Independence Day 2017: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथी बार लालकिला पर तिरंगा फहराया.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी की 70वीं सालगिरह पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में 'चलता है' का जमाना चला गया है. इसकी जगह पर बदल रहा है, बदल गया का जमाना और विश्वास लाना है. पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण पढ़ें-:
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मेरे प्यारे देशवासियों, आजादी के पावन पर्व पर देशवासियों को कोटि-कोटि शुभकामनाएं. आज पूरा देश स्वतंत्रता पर्व के साथ-साथ जन्माष्टमी का पर्व भी मना रहा है. मैं मेरे सामने देख रहा हूं, बहुत बड़ी संख्या में बाल-कन्हैया भी यहां उपस्थित हैं. सुदर्शन-चक्रधारी मोहन से ले करके चरखाधारी मोहन तक, हमारी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत के हम सब धनी हैं. देश की आजादी के लिए, देश की आन-बान-शान के लिए, देश के गौरव के लिए जिन-जिन लोगों ने अपना योगदान दिया है, यातनाएं झेली हैं, बलिदान दिया है, त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा की है, ऐसे सभी महानुभावों को, माता-बहनों को मैं लालकिले की प्राचीर से सवा सौ करोड़ देशवासियों की तरफ से शत-शत नमन करता हूं, उनका आदर करता हूं.
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कभी-कभार प्राकृतिक आपदाएं हम लोगों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाती हैं. अच्छी वर्षा देश को फलने-फूलने में बहुत ही योगदान देती है, लेकिन जलवायु परिवर्तन का नतीजा है कि कभी-कभी यह प्राकृतिक आपदा संकट का रूप ले लेती है. पिछले दिनों देश के कई भू-भागों में इस प्राकृतिक आपदा का संकट आया. पिछले दिनों अस्पताल में हमारे मासूम बच्चों की मौत हुई. इस संकट की घड़ी में, दुख की घड़ी में सवा सौ करोड़ देशवासियों की संवेदनाएं, इस आपत्ति में सबके साथ हैं. और मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि ऐसे संकट के समय पूर्ण संवेदनशीलता के साथ जन सामान्य की भलाई के लिए, सुरक्षा के लिए हम कुछ भी करने में कमी नहीं रहने देंगे.
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मेरे प्यारे देशवासियों यह वर्ष आजाद भारत के लिए एक विशेष वर्ष है. अभी पिछले सप्ताह ही Quit India Movement का 75 साल हमने स्मरण किया. यह वर्ष है, जब चम्पारण सत्याग्रह की शताब्दी मना रहे हैं. यह वर्ष है जब साबरमती आश्रम की शताब्दी का भी वर्ष है. यह वर्ष है, जब लोकमान्य तिलक जी, जिन्होंने कहा था स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है.
उन्होंने जनचेतना जगाने के लिए सार्वजनिक गणेश उत्सव की परंपरा को प्रारंभ किया था, उसको भी 125वां वर्ष, एक प्रकार से इतिहास की ऐसी तारीख है जिसका स्मरण, जिसका बौध-पाठ हमें देश के लिए कुछ न कुछ करने की प्रेरणा देता है. हम आज आजादी के 70 वर्ष और 2022 में आजादी के 75 साल मनाएंगे, ये वैसा ही है जिस तरह 1942 से 1947 देश ने सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन किया था. अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया और पांच साल के भीतर-भीतर अंग्रेजों को हिन्दुस्तान छोड़कर के जाना पड़ा. हमें..आजादी के 75 साल के पांच साल अभी हमारे पास हैं. हमारी सामूहिक संकल्प शक्ति, हमारा सामूहिक पुरूषार्थ, हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता उन महान देशभक्तों को याद करते हुए परिश्रम की पराकाष्ठा, 2022 में आजादी के दीवानों के सपनों के अनुरूप भारत बनाने के लिए काम आ सकती है और इसलिए New India का एक संकल्प लेकर के हमें देश को आगे बढ़ाना है.
