विज्ञापन
This Article is From Sep 23, 2015

भारत की कोशिश, 70वें अधिवेशन में यूएन की स्थायी सदस्यता पर बन जाए बात - अशोक मुखर्जी

भारत की कोशिश, 70वें अधिवेशन में यूएन की स्थायी सदस्यता पर बन जाए बात - अशोक मुखर्जी
न्‍यूयॉर्क: सुरक्षा परिषद में बदलाव के लिए लिखित मसौदा स्वीकारे जाने के बाद अब भारत की कोशिश संयुक्त राष्ट्र के अगले अधिवेशन के दौरान स्थायी सदस्यता के मुद्दे पर अहम कामयाबी हासिल करने की होगी। सुरक्षा परिषद के विस्तार के लिए लिखित मसौदा स्वीकार लिए जाने के बाद अब नवंबर से इस पर बहस शुरू होगी। भारत चाहता है कि 70वें अधिवेशन के दौरान ही इस काम को पूरा कर लिया जाए। ये कहना है संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी का।

न्यूयॉर्क स्थित भारत के परमानेंट मिशन में NDTV से बात करते हुए मुखर्जी ने कहा कि 'संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए विकासशील देशों का सहयोग और समर्थन बहुत ही अहमियत रखता है। कुल 193 देशों वाले संयुक्त राष्ट्र में 134 विकासशील देश हैं। स्थायी सदस्यता के भारत के दावे को ज़्यादातर विकासशील देशों का समर्थन हासिल हासिल है। तभी ये संभव हुआ कि यूएएससी रिफॉर्म पर लिखित मसौदा स्वीकारे जाने के लिए 122 देशों का मत प्राप्त हुआ। फिर भी भारत की स्थायी सदस्यता के लिए 134 विकासशील देशों का साथ बहुत बड़ी चुनौती है। भारत अफ्रीकी देशों समेत दुनिया के तमाम विकासशील देशों को साथ लेकर चलने की कोशिश में लगातार जुटा रहा है।'

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा विस्तार और उसमें भारत की स्थायी सदस्यता के लिए 193 में से कम से कम दो तिहाई सदस्य देशों यानि 128 देशों का मत ज़रूरी है। भारत को कामयाबी हासिल करने में कितना वक्त लग सकता है, इस सवाल के जवाब में मुखर्जी का कहना है कि 'सुरक्षा परिषद विस्तार के बाबत अगर संयुक्त राष्ट्र महासभा में रिजोल्यूशन पास हो जाने के बाद ही इसे लागू करने की समय सीमा तय होगी। 1963 में जब विस्तार हुआ था तो रिजोल्यूशन पास होने के दो साल के भीतर ही उसे लागू कर दिया गया था।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा आज से ही शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र में हो रहे तीन दिवसीय समिट को जहां 25 सितंबर को संबोधित करेंगे, वहीं 26 सितंबर की सुबह जी4 बैठक में भी हिस्सा लेंगे। साइडलाइन्स में हो रही भारत, ब्राज़ील, जापान और जर्मनी की बैठक सुरक्षा परिषद के विस्तार के लिए आगे बढ़ने के लिहाज़ से बहुत अहम है। इसका गठन 2005 में हुआ था। जी4 के गठन के बाद सुरक्षा परिषद के विस्तार की कोशिशों को काफी गति मिली। इस बार की मुलाक़ात इस कोशिश को और गति देगी।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
संयुक्‍त राष्‍ट्र, सुरक्षा परिषद, स्‍थायी सदस्‍यता, अशोक मुखर्जी, United Nation, Security Council, Permanent Membership To India, Asoke Mukerji
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com