भारत और फ्रांस अपने नागरिकों के बीच आपसी संबंधों को परस्पर बेहतर बनाने की दिशा में अब काम करेंगे. यह कहना है भारत में फ्रांसीसी राजदूत अलेक्जेंडर जेग्लर का. उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस अपने नागरिकों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए काम करेंगे, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी के महत्वपूर्ण पहलूओं में से एक है. उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संबंध का आधार रणनीतिक भागीदारी है. जेग्लर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाना एक ऐसा महत्वपूर्ण पहलू है जिस पर हम भविष्य में और काम करना चाहेंगे. अगले 50 वर्ष तक रणनीतिक भागीदारी पर बात करने का कोई अर्थ नहीं निकलता है अगर हम अपनी आने वाली पीढ़ी को इसके लिए तैयार न करें.’
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने पिछले सप्ताह अपनी भारत यात्रा के दौरान भारतीय युवकों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों का अपने देश में स्वागत करते हुए कहा था कि उन्हें गर्व होगा अगर वे फ्रांस को यूरोप में आने का प्रवेश बिंदु बनाएं और ‘लंबे समय के लिए उनके रणनीतिक भागीदार’ बनें.’
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उन्होंने बताया कि दोनों देशों की सरकारों के बीच आव्रजन तथा आवाजाही को लेकर एक समझौता है जो वीजा प्राप्ति को आसान बनाएगा, जैसे उन छात्रों और शोधकर्ताओं को कामकाजी वीजा देना जो फ्रांस जाना चाहते हैं. जेग्लर ने कहा, ‘दोनों देश हिंद महासागर में एक जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. हमारी योजना इन चुनौतियों से एक साथ निपटने की है क्योंकि हम एक ही क्षेत्र का हिस्सा हैं.’
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राजदूत अलेक्जेंडर जेग्लर भारत-फ्रांस संयुक्त नौसैनिक अभ्यास वरुण -18 को देखने गोवा पहुंचे, जो गोवा तट पर 19 मार्च को शुरू हुआ है. राजदूत ने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति के यहां पहुंचने के कारण इस साल यह अभ्यास खास है. इस वर्ष वरुण अभ्यास का लक्ष्य दोनों देशों के बीच संबंधों को और सुधारना एवं बेहतर बनाना है.
(इनपुट भाषा से)
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