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सवा सौ करोड़ देशवासियों के संकल्प से, सवा सौ करोड़ देशवासियों के पुरूषार्थ से, सवा सौ करोड़ देशवासियों के त्याग और तपस्या से और हम जानते हैं सामूहिकता की शक्ति क्या होती है. भगवान कृष्ण कितने ही सार्मथ्यवान थे लेकिन जब ग्वाले अपनी लकड़ी लेकर के खड़े हो गए, एक सामूहिक शक्ति थी गौवर्धन पर्वत उठा लिया था. प्रभु रामचंद्र जी को लंका जाना था वानर सेना के छोटे-छोटे लोग लग गए, रामसेतु बन गया, रामजी लंका पहुंच गए. एक मोहनदास कर्मचंद गांधी थे देश के कोटि-कोटि लोग हाथ में तकली लेकर के, रूई लेकर के आजादी के ताने-बाने बुनते थे. एक सामूहिक शक्ति की ताकत थी कि देश आजाद हो गया. कोई छोटा नहीं होता, कोई बड़ा नहीं होता, अरे एक गिलहरी का उदाहरण हमें मालूम है, एक गिलहरी भी परिवर्तन की प्रक्रिया की हिस्सेदार बनती है, वो कथा हम सब जानते हैं और इसलिए सवा सौ करोड़ देशवासियों में ने कोई छोटा है न कोई बड़ा है. हर कोई अपनी जगह से 2022 के आजादी के बाद के 75 साल एक नया संकल्प, एक नया इंडिया, नई ऊर्जा, नया पुरूषार्थ सामूहिक शक्ति के द्वारा हम देश में परिवर्तन ला सकते हैं. ‘New India’ जो सुरक्षित हो, समृद्ध हो, शक्तिशाली हो, ‘New India’ जहां भी हर किसी को समान अवसर उपलब्ध हो, ‘New India’ जहां आधुनिक विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में भारत का विश्व में दबदबा हो.
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स्वतंत्रता संग्राम हम लोगों की भावना से अधिक जुड़ा हुआ है. हम भली-भांति जानते हैं कि आजादी का जब आंदोलन चल रहा था तब एक शिक्षक भी स्कूल में पढ़ाई कराता था. एक किसान खेत में काम करता था, एक मजदूर मजदूरी करता था, लेकिन जो भी जो करता था उसके हृदय के मन मंदिर में उसके भाव-जगत में ये भाव था कि मैं जो काम कर रहा हूं देश की आजादी के लिए कर रहा हूं. ये भाव ये बहुत बड़ी महत्वपूर्ण ताकत होता है. परिवार में भी खाना रोज पकता है. व्यंजन सब प्रकार के बनते हैं लेकिन जो वो व्यंजन भगवान के सामने भोग के रूप में चढ़ा दिये जाते हैं, तो व्यंजन प्रसाद बन जाते हैं . हम परिश्रम करते हैं लेकिन मां भारती की भव्यता के लिए, दिव्यता के लिए, देशवासियों को गरीबी से मुक्त कराने के लिए, सामाजिक ताने-बाने को सही ढंग से बुनने के लिए हमारे हर कर्तव्य को राष्ट्रभाव से, राष्ट्र-भक्ति से, राष्ट्र को समर्पित करते हुए करते हैं तो परिणाम की ताकत अनेक गुना बढ़ जाती है. और इसलिए हम सब उस बात को ले करके आगे चलें.
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ये वर्ष 2018 का, आने वाला 18, 1 जनवरी, मैं इसे सामान्य 1 जनवरी नहीं मानता. जिन लोगों ने 21वीं शताब्दी में जन्म लिया है, उनके लिए यह महत्वपूर्ण वर्ष है. 21वीं शताब्दी में जन्मे हुए नौजवानों के लिए, ये वर्ष उनके जीवन का लिए निर्णायक वर्ष है. वो 18 साल के जब-जब होंगे, वो 21वीं सदी के भाग्य-विधाता होने वाले हैं. 21वीं सदी का भाग्य ये नौजवान बनाएंगे जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है, और अब 18 साल होने पर है. मैं इन सभी नौजवानों का हृदय से बहुत-बहुत स्वागत करता हूं, सम्मान करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं कि आइए, आप अब 18 साल की दहलीज पर आ करके खड़े हैं. देश का भाग्य निर्माण करने का आपको अवसर मिल रहा है. आप देश की विकास यात्रा में बहुत तेजी से भागीदार बनिए, देश आपको निमंत्रण देता है.
मेरे प्यारे देशवासियो, जब कुरूक्षेत्र के युद्ध में, मैदान में अर्जुन ने श्रीकृष्ण से ढेर सारे सवाल पूछे, तब कृष्ण ने अर्जुन से कहा था, जैसा मन का भाव होता है वैसा ही कार्य परिणाम होता है. और उन्होंने कहा है, मनुष्य जिस बात पर विश्वास करता है, वो ही उसको परिणाम भी नजर आता है, वही दिशा उसको नजर आती है. हमारे लिए भी, अगर मन का विश्वास पक्का होगा, उज्ज्वल भारत के लिए हम संकल्पबद्ध होंगे, तो मैं नहीं मानता हूं कि जो पहले से हम बार-बार निराशा से पले-बढ़े हैं, अब हमें आत्मविश्वास से आगे बढ़ना है; हमें निराशा को छोड़ना है. चलता है! ये तो ठीक है! अरे चलने दो! मैं समझता हूं, चलता है का जमाना चला गया, अब तो आवाज यही उठी कि बदला है, बदल रहा है, बदल सकता है; यही विश्वास हमारे भीतर होगा, तो हम भी उस विश्वास के अनुसार….साधक हो, साधन हो, सामर्थ्य हो, संसाधन हो, लेकिन जब ये त्याग और तपस्या से जुड़ जाते हैं, कुछ करने के इरादे से बन जाते हैं; तो अपने-आप बहुत बड़ा परिवर्तन आता है और संकल्प सिद्धि में परिवर्तित हो जाता है.
