भारतीय मूल की अमेरिकी महिला की सजा ने शुरू की कानून पर बहस

वाशिंगटन:

भारतीय मूल की अमेरिकी महिला पूर्वी पटेल को भ्रूणहत्या एवं बाल अत्याचार पर 30 साल की अत्यंत सख्त सजा ने अमेरिका में बहस छेड़ दी है कि कैसे अभियोजक गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का इस्तेमाल गर्भपात कराने पर महिलाओं को अपराधी ठहराने के लिए कर रहे हैं।

पूर्वी पटेल (33) को आश्रित की उपेक्षा के आरोप के सिलसिले में सोमवार को 30 साल की सजाए कैद सुनाई गई, जिसमें से 10 साल की सजाए कैद निलंबित है। उसे पांच साल का प्रोबेशन भी काटना होगा।

‘एबीसी न्यूज’की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी को भ्रूणहत्या के मामले में छह साल की सजाए कैद सुनाई गई, जो आश्रित की उपेक्षा की सजा के साथ ही चलेगी।

प्रजनन अधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि इंडियाना में रहने वाली पूर्वी की सजा यह उजागर करती है कि कैसे अमेरिकी अभियोजक गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का इस्तेमाल गर्भपात कराने पर महिलाओं को अपराधी ठहराने के लिए कर रहे हैं।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

नेशनल ऐडवोकेट्स फॉर प्रेग्नेंट वूमेन (एनएपीडब्ल्यू) की कार्यकारी निदेशक लिन पाल्ट्रो ने कहा, जहां गर्भपात कराने या आकस्मिक गर्भपात होने पर किसी महिला को आपराधिक आरोपों का सामना नहीं करना पड़ना चाहिए, इस सजा की निर्मम लंबी अवधि पुष्टि करती है कि गर्भपात विरोधी संगठनों की तरफ से प्रोत्साहित की जा रही भ्रूणहत्या और अन्य उपाय का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा करना नहीं, बल्कि उन्हें सजा देना है।