पश्चिम बंगाल के गवर्नर के एन त्रिपाठी
जादवपुर:
दिल्ली स्थित जेएनयू का विवाद अभी थमा नहीं है कि पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय ने बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का बिगुल बजा दिया है। जादवपुर विश्वविद्यालय में शुक्रवार से जारी अशांति के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के एन त्रिपाठी ने कहा है कि विश्वविद्यालय तेजी से ‘अशांति का केन्द्र’ बनता जा रहा है और अधिकारियों को इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। त्रिपाठी के मुताबिक ‘उत्कृष्टता के एक केन्द्र के रूप में पहचाना जाने वाला जादवपुर विश्वविद्यालय तेजी से अशांति के केन्द्र के रूप में तब्दील हो रहा है। अधिकारियों को इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’बता दें कि त्रिपाठी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं।
त्रिपाठी से जब यह पूछा गया कि क्या वह जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति से घटना के सिलसिले में रिपोर्ट मांगेंगे तो जवाब मिला‘हमने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है।' दरअसल विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी राजनीतिक पृष्ठभूमि की फिल्म ‘बुद्ध़ा इन ए ट्रैफिक जाम’की स्क्रीनिंग को लेकर शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों समूहों के बीच संघर्ष हो गया था। इस अव्यवस्था के बीच कुछ लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटना की खबर भी आई, साथ ही भाजपा नेता रूपा गांगुली को कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं दी गई।
'राष्ट्र-विरोधी तत्व'
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार देर शाम फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद हंगामा शुरू हुआ और एबीवीपी के छात्रों का वाम समर्थक संगठन के सदस्यों से संघर्ष हुआ जिसमें कुछ लोगों को मामूली चोटें आयी। इसके बाद भाजपा ने जादवपुर विश्वविद्यालय को ‘राष्ट्र-विरोधी तत्वों’का गढ़ बताते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी माकपा और विश्वविद्यालय के कुलपति राष्ट्र-विरोधी तत्वों का समर्थन कर रहे हैं। राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि 'जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच अशांति आम बात हो गई है। एक ऐसी फिल्म की स्क्रीनिंग अवैध रूप से रोक दी गई जिसे सेंसर बोर्ड द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है।'
घोष ने आरोप लगाया कि जादवपुर यूनिवर्सिटी राष्ट्र-विरोधी ताकतों का गढ़ है और वाम समर्थित विद्यार्थी यूनियनें राष्ट्र-विरोधी तत्वों के लिए जमीन तैयार कर रही हैं और यही वजह है कि इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के एक वर्ग द्वारा भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं।’ विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्र-विरोधी तत्वों का समर्थन करने का कुलपति पर आरोप लगाते हुए उन्होंने मांग की कि कुलपति की भूमिका की जांच कराई जाए।
त्रिपाठी से जब यह पूछा गया कि क्या वह जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति से घटना के सिलसिले में रिपोर्ट मांगेंगे तो जवाब मिला‘हमने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है।' दरअसल विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी राजनीतिक पृष्ठभूमि की फिल्म ‘बुद्ध़ा इन ए ट्रैफिक जाम’की स्क्रीनिंग को लेकर शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों समूहों के बीच संघर्ष हो गया था। इस अव्यवस्था के बीच कुछ लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटना की खबर भी आई, साथ ही भाजपा नेता रूपा गांगुली को कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं दी गई।
'राष्ट्र-विरोधी तत्व'
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार देर शाम फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद हंगामा शुरू हुआ और एबीवीपी के छात्रों का वाम समर्थक संगठन के सदस्यों से संघर्ष हुआ जिसमें कुछ लोगों को मामूली चोटें आयी। इसके बाद भाजपा ने जादवपुर विश्वविद्यालय को ‘राष्ट्र-विरोधी तत्वों’का गढ़ बताते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी माकपा और विश्वविद्यालय के कुलपति राष्ट्र-विरोधी तत्वों का समर्थन कर रहे हैं। राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि 'जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच अशांति आम बात हो गई है। एक ऐसी फिल्म की स्क्रीनिंग अवैध रूप से रोक दी गई जिसे सेंसर बोर्ड द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है।'
घोष ने आरोप लगाया कि जादवपुर यूनिवर्सिटी राष्ट्र-विरोधी ताकतों का गढ़ है और वाम समर्थित विद्यार्थी यूनियनें राष्ट्र-विरोधी तत्वों के लिए जमीन तैयार कर रही हैं और यही वजह है कि इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के एक वर्ग द्वारा भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं।’ विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्र-विरोधी तत्वों का समर्थन करने का कुलपति पर आरोप लगाते हुए उन्होंने मांग की कि कुलपति की भूमिका की जांच कराई जाए।
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