भाइयो, बहनों आजाद भारत में, हर देशवासी के दिल में देश की रक्षा-सुरक्षा एक बहुत स्वाभाविक बात है. हमारा देश, हमारी सेनाएं, हमारे वीर पुरुष, हर Uniformed Forces, कोई भी हो, सिर्फ Army, Air Force, Navy नहीं, सारे Uniformed Forces, उन्होंने जब-जब मौका आया है; अपना करतब दिखाया है, अपना सामर्थ्य दिखाया है, बलिदान की पराकाष्ठा करने में ये हमारे वीर कभी पीछे नहीं रहे हैं. चाहे Left-Wing Extremism हो, चाहे आतंकवाद हो, चाहे infiltrators हो, चाहे हमारे भीतर कठिनाइयां पैदा करने वाले तत्व हों, हमारे देश के इन Uniform में रहने वाले लोगों ने बलिदान की पराकाष्ठा की है. और जब Surgical Strike हुई, दुनिया को हमारा लोहा मानना पड़ा, हमारे लोगों की ताकत को मानना पड़ा.
मेरे प्यारे देशवासियों, यह साफ है कि देश की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, आंतरिक सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. समुद्र हो या सीमा हो, Cyber हो या Space हो, हर प्रकार की सुरक्षा भारत अपने आप में सामर्थ्यवान है और देश के खिलाफ कुछ भी करने वालों के हौसले पस्त होने के लिए हम ताकतवर है.
मेरे प्यारे देशावासियों, गरीबों को लूटकर के तिजोरी भरने वाले लोग आज भी चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं और उससे मेहनतकश और ईमानदार व्यक्ति का भरोसा बढ़ता है. ईमानदार को लगता है कि हां, अब मैं ईमानदारी के रास्ते पर चलूंगा तो मेरी ईमानदारी का भी कोई मूल्य है. आज माहौल बना है कि ईमानदारी का महोत्सव मनाया जा रहा है, ईमानदारी का उत्सव मनाया जा रहा है और बेईमानी के लिए सिर छुपाने की जगह नहीं बच रही है. ये काम एक नया भरोसा देता है.
बेनामी संपत्ति रखने वाले, कितने सालों तक कानून लटके पड़े थे. अभी-अभी तो हमने कानून की विधिवत रूप से व्यवस्था आगे बढ़ाई. इतने कम समय में 800 करोड़ रुपए से ज्यादा बेनामी संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली है. जब ये चीज होती है तब सामान्य मानव के मन में एक विश्वास पैदा होता है कि ये देश ईमानदार लोगों के लिए है.
30-40 वर्ष से हमारी सेना के लिए ‘वन रैंक - वन पेंशन’ मामला अटका हुआ था. जब ‘वन रैंक - वन पेंशन’ का अटका हुआ मामला, सरकार उसको पूर्ण करती है. हमारे फौजियों की आशा-आकांक्षाओं को पूर्ण करने की दिशा में सही कदम उठाती है, तो देश के लिए मर-मिटने की ताकत उनकी और बढ़ जाती है.
वीडियो: पीएम नरेंद्र मोदी ने लालकिले पर दिया अपना सबसे छोटा भाषण
देश में अनेक राज्य हैं, केन्द्र सरकार है. हमने देखा है कि GST के द्वारा देश में Cooperative Federalism, Competitive Cooperative Federalism को एक नई ताकत दी है, एक नया परिणाम नज़र आया है. और GST जिस प्रकार से सफल हुआ है, कोटि-कोटि मानव working hours उसके पीछे लगे हैं. Technology में एक miracle है, विश्व के लोगों को अजूबा लगता है कि इतने कम समय में इतने बड़े देश में GST का इस प्रकार से rollout होना, ये अपने आप में, हिन्दुस्तान में कितना सामर्थ्य है, देश की हर पीढ़ी को एक विश्वास जगाने के लिए काम आता है.
नई व्यवस्थाएं जन्म लेती हैं. आज दुगुनी रफ्तार से सड़के बन रही हैं, आज दुगुनी रफ्तार से रेलवे की पटरियां बिछाई जा रही हैं, आज 14 हजार से ज्यादा गांव, जो आजादी के बाद भी अंधेरे में पड़े हुए थे, वहां तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है और देश उजाले की तरफ बढ़ रहा है वो हम साफ देख रहे हैं. 29 करोड़ गरीबों के जब Bank Accounts खुलते हैं, किसानों के नौ करोड़ से ज्यादा Soil Health Card निकलते हैं, ढ़ाई करोड़ से ज्यादा गरीब माताओं-बहनों को लकड़ी के चूल्हे से मुक्ति मिलकर के, गैस का चूल्हा मिलता है. गरीब आदिवासी का एक हौसला बुलंद हो जाता है. गरीब व्यक्ति मुख्यधारा में जुड़ता है और देश प्रगति की ओर आगे बढ़ रहा है.
