भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज़ अहमद चौधरी की मुलाकात उत्साहवर्धक रही है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक दोनों विदेश सचिवों ने जिस तरह से अलग-अलग मुद्दों पर अपने रुख़ को रखा उससे बातचीत की प्रक्रिया सकारात्मक तौर से आगे बढ़ने की उम्मीद जगी है।
मुलाक़ात के बाद विदेश सचिव की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत ने मुबंई हमला समेत सीमा पार आतंकवाद पर अपनी चिंताओं को दोहराया। विदेश सचिव हालांकि सार्क देशों के दौरे पर हैं लेकिन इस्लामाबाद के उनके पड़ाव पर सबकी ख़ास निगाह लगी हुई है। इस दौरे का मकसद सार्क देशों के बीच आपसी रिश्तों को बेहतर और मज़बूत बनाना है। लेकिन पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधो की जटिलता को देखते हुए विदेश सचिवों की ये मुलाकात अलग अहमियत वाला है।
पिछले साल विदेश सचिवों की मुलाक़ात के ठीक पहले कश्मीरी अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से पाकिस्तानी उच्चायुक्त की मुलाक़ात से नाराज़ होकर भारत ने बातचीत की प्रक्रिया रोक दी थी। क़रीब सात महीने बाद ये मुलाक़ात हुई है। विदेश सचिव पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात कर रहे हैं।
अगले साल सार्क सम्मेलन पाकिस्तान में होना है। ऐसे में भारत की कोशिश बातचीत के ज़रिए पाकिस्तान से ऐसे नतीजे हासिल करने की होगी जो प्रधानमंत्री की संभावित पाकिस्तान यात्रा के लिए आधार का काम कर सके।
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