विरोधी गतिविधियां मानता था नाबालिग

पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि वह CAA के खिलाफ प्रदर्शनों की खबरें भी पढ़ता था और इन प्रदर्शनों को ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियां’ मानता था.

जामिया फायरिंग मामला: CAA के खिलाफ प्रदर्शनों को राष्ट्र विरोधी गतिविधियां मानता था नाबालिग
30 जनवरी को नाबालिग ने जामिया में की थी फायरिंग
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
दक्षिणपंथी संगठनों के दो लोगों की हत्या से संबंधित वीडियो देखता था हमलावर
इससे उसके अंदर गुस्से की भावना घर कर गई थी
CAA विरोधी प्रदर्शनों को ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियां’ मानता था
नई दिल्ली:

दिल्ली के जामिया नगर (Jamia Nagar) में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वाला युवक सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश में दक्षिणपंथी संगठनों के दो लोगों की हत्या से संबंधित वीडियो और सामग्री देखता रहता था और इससे उसके अंदर गुस्से की भावना घर कर गई थी. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि वह CAA के खिलाफ प्रदर्शनों की खबरें भी पढ़ता था और इन प्रदर्शनों को ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियां' मानता था.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में उसने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के जेवर के अपने गृह नगर से बस से दिल्ली आया और फिर ऑटो लेकर जामिया के प्रदर्शन स्थल पहुंचा. उसकी योजना वहां से शाहीन बाग जाने की थी. वह अपने बैग में देसी कट्टा रखकर आया था और प्रदर्शन स्थल से पांच बार लाइव किया था. फेसबुक पेज पर उसकी कवर फोटो में वह तलवार लिए नजर आ रहा है. अधिकारी ने कहा कि वह जामिया और शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शनों से गुस्सा था और उन्हें 'राष्ट्र विरोधी' मानता है. उसका मानना है कि ऐसे प्रदर्शनों से लोगों को असुविधा होती है. 

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अपने फेसबुक प्रोफाइल में उसने जिक्र किया था कि वह ‘चंदन भाई' का बदला ले रहा है. उसकी प्रोफाइल अब डिलीट हो चुकी है. माना जा रहा है कि चंदन भाई वह संभवत: चंदन गुप्ता के लिए इस्तेमाल कर रहा है जिसे उत्तर प्रदेश के कासगंज में 2018 में गणतंत्र दिवस के दिन मोटरसाइकिल रैली निकाले जाने के दौरान गोली मारी गई थी, बाद में उसकी मौत हो गई थी. अधिकारी ने बताया कि आरोपी हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या से भी गुस्सा था. तिवारी की 18 अक्टूबर को लखनऊ में हत्या कर दी गई थी.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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