युवाओं को बिना गारंटी स्वरोजगार के लिए आठ करोड़ से ज्यादा loan की स्वीकृति मिलती है. बैंक से मिलने वाले कर्ज में ब्याज दरों में कमी होती है. महंगाई पर नियंत्रण होता है. मध्यम वर्ग का मानवय अगर अपना घर बनाना चाहता है तो उसको घर बनाने के लिए कम ब्याज दर से पैसे मुहैया कराए जाते है. तब जाकर के देश के लिए कुछ करने के लिए, देश आगे बढ़ेगा, इस विश्वास के साथ देश का जनसामान्य मानव जुड़ता रहता है.
वक्त बदल चुका है. आज सरकार जो कहती है वो करने के लिए संकल्पबद्ध नजर आती है. चाहे हमने इंटरव्यू खत्म करने की बात की हो, चाहे हमने process को खत्म करने की बात की हो. अकेले labour field में, सामान्य छोटे से कारोबारी को भी 50-60 form भरने पड़ते थे, उसको हम कम करके सिर्फ पांच फॉर्म में ले आए हैं. कहने का तात्पर्य यह है, मैं ढेर सारे उदाहरण दे सकता हूं, कहने का तात्पर्य यह है कि Good Governance, Governance की process को simplify करना, उस दिशा में बल देने का परिणाम है कि आज तेज़ गति आई है, निर्णयों में तेज़ गति आई है. और इसलिये सवा सौ करोड़ देशवासी इस विश्वास को लेकर आगे बढ़ रहे हैं.
मेरे प्यारे देशवासियों, आज भारत की साख विश्व में बढ़ रही है. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, मेरे देशवासियों आपको जानकर के खुशी होगी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आज हम अकेले नहीं हैं. दुनिया के कई देश हमें सक्रिय रूप से मदद कर रहे हैं. हवाला का कारोबार हो, तो दुनिया हमें जानकारी दे रही है. आतंकवादियों की गतिविधियों के संबंध में, विश्व हमें जानकारियां दे रहा है. हम विश्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. मैं विश्व के जो-जो देश, हमें इस काम में भली -भांति मदद कर रहे हैं, भारत की साख का गौरव बढ़ा रहे हैं, मैं उनका हृदय से अभिनन्दन करना चाहता हूं और यही वैश्विक हमारे संबंध भारत की शांति एवं सुरक्षा में भी एक नया आयाम जोड़ रहे हैं, एक नया बल दे रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर का विकास, जम्मू-कश्मीर की उन्नति, जम्मू-कश्मीर के सामान्य नागरिक के सपनों को पूरा करने का प्रयास, ये जम्मू-कश्मीर की सरकार के साथ-साथ, हम देशवासियों का भी संकल्प है. फिर से एक बार इस स्वर्ग को हम अनुभव करें, उस स्थिति में लाने के लिये हम प्रतिबद्ध हैं, हम कटिबद्ध हैं. और इसलिये मैं कहना चाहता हूं, कश्मीर के अंदर जो कुछ भी होता है, बयानबाजी भी बहुत होती हैं, आक्षेप प्रतिआक्षेप भी बहुत होते हैं, हर कोई एक दूसरे को गाली देने में लगा रहता है. लेकिन भाइयों बहनों, मैं साफ मानता हूं कि कश्मीर में जो कुछ भी घटनाएं घटती हैं, अलगाववादी, मुट्ठीभर अलगाववादी, ये अलगाववादी जिस प्रकार के नये-नये पैंतरे रचते रहते हैं, लेकिन उस लड़ाई को जीतने के लिये मेरे दिमाग में विषय साफ है. ‘न गाली से समस्या सुलझने वाली है, न गोली से समस्या सुलझने वाली है, समस्या सुलझेगी हर कश्मीरी को गले लगा कर के सुलझने वाली है’ और सवा सौ करोड़ देशवासी यही परम्परा से पला बड़ा है. और इसलीये ‘न गाली से न गोली से, परिवर्तन होगा गले लगाकर के’ और उस संकल्प को लेकर के हम आगे बढ़ रहे हैं.
आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी. आतंकवादियों को बार - बार हमने कहा है कि आप मुख्यधारा में आइये भारत के लोकतंत्र में आपको बात करने के लिये पूरा अधिकार है, पूरी व्यवस्था है. और मुख्यधारा ही है जो हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा भर सकती है.
और इसलिये मुझे खुशी है कि हमारे सुरक्षाबलों के प्रयासों से कर के Left-Wing Extremism के इलाके में बहुत बड़ी संख्या में नौजवान वापस आए surrender किये मुख्यधारा में आने की दिशा में उन्होंने प्रयास किया.
