कुलभूषण जाधव केस : भारत की पाक के खिलाफ बड़ी जीत, ICJ ने अंतिम फैसले तक फांसी पर लगाई रोक

भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दमदार दलील रखते हुए कुलभूषण जाधव की फांसी की सज़ा को तत्काल रद्द किए जाने की मांग की थी.

कुलभूषण जाधव केस : भारत की पाक के खिलाफ बड़ी जीत, ICJ ने अंतिम फैसले तक फांसी पर लगाई रोक

कुलभूषण जाधव की फांसी पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का फैसला

खास बातें

  • पाक का दावा, जाधव को 3 मार्च को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया गया
  • भारत हालांकि कहता रहा है कि जाधव को ईरान से गिरफ्तार किया गया
  • 9 मई को ICJ ने अंतरिम उपाय के तहत मौत की सजा स्थगित कर दी थी
नई दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत से जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोप में मौत की सजा पाये भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर आज रोक लगा दी. मौत की सजा के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च न्यायिक संस्था में भारत के पक्ष को मजबूती देते हुये अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिये ‘सभी आवश्यक कदम उठाये’ कि उसके (अंतरराष्ट्रीय न्यायालय) द्वारा अंतिम फैसला सुनाये जाने तक जाधव को फांसी न दी जाये. न्यायालय के अध्यक्ष रोनी अब्राहम ने फैसला पढ़ते हुये कहा कि 11 न्यायाधीशों की पीठ ने एकमत से यह फैसला लिया है.

न्यायालय ने कहा कि वियना संधि के मुताबिक भारत को उसके नागरिक से दूतावास संपर्क की इजाजत दी जानी चाहिये. भारत और पाकिस्तान दोनों ही 1977 में वियना संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी के मामले के अपने न्यायक्षेत्र में होने पर जोर देते हुये न्यायालय ने कहा कि जिन परिस्थितियों में 46 वर्षीय जाधव को गिरफ्तार किया गया वे विवाद के दायरे में हैं. भारत और पाकिस्तान द्वारा इस मामले में अपनी-अपनी दलीलें दिये जाने के तीन दिन बाद यह फैसला आया है.

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को पिछले साल 3 मार्च को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था जहां वह कथित तौर पर ईरान से दाखिल हुआ था. भारत हालांकि कहता रहा है कि जाधव को ईरान से गिरफ्तार किया गया जहां नौसेना से सेवानिवृत्ति के बाद वह कारोबार के सिलसिले में थे. जाधव का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का नया केंद्रबिंदु है. भारत ने आठ मई को दूतावासीय संबंधों पर वियना संधि के कथित उल्लंघन पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दस्तक दी थी. 9 मई को वैश्विक अदालत ने अंतरिम उपाय के तहत मौत की सजा को स्थगित कर दिया था.

कोर्ट ने कहा कि भारत और पाकिस्तान वीएना समझौता का हिस्सा है. कोर्ट ने कहा कि अदालत के पास भारत के दावे को स्वीकारने का हक है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में फैसला देने का हक भी कोर्ट को है. कोर्ट ने पाकिस्तान की ओर कुलभूषण जाधव तक भारत की पहुंच को रोकने पर भी ऐतराज जताया.

कोर्ट ने कहा कि 2008 का द्विपक्षीय  समझौता भी कोर्ट को नहीं बांध सकता है. कोर्ट अपना फैसला इस मामले में दे सकता है. यह वीएना समझौते के तहत है.

पढ़ें आईसीजे का पूरा फैसला...


वहीं, महाराष्ट्र के पवई में कुलभूषण जाधव के घर के बाहर लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए और पटाखे फोड़े. इस मामले में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह भारत की जीत है... 

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले की सराहना की और कहा कि भारत जाधव को बचाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगा.

आईसीजे का फैसला आने के बाद सुषमा ने ट्वीट किया, "मैं देश को आश्वस्त करना चाहती हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे."


सुषमा ने ट्वीट किया, "आईसीजे का आदेश जाधव के परिवार वालों और भारतीय नागरिकों के लिए राहत की तरह आया है."
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, "हम आईसीजे के समक्ष भारत का पक्ष प्रभावी तरीके से रखने के लिए हरीश साल्वे के आभारी हैं."
कोर्ट ने सोमवार को भारत-पाकिस्तान की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था. भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दमदार दलील रखते हुए कुलभूषण की फांसी की सज़ा को तत्काल रद्द किए जाने की मांग की थी. पाकिस्तान की ओर से कुलभूषण का काउंसलर एक्सेस न देने को भारत ने वियना कन्वेंशन का उल्लंघन बताया था. साथ ही पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट में कुलभूषण पर चले केस को न्याय का मज़ाक़ बताया था. वहीं पाकिस्तान की दलील थी कि ये मामला अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का नहीं है, भारत इसे राजनीति का रंगमंच बना रहा है.

भारत की दलील
  1. ये मामला पूरी तरह इस अदालत के दायरे में आता है
  2. जाधव को काउंसेलर एक्सेस नहीं देना साफ तौर पर वियना कन्वेंशन का उल्लंघन है
  3. केस में मदद काउंसेलर एक्सेस की शर्त नहीं हो सकती
  4. मौत की सज़ा सुनाने के बाद केस में सहयोग मांगा जा रहा था
  5. मिलिट्री कोर्ट में चला केस मज़ाक है
  6. सेना की गिरफ्त में होते हुए लिया गया इकबालिया बयान केस का आधार है
  7. भारत को जाधव के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिए गए
  8. (बिना काउंसेलर एक्सेस के) हमें ये तक नहीं पता कि वो पाकिस्तान पहुंचा कैसे 
  9. FIR  में उसे भारतीय बताया गया पर हाई कमीशन के अधिकारियों से मिलने नहीं दिया गया
  10. हमें डर है कि इस केस की सुनवाई खत्म होने के पहले ही उसे सज़ा ना दे दी जाए
  11. पिछले महीने ही 18 को मिलिट्री कोर्ट के फैसले के बाद फांसी दी गई
  12. इसलिए ये मामला अर्जेंट है 
  13. अंतरराष्ट्रीय कानूनों, मानवाधिकारों का पाकिस्तान ने पालन नहीं किया
  14. फौरन सजा को रद्द किया जाए


पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि 
  • जाधव का कबूलनामा सुनना ज़रूरी     
  • इसे राजनीति का रंगमंच न बनाए भारत     
  • जाधव के पासपोर्ट की बात करे भारत    
  • बलूचिस्तान में जाधव की गिरफ़्तारी    

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