भारत-चीन झड़प: कर्नल संतोष बाबू की मां ने याद की आखिरी फोन कॉल, सीमा पर तनाव को लेकर परेशान थे

भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में जान गंवाने वाले आर्मी ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू ने झड़प से एक दिन पहले ही अपनी मां से बात की थी. उनकी मां ने आखिरी फोन कॉल को याद करते हुए बताया कि कर्नल संतोष बाबू बॉर्डर पर चल रही टेंशन को लेकर तनाव में थे.

भारत-चीन झड़प: कर्नल संतोष बाबू की मां ने याद की आखिरी फोन कॉल, सीमा पर तनाव को लेकर परेशान थे

तेलंगाना के कर्नल संतोष बाबू ने भारत-चीन हिंसा में अपनी जान गंवा दी.

खास बातें

  • तेलंगाना के कर्नल संतोष बाबू ने झड़प में गंवाई थी जान
  • रविवार को ही अपनी मां से की थी फोन पर बात
  • सीमा पर तनाव को लेकर चिंता में थे
नई दिल्ली:

भारतीय और चीनी जवानों के बीच सोमवार की रात पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर हुई हिंसक झड़प में जान गंवाने वाले आर्मी ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू ने झड़प से एक दिन पहले ही अपनी मां से बात की थी. उनकी मां ने अपने इकलौते बेटे के साथ हुई आखिरी फोन कॉल को याद करते हुए बताया कि कर्नल संतोष बाबू बॉर्डर पर चल रही टेंशन को लेकर तनाव में थे. कर्नल संतोष का हैदराबाद में ट्रांसफर होना था, लेकिन कोरोनावायरस लॉकडाउन की वजह से इसमें देरी हो रही थी.

बता दें कि सोमवार की रात को हुई इस झड़प में तेलंगाना के कर्नल संतोष बाबू और दो जवानों- तमिलनाडु के हवलदार पिलानी और झारखंड के सिपाही ओझा सहित 20 जवानों की जान गई है. 1975 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत और चीन के जवानों के बीच कोई हिंसक झड़प हुई हो.

संतोष बाबू के रिटायर्ड बैंकर पिता बी उपेन्द्र और मां मंजूला को इससे गहरा सदमा लगा है. कर्नल की पत्नी, एक बेटी और एक बेटा दिल्ली में हैं. उनके पिता ने न्यूज एजेंसी ANI से बुधवार की सुबह कहा, 'पहले तो हमें विश्वास ही नहीं हुआ, लेकिन बाद में ऊपर से हमें बताया गया कि क्या हुआ है. हमारे बेटे ने बहुत सी चुनौतियों का सामना किया.' उन्होंने बताया कि वो चाहते थे कि उनके बेटे आर्मी में जाएं क्योंकि वो भी कभी सेना के जवान बनना चाहते थे, जो नहीं हो पाया था. उन्होंने कहा, 'मैं चाहता था कि मेरा बेटा सेना में शामिल होकर देश की सेवा करे, जो मैं कभी नहीं कर सका. लेकिन मेरे रिश्तेदारों ने मेरे इस विचार का विरोध किया था.'

रविवार की शाम को उन्होंने अपनी मां से बात की थी. इस आखिरी कॉल में उन्होंने बॉर्डर टेंशन पर चिंता जताई थी लेकिन कहा था कि वो इस बारे में उनसे बात नहीं कर सकते क्योंकि यह संवेदनशील मामला है. उनके पिता ने कहा, 'मैंने उसे ध्यान रखने को कहा था.' उनकी मां ने कहा, 'मुझे अपने बेटे को लेकर गर्व और दुख दोनों है. मेरे बेटे ने देश के लिए अपनी जान बिछा दी. लेकिन एक मां के तौर पर मैं बहुत दुखी हूं. वो मेरा इकलौता बेटा था.'

संतोष बाबू 16वीं बिहार रेजीमेंट में कमांडिंग ऑफिसर थे. उनकी 2004 में सेना में भर्ती हुई थी और पहली पोस्टिंग उनकी जम्मू-कश्मीर में हुई थी. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 'कर्नल संतोष बाबू ने अपनी जान देश के लिए दे दी. उनके बलिदान की तुलना किसी भी तरह नहीं की जा सकती.' उनकी सरकार ने कर्नल के परिवार को हरसंभव मदद देने की घोषणा की है.

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