 
                                            प्रतीकात्मक चित्र
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                बेंगलुरु: 
                                        भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को कहा कि वह जनवरी के अंत में प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी37 का इस्तेमाल करके एक ही बार में रिकॉर्ड 83 उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा.
इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने पत्रकारों को बताया, 'हम जनवरी में प्रक्षेपण के लिए काम कर रहे हैं। यह जनवरी के अंत तक होगा. तारीख तय करनी है.' प्रक्षेपित किए जाने वाले 83 उपग्रहों में से 80 इस्राइल, कजाखस्तान, नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड और अमेरिका के हैं.
तीन भारतीय उपग्रह काटरेसैट-2 सीरीज के हैं, प्राथमिक पेलोड के तौर पर जिनका वजन 730 किलोग्राम है. भारतीय उपग्रहों में आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी भी हैं, जिनका वजन 30 किलोग्राम है.
अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में रिकॉर्ड बनाते हुए इसरो ने जून में पीएसएलवी-सी34 से एक ही मिशन में 20 उपग्रहों, जिसमें इसका पृथ्वी पर्यवेक्षण काटरेसैट-2 सीरीज शामिल है, का सफल प्रक्षेपण किया था. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से यह प्रक्षेपण किया गया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने पत्रकारों को बताया, 'हम जनवरी में प्रक्षेपण के लिए काम कर रहे हैं। यह जनवरी के अंत तक होगा. तारीख तय करनी है.' प्रक्षेपित किए जाने वाले 83 उपग्रहों में से 80 इस्राइल, कजाखस्तान, नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड और अमेरिका के हैं.
तीन भारतीय उपग्रह काटरेसैट-2 सीरीज के हैं, प्राथमिक पेलोड के तौर पर जिनका वजन 730 किलोग्राम है. भारतीय उपग्रहों में आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी भी हैं, जिनका वजन 30 किलोग्राम है.
अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में रिकॉर्ड बनाते हुए इसरो ने जून में पीएसएलवी-सी34 से एक ही मिशन में 20 उपग्रहों, जिसमें इसका पृथ्वी पर्यवेक्षण काटरेसैट-2 सीरीज शामिल है, का सफल प्रक्षेपण किया था. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से यह प्रक्षेपण किया गया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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