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This Article is From Nov 30, 2015

भारत की जासूसी के लिए बीएसएफ और पुलिस में आईएसआई के एजेंट, दो गिरफ्तार

भारत की जासूसी के लिए बीएसएफ और पुलिस में आईएसआई के एजेंट, दो गिरफ्तार
आईएसआई के गिरफ्तार एजेंट कैफेतुल्लाह (टोपी पहने) और अब्दुल रशीद।
नई दिल्ली: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई जासूसी करवाकर भारत को नुकसान पहुंचाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। पुलिस और सुरक्षा बलों में ही उसके एजेंट काम कर रहे हैं जो खुफिया सूचनाएं उस तक पहुंचा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने बीएसएफ की इंटेलीजेंस विंग में तैनात एक हेडकांस्टेबल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व जवान को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस मामले में पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी भी शक के दायरे में हैं। एक हफ्ते के अंदर 6 आईएसआई एजेंट गिरफ्तार हो चुके हैं।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक कैफेतुल्लाह और अब्दुल रशीद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहे हैं। यह दोनों जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं और आपस में रिश्तेदार भी हैं। दोनों ई-मेल,व्हाट्सएप और वीबर के जरिए खुफिया जानकारियां और दस्तावेज आईएसआई को भेज रहे थे।

आर्मी और बीएसएफ में सेंध
पुलिस के मुताबिक सन 2013 में कैफेतुल्लाह खान अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्तान के गुजरांवाला गया था। वहां उसकी मुलाकात आईएसआई के एक हैंडलर से हुई। उसे पैसे का लालच देकर कहा गया कि भारतीय सेना में अपने लोग भर्ती करवाओ और खुफिया जानकारियां और दस्तावेज हासिल करो। तभी से कैफेतुल्लाह मिशन आईएसआई पर लगा हुआ है।    

एक खुफिया जानकारी के बाद पहले 26 नवंबर को कैफेतुल्ला को नई दिल्ली स्टेशन से तब पकड़ा गया जब वह भोपाल में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहा था। उससे पूछताछ के बाद बीएसएफ के इंटेलीजेंस विंग में तैनात हेड कांस्टेबल अब्दुल रशीद को पकड़ा गया। अब्दुल रशीद खुफिया जानकारियां और दस्तावेज मुहैया कराता था। दोनों आरोपी 2 साल से जासूसी कर रहे थे। आरोपियों ने आर्मी और वायुसेना से जुड़ी खुफिया जानकारियां आइएसआई को मुहैया कराईं। उन्होंने झांसी की आर्मी छावनी का नक्शा भी हासिल किया। आईएसआई मध्य-पूर्वी देशों के जरिए एजेटों को पैसा दे रही है।

पाक दूतावास भी शक के घेरे में
इस मामले में पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी भी शक के दायरे में हैं। क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर रवींद्र यादव के मुताबिक हाल ही में कैफेतुल्लाह को पाकिस्तान से फोन आया था कि वह भोपाल से लौटने के बाद पाकिस्तान आ जाए, पाकिस्तान दूतावास में एक अधिकारी उसका बीजा बनवा देगा। हालांकि उसे उस अधिकारी का नाम नहीं बताया गया था।

एक हफ्ते में 6 गिरफ्तारियां
इससे पहले बीते हफ्ते मेरठ से आईएसआई एजेंट मोहम्मद एजाज और कोलकाता में इरशाद अंसारी, उसका बेटा अश्फाक और रिश्तेदार मोहम्मद जहांगीर गिरफ्तार हो चुके हैं। यानि पूरे देश में 7 दिन में 6 संदिग्ध आईएसआई एजेंट गिरफ्तार हुए हैं।

कौन है कैफेतुल्लाह?
44 साल का मास्टर राजा उर्फ कैफेतुल्लाह खान राजौरी जिले के कलाई गांव का रहने वाला है। उसके कई रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं। कैफेतुल्लाह 1999 में बीएसएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस में चयनित हो गया था, लेकिन उसने ज्वाइन नहीं किया। हांलाकि उसे हथियारों के साथ तस्वीरें खिंचवाने का शौक पहले से था। कुछ साल पहले उसे गांव के पास ही सरकारी स्कूल में लाइब्रेरियन की नौकरी मिल गई, लेकिन उसे ज्यादा पैसे कमाने का शौक था। उस पर मानव अंगों की खरीद-फरोख्त का मामला भी दर्ज है, लेकिन 2 साल से वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में आ गया। आईएसआई विदेशी चैनलों के जरिए उसके एकाउंट में लाखों रुपये भेज रही थी और बदले में वह खुफिया जानकारियां और दस्तावेज भेज रहा था।   
आरोपी कैफेतुल्लाह को हथियार लेकर तस्वीरें खिंचाने का शौक है।

शक है कि अब्दुल रशीद की तरह कैफुल्लाह के गिरोह में आर्मी, बीएसएफ और पैरा मिलिट्री फोर्स के कई जवान हो सकते हैं। उनके जरिए  संवेदनशील जानकारियां आईएसआई तक भेजी जा रही हैं। पुलिस सूत्रों का दावा है कि कैफेतुल्लाह  खान के तार असम,पश्चिम बंगाल और गुजरात से जुड़े हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस से उसका डोजियर मांगा गया है। इस बात की भी जांच चल रही है कि क्या मेरठ और कोलकाता में गिरफ्तार हुए आईएसआई एजेंटों से कैफेतुल्लाह के तार जुड़े हैं।

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