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This Article is From Jun 30, 2016

इस अहम परियोजना के लिए भारत को एक अरब डॉलर का कर्ज देगा विश्व बैंक

इस अहम परियोजना के लिए भारत को एक अरब डॉलर का कर्ज देगा विश्व बैंक
पीएम मोदी के साथ विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम की फाइल फोटो
नई दिल्ली: विश्व बैंक ने भारत में सौर ऊर्जा क्षमता के विस्तार के लिए एक अरब डॉलर का कर्ज उपलब्ध कराने की घोषणा की। बैंक ने अंतरराष्ट्रीय सौर संघ (आईएसए) के साथ समझौते पर भी हस्ताक्षर किए। इसमें भारत की अगुवाई में 121 देश हैं। इसका मकसद दुनिया भर में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने में सहयोग करना है। साथ ही इसका लक्ष्य 2030 तक निवेश के लिए 1,000 अरब डॉलर की राशि जुटाना है।

समझौते पर हस्ताक्षर के समय वित्तमंत्री अरुण जेटली, बिजली मंत्री पीयूष गोयल तथा भारत यात्रा पर आए विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम उपस्थित थे। इस समझौते से बहुपक्षीय एजेंसी आईएसए के लिए एक वित्तीय सहयोगी के तौर पर स्थापित होगी।

विश्वबैंक के बयान के अनुसार बैंक ने यह भी घोषणा की कि उसकी भारत के महत्वकांक्षी सौर पहल को समर्थन देने के लिए उत्पादन में निवेश के जरिये एक अरब डालर से अधिक की राशि उपलब्ध कराने की योजना है। विश्वबैंक समर्थित परियोजनाओं में सौर 'रूफटॉप' प्रौद्योगिकी, सौर पार्क के लिए बुनियादी ढांचा, बाजार में नई सौर एवं हाइब्रिड प्रौद्योगिकी लाना तथा सौर ऊर्जा अनुकूल राज्यों के लिए ट्रांसमिशन लाइन बिछाना शामिल है।

केंद्र सरकार तथा बैंक ने 62.5 करोड़ डॉलर की ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सौर कार्यक्रम के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किए। बयान के मुताबिक, सौर पार्क परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत 20 करोड़ डालर से साझा बुनियादी ढांचा के विकास का काम चल रहा है। किम ने उम्मीद जतायी कि आईएसए के साथ समझौते पर हस्ताक्षर से पर्यावरण के अनुकूल भविष्य की ओर वैश्विक कदम बढ़ाने में मदद मिलेगी।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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