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This Article is From Nov 30, 2018

तीन तिमाही में सबसे कम रही जीडीपी वृद्धि दर, दूसरी तिमाही के वृद्धि दर को वित्त मंत्रालय ने बताया निराशाजनक

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर का आंकड़ा ‘निराशाजनक लगता’ है लेकिन चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही का आंकड़ा बेहतर है.

तीन तिमाही में सबसे कम रही जीडीपी वृद्धि दर, दूसरी तिमाही के वृद्धि दर को वित्त मंत्रालय ने बताया निराशाजनक
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली: कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी (जुलाई-सितंबर) तिमाही में 7.1 प्रतिशत रही. यह पहली तिमाही की तुलना में कम है लेकिन पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले यह ऊंची है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले कम होने के बावजूद देश की जीडीपी वृद्धि दर चीन की वृद्धि दर से आगे बनी हुई है. इसके साथ ही भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा बरकरार रखा है. सरकार के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार स्थिर मूल्य (2011-12) के आधार पर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही थी.केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के बयान के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में जीडीपी 33.98 लाख करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 31.72 लाख करोड़ रुपये पर थी. यह 7.1 प्रतिशत वृद्धि दर्शाती है. देश की आर्थिक वृद्धि दर इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही ‘अप्रैल-जून' में 8.2 प्रतिशत रही. पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही ‘जनवरी-मार्च' में यह 7.7 प्रतिशत रही. इस प्रकार सितंबर 2018 में समाप्त दूसरी तिमाही के ताजा आंकड़े 7.1 प्रतिशत तीन तिमाहियों में सबसे कम रहे हैं.

हालांकि पिछले साल की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर इससे भी कम सात प्रतिशत रही थी. चीन की आर्थिक वृद्धि दर इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.5 प्रतिशत रही.दूसरी तिमाही में स्थिर मूल्य (2011-12) पर देश का सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 31.40 लाख करोड़ रुपये आंका गया जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 29.38 लाख करोड़ रुपये था. यह वृद्धि 6.9 प्रतिशत रही. सीएसओ आंकड़ों के अनुसार खनन उत्पादन आलोच्य तिमाही में 2.4 प्रतिशत घटा जबकि एक साल पहले जुलाई-सितंबर तिमाही में इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी.    हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.1 प्रतिशत थी. कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 3.8 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2.6 प्रतिशत थी. आलोच्य तिमाही में निर्माण क्षेत्र में भी सुधार देखा गया और इसमें 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले जुलाई-सितंबर तिमाही में इसमें 3.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी.

दूसरी तिमाही में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर निराशाजनक: वित्त मंत्रालय 

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर का आंकड़ा ‘निराशाजनक लगता' है लेकिन चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही का आंकड़ा काफी बेहतर है.शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.1 प्रतिशत रही जो तीन तिमाहियों में सबसे कम है.चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून यानी पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही. इससे पिछली जनवरी-मार्च तिमाही में यह 7.7 प्रतिशत रही थी. पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्तूबर- दिसंबर में यह 7 प्रतिशत थी.गर्ग ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत निराशाजनक लगती है. विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत और कृषि वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रही जो ठीक ठाक रही. निर्माण क्षेत्र की वृद्धि 6.8 प्रतिशत और खनन क्षेत्र में 2.4 प्रतिशत की गिरावट मानसून के महीनों की कमी दिखाता है.उन्होंने लिखा है कि अप्रैल-सितंबर की छह माह की अवधि में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही जो काफी बेहतर है. उन्होंने कहा, ‘‘इन सबके बाद भी दुनिया में यह सबसे ऊंची वृद्धि दर है.''दूसरी तिमाही में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर चीन से अधिक है. चीन में इस दौरान वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही.

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