
बंगाल की खाड़ी में भारत-अमेरिका-जापान का संयुक्त अभ्यास
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
यह अभ्यास 1992 से अब तक जारी है
तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल का लक्ष्य
अगले 10 दिन तक चलेगा युद्धाभ्यास
इस अभ्यास में भारत की ओर से सबसे बड़ा विमानवाहक पोत विक्रमादित्य की अगुवाई में छह से सात युद्धपोत और एक पनडुब्बी शामिल होंगे. विक्रमादित्य पर मिग-29 के लड़ाकू विमान तो होंगे ही. वही अमेरिका की ओर से 100,000 टन वजनी विमानवाहक पोत निमित्ज के साथ साथ तीन से चार विध्वसंक (डिस्ट्रॉयर ) और परमाणु पनडुब्बी शामिल होंगे. यूएसए विमानवाहक पोत एफ -18 लड़ाकू विमान से लैस होंगे. जापान की ओर से 27 हजार टन वजनी हेलिकॉप्टर करियर इजुमो के अलावा और भी कई युद्धपोत लेकर आ रहा है. इस बार के युद्धाभ्यास की सबसे बड़ी खासियत ये होगी कि पहली बार ऐसा होगा कि तीन विमानवाहक पोत हिस्सा लेंगे. इसमें अमेरिका का निमित्ज, भारत का आईएनएस विक्रमादित्य और जापान का इजुमो विमान वाहक पोत शामिल होगा.
इस बार युद्धाभ्यास का फोकस है एन्टी सबमरीन ऑपरेशन यानी कैसे मिलकर दुश्मन की पनडुब्बी को मार गिराया जाए. हिंद महासगार के बंगाल की खाड़ी में होने इस युद्धभ्यास पर चीन की काफी टेढ़ी नजर है. वो हमेशा इस अभ्यास को संदेह से देखता है कि उसे लगता है ये सब उसको घेरने के लिए किया जा रहा है क्योंकि इन देशों का चीन के साथ किसी ना किसी मुद्दे पर विरोध रहा है. जाहिर है ऐसे वक्त में जब भारत की चीन के साथ टकराव जगजहिर है ऐसे में तीनों देशों की नौसेना मिलकर संयुक्त अभ्यास करने से चीन का अखरना लाजिमी है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं