
बोफोर्स घोटाले के सामने आने के बाद से तोपों की खरीद के लिए यह पहला सौदा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत और अमेरिका 145 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर तोपों की खरीद के लिए समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. यह सौदा करीब 5,000 करोड़ रुपये का होगा. गौरतलब है कि 1980 के दशक में बोफोर्स घोटाले के सामने आने के बाद से तोपों की खरीद के लिए यह पहला सौदा होगा.
रक्षा मंत्रालय ने एम 777 तोपों की खरीद के लिए फाइल को स्वीकृति प्रदान की. अब इस फाइल को वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा और फिर इसे संस्तुति के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के समक्ष रखा जाएगा. सूत्रों ने बताया कि कुछ बदलावों के लिए भी स्वीकृति दी गई है.
मंत्रालय पहले ही 25 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम तोपों की आपूर्ति की समयसीमा को कम कर दिया है, हालांकि इस वास्तविक अवधि के बारे में जानकारी नहीं है. भारत ने इन तोपों की खरीद में दिलचस्पी दिखाते हुए अमेरिकी सरकार को आग्रह पत्र भेजा था. इन तोपों को चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के क्षेत्रों में तैनात किया जाना है.
रक्षा मंत्रालय ने एम 777 तोपों की खरीद के लिए फाइल को स्वीकृति प्रदान की. अब इस फाइल को वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा और फिर इसे संस्तुति के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के समक्ष रखा जाएगा. सूत्रों ने बताया कि कुछ बदलावों के लिए भी स्वीकृति दी गई है.
मंत्रालय पहले ही 25 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम तोपों की आपूर्ति की समयसीमा को कम कर दिया है, हालांकि इस वास्तविक अवधि के बारे में जानकारी नहीं है. भारत ने इन तोपों की खरीद में दिलचस्पी दिखाते हुए अमेरिकी सरकार को आग्रह पत्र भेजा था. इन तोपों को चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के क्षेत्रों में तैनात किया जाना है.
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