सीमा की रक्षा के लिये हमारे जवान तैनात हैं. मुझे खुशी है कि आज भारत सरकार एक ऐसी website launch कर रही है, जो Gallantry Award विजेता है, हमारे देश को गौरव दिलाने वाले लोग हैं, उनकी पूरी जानकारियों के साथ आज एक Gallantry Award प्राप्त करने वालों पर आधारित एक Portal भी प्रारंभ किया जा रहा है, जिससे देश की नई पीढ़ी को हमारे इन वीर बलिदानियों के बारे में बहुत सारी जानकारियां प्राप्त हो सकती हैं.
Technology की मदद से, देश में ईमानदारी को बल देने का हम लोगों का भरपूर प्रयास है. कालेधन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. भ्रष्टचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. और हमने धीरे-धीरे Technology को intervene करते हुए AADHAR की व्यवस्था को जोड़ते हुए, transparency लाने की दिशा में अनेक विद्द-सफल प्रयास किए हैं और दुनिया के अनेक लोग भारत के इस मॉडल की चर्चा भी करते हैं और उसका अध्ययन भी करते हैं.
सरकार में भी खरीदी करने में अब छोटा-सा व्यक्ति भी हजारों किलोमीटर दूर बैठा गांव का व्यक्ति भी सरकार को अपना माल supply कर सकता है, अपने product supply कर सकता है. उसको बड़े की जरूरत नहीं है, बिचौलिए की जरूरत नहीं है. GEM नाम का एक पोर्टल बनाया है, GEM उसके द्वारा government procure कर रही है. बहुत सारी मात्रा में transparency लाने में सफलता मिली है.
भाईयों-बहनों, सरकारी की योजनाओं में रफ्तार बढ़ी है. जब सरकार, किसी काम में विलंब हो जाता है, तो सिर्फ वो प्रोजेक्ट विलंब नहीं होता. वो सिर्फ धन के खर्चें से जुड़ा हुआ विषय नहीं होता है. जब कोई भी काम अटक जाता है, रूक जाता है तो सबसे ज्यादा नुकसान मेरे गरीब परिवारों को होता है. मेरे भाईयो-बहनों को होता है. हम नौ महीने के भीतर-भीतर मंगलयान पहुंच सकते हैं. यह हमारा सामर्थ्य है. नौ महीने के भीतर-भीतर यहां से मंगलयान पहुंच सकते हैं. लेकिन मैंने एक बार सरकार के काम का लेखा-जोखा हर महीने लेता रहता हूं. एक बार ऐसी बात मेरे ध्यान में आई, 42 साल पुराना एक प्रोजेक्ट, 70-72 किलोमीटर का प्रोजेक्ट, रेल का 42 साल से अटका पड़ा, लटका पड़ा था. भाईयों-बहनों नौ महीने में मंगलयान पहुंचने का सामर्थ्य रखने वाला मेरा देश 42 साल तक 70-72 किलोमीटर एक रेल की पटरी न बिछा सके, तब गरीब के मन में सवाल उठता है कि मेरे देश का क्या होगा? और ऐसी चीजों पर हमने ध्यान दिया है. इन चीजों में बदलाव लाने के लिए हमने नई-नई टैक्नोलोजी Geo-Technology का विषय हो, Space-Technology का विषय हो इन सारी चीजों को जोड़ करके हमने उसमें परिवर्तन लाने का प्रयास किया है.
आपने देखा होगा एक समय था जब यूरिया के लिए राज्य और केंद्र में तनाव चलता था. केरोसीन के लिए राज्य और केंद्र के लिए तनाव चलता था. एक ऐसा माहौल था, जैसे केंद्र बड़ा भाई, राज्य छोटा भाई है. हमने पहले दिन से जिस दिशा में काम किया, क्योंकि लम्बे अरसे से मुख्यमंत्री रहा हूं, इसलिए मुझे पता है कि देश के विकास में राज्यों की कितनी अहमियत है. मुख्यमंत्रियों का कितना महत्व है, राज्यों की सरकारों का कितना महत्व है, इसको मैं भली-भांति समझता हूं और इसलिए Co-operative Federalism और अब Competitive Co-operative Federalism उस पर हमने बल दिया है और आपने देखा होगा कि आज मिल करके सारे निर्णय, हम मिल करके कर रहे हैं.
आपको याद होगा इसी लालकिले की प्राचीर से एक बार देश के राज्यो की बिजली कंपनियों की दुर्दशा की चर्चा एक प्रधानमंत्री ने की थी. लाल किले पर से चिंता व्यक्त करनी पड़ी थी. आज हमने राज्यों को साथ ले कर के ‘उदय योजना’ के द्वारा राज्यों को ताकत दे करके उस बिजली के कारखानों के कारोबार में यह समस्याएं थी, उसका समाधान का काम मिल करके किया, यह Federalism का एक बहुत बड़ा सबूत है.
