विज्ञापन
This Article is From May 04, 2016

3 मई को इंडियन कोस्ट गार्ड और नेवी ने किया राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव अभ्यास

3 मई को इंडियन कोस्ट गार्ड और नेवी ने किया राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव अभ्यास
मुंबई: गहरे समन्दर में उफान मारती लहरों के बीच से किसी को बचाना बहुत ही कठिन और जोखिम भरा काम है। लेकिन भारतीय तट रक्षक दल और नेवी ये काम बखूबी करते आ रहे हैं। बेशक इसमें दूसरी कई एजेंसियों का भी सहयोग रहता है। सबकुछ आपसी तालमेल से होता है और इसके लिए जरुरी होता है सतत अभ्यास। मंगलवार 3 मई को ऐसा ही एक अभ्यास मुंबई से 30 नॉटिकल माइल दूर गहरे समंदर में संपन्न हुआ।

ऐसे प्लान हुआ सब..
तय योजना के मुताबिक, सुबह 6.59 बजे  एमआरसीसी को एयर ट्रैफिक कंट्रोल का कॉल मिला कि इंडो एयर का एक हवाई जहाज जो मुंबई  से सिंगापुर जा रहा था अचनाक से वो नीचे गिरने लगा है और उसका संपर्क ए टी सी से टूट गया है।  हवाई जहाज में 196 यात्री सवार थे और उसका आखिरी लोकेशन समंदर में मुंबई से 30 नॉटिकल माइल दूर मिला था। भारतीय तट रक्षक दल जो इस तरंह के बचाव अभियान का सबसे अहम एजेंसी है। सूचना मिलते ही  उसने सबसे पहले डोर्नियर प्लेन के साथ 8 पानी के जहाज भी रवाना कर दिए। नेवी का भी एक  जहाज तलाश और बचाव कार्य के लिए रवाना कर दिया गया। भारतीय तट रक्षक दल पश्चिमी कमान के प्रवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि जहाज में लगे इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर के जरिये हमें प्लेन की क्रैश साइड का पता चला। डोर्नियर ने वहां जाकर देखा तो 100 के करीब लोग पानी में दिखे।

कोस्टगॉर्ड के जहाजी बेड़े ने मौके पर पहुंच कर छोटी नावों के जरिये बचाव शुरू किया। देखते ही देखते हेलीकॉप्टर भी हवा में मंडराने लगे। मौके पर पहुंच कर समंदर में डूब रहे लोगों को रस्सी से ऊपर हेलिकॉप्टर में खींचना और फिर उन्हें पास में ही लंगर डाले खड़ी बड़ी जहाजों में पहुचाने का सिलसिला शुरू कर दिया। कोस्ट गॉर्ड के साथ नौसेना और एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर भी बचाव कार्य में जुट गए।

नौसेना पश्चिमी कमान के प्रवक्ता राहुल सेना ने बताया कि गहरे समन्दर में इस खोज और बचाव अभ्यास को देखने के लिए 9 दूसरे देशों के तट रक्षक दल के जवान भी आये थे। अंतराष्ट्रीय समंदर में एक दूसरे की जरूरतों को समझने और जरूरत पड़ने पर मदद करने के लिए आगे आने के उद्देश्य से ये अभ्यास किया जाता है।इससे हमें अपनी तयारी और क्षमता को जांचने का मौका मिलता है।

राष्ट्रीय स्तर पर हर 2 साल में होने वाले इस बचाव अभ्यास में बीएमसी, पुलिस, बीपीटी, एटीसी, एयर इंडिया और एअरपोर्ट अथॉरिटी जैसी दर्जनों एजेंसियां भी शामिल थी। एरोड्रम रेस्क्यू एंड फायर फाइटिंग के डिप्टी मेनेजर नितिन सावंत के मुताबिक इस अभ्यास की सबसे बड़ी खासियत एक ऐसे कमांड सेंटर की स्थापना थी जिसमें  सिर्फ पानी और हवा में काम करने वाली एजेंसियों के साथ ज़मीन पर  बचाव कार्य करने वाली एजेंसियों को शामिल किया गया था। जो एक प्रभावी और सफल बचाव कार्य के लिए जरुरी है।

'हम रक्षा करते हैं' को किया है सार्थक...
इस बचाव अभ्यास के साथ ही कोस्ट गॉर्ड ने समंदर में आग बुझाने की अपनी क्षमता का भी परिचय दिया। बहरहाल अभ्यास की बात छोड़ दें तो हकीकत में भी भारतीय तट रक्षक दल ने 1978 से अभी तक 2336 बचाव अभियानों में 7038 जिंदगियां बचाकर अपने  घोष वाक्य वयम रक्षम: मतलब हम रक्षा करते हैं को सार्थक किया है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
इंडियन कोस्ट गार्ड, नेवी, नौसेना, Indian Coast Guard, Navy
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com