नई दिल्ली:
नीति आयोग ने कहा है कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले केंद्र के वित्त पोषण वाले शैक्षिक संस्थानों को और अधिक पैसा तथा संचालनात्मक स्वायत्तता मिलेगी. नीति आयोग को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों का सुझाव देने का काम सौंपा गया था. नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने कहा कि सरकार 'बेहतर प्रदर्शन ना करने वाले' उच्च शैक्षिक संस्थानों पर करीबी नजर रखेगी और अगर एक अवधि तक अकादमिक प्रदर्शन के तौर पर उनकी रैंकिंग में सुधार नहीं आया तो उन्हें दिए जाने वाले वित्तीय सहयोग की समीक्षा की जाएगी. सारस्वत ने कहा, 'उच्च शिक्षा का फोकस अब गुणवत्ता पर है. आयोग ने कहा है कि शैक्षिक संस्थानों का मूल्यांकन उनके नतीजों के आधार पर किया जाएगा जैसे कि किसी शैक्षिक संस्थान ने गुणवत्ता के किस स्तर को हासिल किया है, एक संस्थान ने कितने पीएचडी शोधार्थी दिए हैं.''
पूर्व डीआरडीओ प्रमुख सारस्वत ने कहा कि सरकार की शैक्षिक संस्थानों के लिए तीन स्तरीय स्वायत्तता तंत्र पेश करने की योजना है. उन्होंने कहा, 'बेहतर प्रदर्शन करने वाले शैक्षिक संस्थानों को अधिक संचालनात्मक स्वायत्तता और वित्तीय सहयोग मिलेगा. मान लीजिए की अगर वे नये शोध केंद्र खोलना चाहते हैं तो सरकार वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराएगी.' प्रधानमंत्री कार्यालय ने आयोग को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए एक खाका तैयार करने का काम दिया था.
भारत शोध और विकास पर अपनी जीडीपी का करीब एक फीसदी खर्च करता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वैज्ञानिक मंत्रालयों के लिए 2017-18 बजट में 37,435 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था कि 1000 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ उच्च शिक्षा वित्त एजेंसी स्थापित की जाएगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पूर्व डीआरडीओ प्रमुख सारस्वत ने कहा कि सरकार की शैक्षिक संस्थानों के लिए तीन स्तरीय स्वायत्तता तंत्र पेश करने की योजना है. उन्होंने कहा, 'बेहतर प्रदर्शन करने वाले शैक्षिक संस्थानों को अधिक संचालनात्मक स्वायत्तता और वित्तीय सहयोग मिलेगा. मान लीजिए की अगर वे नये शोध केंद्र खोलना चाहते हैं तो सरकार वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराएगी.' प्रधानमंत्री कार्यालय ने आयोग को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए एक खाका तैयार करने का काम दिया था.
भारत शोध और विकास पर अपनी जीडीपी का करीब एक फीसदी खर्च करता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वैज्ञानिक मंत्रालयों के लिए 2017-18 बजट में 37,435 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था कि 1000 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ उच्च शिक्षा वित्त एजेंसी स्थापित की जाएगी.
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