GST के साथ-साथ चाहे Smart City के निर्माण की बात हो, चाहे स्वच्छता का अभियान हो, चाहे टॉयलेट की चर्चा हो, Ease of doing Business की बात हो, यह सारे विषय ऐसे हैं कि हमारे देश के सभी राज्य कंधे से कंधा मिला करके आज भारत के साथ भारत की सरकार, कंधे से कंधा मिला करके राज्य के साथ चलने में बहुत सफल हो रही है.
मेरे प्यारे देशवासियों ‘New India’ हमारी सबसे बड़ी ताकत है, लोकतंत्र है. लेकिन हम जानते हैं कि हमने लोकतंत्र को मत-पत्र तक सीमित कर दिया है. लोकतंत्र मत-पत्र तक सीमित नहीं हो सकता. और इसलिए हम ‘New India’ में उस लोकतंत्र पर बल देना चाहते हैं जिसमें तंत्र से लोक नहीं, लेकिन लोगों से तंत्र चले, ऐसा लोकतंत्र ‘New India’ की पहचान बने, उस दिशा में हम जाना चाहते हैं.
लोकमान्य तिलक जी ने कहा था, ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’. आजाद भारत मे हम सबका मंत्र होना चाहिए, ‘सुराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’. ‘सुराज्य’ हम सबका दायित्व होना चाहिए. नागरिक को अपनी जिम्मेदारियां निभानी चाहिए, सरकारों ने अपनी जिम्मेदारियां निभानी चाहिए.
‘स्वराज्य से सुराज्य’ की ओर जब चलना है, तो देशवासी पीछे नहीं रहते. जब मैंने गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए कहा, देश आगे आया. स्वच्छता की बात कही, आज भी हिन्दुस्तान के हर कोने में कोई न कोई स्वच्छता के अभियान को आगे बढ़ा रहा है. जब नोटबंदी की बात आई, दुनिया को आश्चर्य हुआ था, यहां तक लोग कह रहे थे, अब मोदी गया. लेकिन नोटबंदी में सवा सौ करोड़ देशवासियों ने जिस धैर्य को दिखाया, जिस विश्वास को बताया और उसी का परिणाम है कि आज भ्रष्टाचार के खिलाफ नकेल लगाने में हम एक के बाद कदम उठाने में सफल हो रहे हैं. हमारे देश के लिए इस नई लोकभागीदारी की परंपरा...जनभागीदारी से ही देश को आगे बढ़ाने में हमारा प्रयास है.
मेरे प्यारे देशवासियों, लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का मंत्र दिया था. हमारे देश के किसान ने पीछे मुड़ के कभी देखा नहीं, रिकॉर्ड फसल उत्पादन आज हमारा किसान करके दे रहा है. प्राकृतिक आपदाओं के बीच में नई–नई सिद्धियां वो हासिल कर रहा है. दाल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है और मेरे प्यारे भाईयो बहनों, मेरे किसान भाईयो बहनों, हिंदुस्तान में कभी भी सरकार में दाल खरीदने की परंपरा ही नहीं रही है और कभी एक-आध बार किया हो तो हजारों में ही हजारों टन के हिसाब के हिसाब से होता था, इस बार जब मेरे देश के किसानों ने दाल उत्पादन करके गरीब को पौष्टिक आहार देने का काम किया, तो 16 लाख टन दाल, सरकार ने खरीदने का ऐतिहासिक काम करके इस काम को बढ़ावा दिया.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एक सुरक्षा कवच मेरे किसान भाईयों को मिला है. तीन साल पहले सिर्फ सवा तीन करोड़ किसान इस प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, जो पहले दूसरे नाम से चलती थी उसका लाभ लेते थे. आज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इतने कम समय में कई नये किसान इसके साथ जुड़ गए हैं और करीब-करीब ये संख्या आगे चलकर के पौने छह करोड़ पर पहुंची है.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, किसान को अगर पानी मिले तो मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत रखता है और इसलिए किसान को पानी पहुंचाने के लिए मैंने पिछली बार लालकिले से कहा था, उन योजानाओं में से 21 योजना हम पूर्ण कर चुके हैं और बाकी 50 योजनाएं आने वाले कुछ समय में पूर्ण हो जाएंगी. और total 99 योजनाओं का मैंने संकल्प लिया है. 2019 के पहले उन 99 बड़ी-बडी योजनाएं को परिपूर्ण करके, किसान के खेत तक पानी पहुंचाने का काम हम पूर्ण कर देंगे. और किसान को बीज से बाजार तक, जब तक हम व्यस्था नहीं देते हैं, हमारे किसान के भाग्य को हम नहीं बदल सकते हैं. और इसलिए उसके लिए infrastructure चाहिए, उसके लिए supply-chain चाहिए. हर साल लाखों-करोड़ों रुपयों की हमारी सब्जी, हमारे फल, हमारी फसल बर्बाद हो जाती है और इसलिए उसको बदलने के लिए एक तो Foreign Direct Investment को बढ़ावा दिया ताकि food processing के अंदर दुनिया हमारे साथ जुड़े.
