जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी दी कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष इस हद तक विनाशकारी साबित हो सकता है, जिसकी अभी कल्पना नहीं की जा सकती.
महबूबा ने कहा, 'अगर तनाव कम करने के लिए तत्काल उपाय नहीं किए गए, तो भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के कारण राज्य (जम्मू एवं कश्मीर) में भी भीषण विनाश हो सकता है.'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'नई दिल्ली और इस्लामाबाद, दोनों को सीमा पर जारी स्थिति के खतरनाक परिणामों को देखते हुए बातचीत के रास्ते खोलने चाहिए.' भारत के यह कहने के बाद कि उसने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर 'सर्जिकल अटैक' किए हैं, महबूबा ने यह बात कही है.
महबूबा ने कहा कि राज्य के लोगों की शांति को सबसे ज्यादा खतरा है. पिछले दो दशकों में हिंसा के कारण उन पर कई विपदाएं आई हैं. महबूबा ने कहा, 'जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के लिए सीमा पर और राज्य के भीतर शांति का खास महत्व है और मैं उम्मीद करती हूं कि दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व भी इसे इसी भावना से देखेंगे.' उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच भाइयों की तरह हमेशा प्रतिद्वंद्विता रही है, लेकिन इस शत्रुता के जारी रहने के परिणाम बदतर होंगे.'
महबूबा ने कहा कि बातचीत के अलावा और कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान को दो लड़ाइयों के बाद भी अपने विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत करनी पड़ी थी.
महबूबा ने कहा, 'मुझे पूरी उम्मीद है कि क्षेत्र में निराशाजनक माहौल के बीच, मुद्दों को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण उपाय ही सही साबित होंगे और दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्वों को नए संकल्पों के साथ शांति बहाली और सुलह करनी होगी.' उन्होंने कहा, 'द्विपक्षीय तंत्र के जरिये अपनी समस्याओं को हल करना दोनों देशों के हित में होगा.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महबूबा ने कहा, 'अगर तनाव कम करने के लिए तत्काल उपाय नहीं किए गए, तो भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के कारण राज्य (जम्मू एवं कश्मीर) में भी भीषण विनाश हो सकता है.'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'नई दिल्ली और इस्लामाबाद, दोनों को सीमा पर जारी स्थिति के खतरनाक परिणामों को देखते हुए बातचीत के रास्ते खोलने चाहिए.' भारत के यह कहने के बाद कि उसने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर 'सर्जिकल अटैक' किए हैं, महबूबा ने यह बात कही है.
महबूबा ने कहा कि राज्य के लोगों की शांति को सबसे ज्यादा खतरा है. पिछले दो दशकों में हिंसा के कारण उन पर कई विपदाएं आई हैं. महबूबा ने कहा, 'जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के लिए सीमा पर और राज्य के भीतर शांति का खास महत्व है और मैं उम्मीद करती हूं कि दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व भी इसे इसी भावना से देखेंगे.' उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच भाइयों की तरह हमेशा प्रतिद्वंद्विता रही है, लेकिन इस शत्रुता के जारी रहने के परिणाम बदतर होंगे.'
महबूबा ने कहा कि बातचीत के अलावा और कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान को दो लड़ाइयों के बाद भी अपने विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत करनी पड़ी थी.
महबूबा ने कहा, 'मुझे पूरी उम्मीद है कि क्षेत्र में निराशाजनक माहौल के बीच, मुद्दों को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण उपाय ही सही साबित होंगे और दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्वों को नए संकल्पों के साथ शांति बहाली और सुलह करनी होगी.' उन्होंने कहा, 'द्विपक्षीय तंत्र के जरिये अपनी समस्याओं को हल करना दोनों देशों के हित में होगा.'
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