कारगिल की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले वायुसेना के मिग-27 लड़ाकू विमान की आज रिटायर कर दिया गया है. तीन दशक से ज़्यादा समय की सेवा के बाद सात विमानों के अपने स्कवाड्रन को जोधपुर एयरबेस से वायुसेना ने विदाई दे दी है. भारतीय वायुसेना के बेड़े में 1985 में इन विमानों को शामिल किया गया था. रक्षा मंत्रालय ने मिग-27 को लेकर कहा, 'इन एयरक्राफ्ट्स ने युद्ध काल हो या फिर शांति का दौर भारत के लिए अहम भूमिका अदा की है'. कारगिल की जंग में इन फाइटर जेट्स ने दुश्मन के ठिकानों पर रॉकेट और बम बरसाए थे. रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘स्विंग-विंग फ्लीट का उन्नत संस्करण 2006 से वायुसेना के स्ट्राइक फ्लीट का गौरव रहा है. अन्य सभी संस्करण जैसे मिग-23 बीएन और मिग-23 एमएफ और विशुद्ध मिग 27 वायुसेना से पहले ही रिटायर हो चुके हैं.' मंत्रालय ने कहा, ‘इस बेड़े ने ऐतिहासिक करगिल युद्ध के दौरान गौरव हासिल किया था जब इसने दुश्मन के ठिकानों पर राकेट और बम सटीकता से गिराये थे. इस बेड़े ने आपरेशन पराक्रम में भी सक्रिय भूमिका निभायी थी.' बयान में कहा गया कि नम्बर 29 स्क्वाड्रन वायुसेना में मिग 27 अपग्रेड विमानों को संचालित करने वाली एकमात्र इकाई है. उन्नत संस्करण ने कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में हिस्सा लिया है. मंत्रालय ने कहा कि स्क्वाड्रन की स्थापना 10 मार्च 1958 को वायुसेना स्टेशन हलवारा में ओरागन (तूफानी) विमान से की गई थी.
Rajasthan: Indian Air Force retires MiG-27 today at Air Force Station Jodhpur pic.twitter.com/lClqHd5ifa
— ANI (@ANI) December 27, 2019
‘वर्षों तक स्क्वाड्रन को कई तरह के विमानों से लैस किया गया जिसमें मिग-21 टाइप 77, मिग-21 टाइप 96, मिग-27 एमएल और मिग-27 अपग्रेड शामिल हैं.' भारतीय वायुसेना ने मिग 27 की शुक्रवार को आखिरी उड़ान के बारे में ट्वीट किया. वायुसेना ने ट्वीट किया, ‘भारतीय वायुसेना कल ताकतवर मिग 27 को विदाई देगी. 27 दिसंबर 2019 को एयरफोर्स स्टेशन, जोधपुर में होने वाले एक भव्य समारोह में विमान को सेवा से हटाया जाएगा.'
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