Infrastructure बनाने के लिए बढ़ावा दिया और भारत सरकार ने ‘प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना’ लागू की है. जिसके कारण उन व्यवस्थाओं का निर्माण किया जाएगा जो बीज से बाजार तक किसान को hand-holding करेंगे, व्यवस्थाएं विकसित करेंगे और हमारे करोड़ों किसानों की जिंदगी में एक नया बदलाव लाने में हम सफल होंगे.
Demand और Technology के कारण, हमारे देश में nature of job में भी बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है. रोजगार से जुड़ी योजनाओं में, training के तरीके में 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार, मानव संसाधन के विकास के लिए भारत सरकार ने अनेक नई योजनाएं हाथ में ली हैं. नौजवानों को बिना गारंटी बैंकों से पैसा मिले इसके लिए बहुत बड़ा अभियान चलाया है. हमारा नौजवान अपने पैरों पर खड़ा हो, वो रोजगार पाने वाला रहे, रोजगार देने वाला बने, और पिछले तीन साल में देखा है कि ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के कारण करोड़ों नौजवान अपने पैरों पर खड़े हुए हैं. इतना ही नहीं, एक नौजवान एक या दो तीन और लोगों को भी रोजगार दे रहा है.
शिक्षा के क्षेत्र में World Class Universities बनाने के लिए हमने बंधनों से मुक्ति देने का एक बड़ा अहम कदम उठाया है. 20 यूनिवर्सिटियों का आह्वान किया है कि आप अपने भाग्य का फैसला कीजिए, सरकार कहीं बीच में नहीं आएगी. ऊपर से सरकार 1000 करोड़ रुपये तक की मदद करने के लिए भी तैयार है. आह्वान किया है, मुझे विश्वास है मेरे देश की शिक्षा संस्थाओं में जरूर आगे आएंगे, इसको सफल करेंगे.
पिछले तीन वर्ष में 6 IIT, 7 नए IIM, 8 नए IIIT, इसका निर्माण किया है और शिक्षा को नौकरी के अवसरों के साथ जोड़ने का भी इस को काम हमने किया है.
मेरी माताएं, बहनें आज बहुत बड़ी मात्रा में, परिवार में महिलाएं भी रोजगार के लिए जाती हैं. और इसलिए रात्रि को भी उनको रोजगार का अवसर मिले, फैक्टरियों में काम करने का अवसर मिले, इसलिए Labour Laws में परिवर्तन करने का बहुत बड़ा अहम कदम उठाया है.
हमारी माताएं, बहनें परिवार की भी एक अहम इकाई हैं. हमारा भविष्य निर्माण करने के लिए हमारी माताओं, बहनों का योगदान बहुत बड़ा होता है, और इसलिए Maternity Leave जो 12 सप्ताह की थी, वो 26 सप्ताह, उसमें आय चालू रहेगी, इस प्रकार से देने का काम किया है.
मैं आज हमारी महिलाओं के सशक्तिकरण के काम के संबंध में, मैं खास करके, मैं उन बहनों का अभिनंदन करना चाहता हूं जो तीन तलाक के कारण बहुत ही दुर्दव्य जिंदगी जीने के लिए मजबूर हुई हैं. कोई आश्रय नहीं बचा है, और ऐसी पीड़ित, तीन-तलाक से पीड़ित बहनों ने पूरे देश में एक आंदोलन खड़ा किया है. देश के बुद्धिजीवी वर्ग को हिला दिया, देश के मीडिया ने भी उनकी मदद की, पूरे देश में तीन-तलाक के खिलाफ एक माहौल निर्माण हुआ. इस आंदोलन को चलाने वाली उन मेरी बहनों को, जो तीन-तलाक के खिलाफ लडाई लड़ रही हैं, मैं हृदय से उनका अभिनदंन करता हूं और मुझे विश्वास है, कि माताओं-बहनों को अधिकार दिलाने में, उनकी इस लड़ाई में हिन्दुस्तान उनकी पूरी मदद करेगा. हिन्दुस्तान पूरी मदद करेगा और Women Empowerment के इस महत्वपूर्ण कदम में वो सफल होके रहेगी; ऐसा मुझे पूरा भरोसा है.
मेरे प्यारे देशवासियो, कभी-कभी आस्था के नाम पर धैर्य के अभाव में कुछ लोग ऐसी चीजें कर बैठते हैं, जो समाज के ताने-बाने को बिखेर देती हैं. देश शांति, सद्भावना और एकता से चलता है. जातिवाद का जहर, सम्प्रदायवाद का जहर, देश का कभी भला नहीं कर सकता है. ये तो गांधी की भूमि है, बुद्ध की भूमि है, सबको साथ ले करके चलना; ये इस देश की संस्कृति और परम्परा का हिस्सा है. हमें इसको सफलता से आगे बढ़ाना है, और इसलिए आस्था के नाम पर हिंसा को बल नहीं दिया जा सकता है.
अस्पताल में तो patient के साथ कुछ हो जाए, अस्पताल जला दिया जाए; अकस्मात् हो जाए, गाड़ियां जला दिया जाएं; आंदोलन करें, सरकारी संपत्ति को जला दिया जाए; आजाद हिन्दुस्तान के लिए ये किसका है? हमारे सवा सौ करोड़ देशवासियों की संपत्ति है. ये सांस्कृतिक विरासत किसकी है? ये हम सवा सौ करोड़ देशवासियों की सांस्कृतिक विरासत है. ये आस्था किसकी है? हम सवा सौ करोड़ देशवासियों की आस्था है; और इसलिए आस्था के नाम पर हिंसा का रास्ता, इस देश में कभी भी चल नहीं सकता, यह देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता है. और इसलिए मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा, उस समय ‘भारत छोड़ो’ का नारा था, आज नारा है ‘भारत जोड़ो’. व्यक्ति-व्यक्ति को हमने साथ लेना है, जन-जन को साथ लेना है, समाज के हर तबके को साथ लेना है, और उसी को ले करके हमें देश को आगे बढ़ाना है.
समृद्ध भारत बनाने के लिए हमारी मजबूत अर्थव्यवस्था चाहिए. संतुलित विकास चाहिए, next generation infrastructure चाहिए, तब जा कर के हमारे सपनों के भारत को हम अपनी आंखों के सामने देख सकते हैं.
भाइयो-बहनों, अनगिनत निर्णय हमने तीन साल में लिए. कुछ चीजों को नोटिस किया गया है और कुछ चीजें शायद नोटिस में नहीं आई. लेकिन एक बात महत्वपूर्ण है. जब आप इतना बड़ा बदलाव करते है तो रुकवाटें आती हैं, गति रुक जाती है. लेकिन इस सरकार की कार्यशैली देखिए, अगर ट्रेन भी किसी रेलवे स्टेशन के पास से गुजरती है, जब ट्रैक बदलती है तो 60 से चलने वाली speed को उसको 30 की speed में लाना पड़ता है. ट्रैक बदलने पर ट्रेन की speed कम हो जाती है. हम पूरे देश को एक नए ट्रैक पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमने उसकी speed कम नहीं होने दी है, हमने उसकी गति को बरकरार रखा है. चाहे GST लाएं हो, कोई भी कानून लाएं हो, कोई भी नई व्यवस्था लाए हो, हम उसको करने में सफल हुए है और आगे भी इसको हम करेंगे.
हमने infrastructure पर बल दिया है. अभूतपूर्व खर्च infrastructure पर दिए जा रहे हैं. रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण हो, छोटे शहर में, चाहे एयरपोर्ट बनाना हो, चाहे water-way की व्यवस्था करनी हो, चाहे roadways की व्यवस्था करनी हो, चाहे गैस grid बनानी हो, चाहे पानी की grid करानी हो, चाहे optical fibre network करना हो, हर प्रकार के आधुनिक infrastructure पर हम पूर्ण बल दे रहे हैं.
मेरे प्यारे देशवासियों, 21वीं सदी में भारत को आगे बढ़ाने का सबसे ऊर्जावान क्षेत्र है, हमारा पूर्वी हिन्दुस्तान. इतना potential है, सामर्थ्यवान मानव संसाधन है, अपार प्राकृतिक संपदा है, परिश्रम के धनी हैं, संकल्प करके जिन्दगी बदलने का सामर्थ्य रखते हैं. हमारा पूरा ध्यान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, असम, नॉर्थ ईस्ट, ओडिशा, ये हमारे ऐसे सामर्थ्यवान राज्य हैं, जहां प्राकृतिक संपदा भरपूर है, उसको आगे बढ़ाकर के देश को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में हम प्रयत्नरत है.
भाइयो-बहनों, भ्रष्टाचार मुक्त भारत एक बड़ा अहम काम है, उसको हम बल देने का प्रयास कर रहे है. सरकार बनने के बाद पहला काम किया था SIT बनाने का. आज तीन साल के बाद मैं देशवासियों को बताना चाहता हूं, गर्व से बताना चाहता हूं कि तीन साल के भीतर-भीतर, करीब-करीब सवा लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा कालाधन को हमने खोज दिया है, उसको पकड़ा है और उसको suurender करने के लिए मजबूर किया है.
उसके बाद हमने नोटबंदी का फैसला किया. नोटबंदी के द्वारा हमने अनेक महत्वपूर्ण सफलताएं प्राप्त की हैं. जो कालाधन छिपा हुआ था, उसको मुख्यधारा में आना पड़ा. आपने देखा होगा कि हम कभी 07 दिन-10 दिन-15 दिन बढ़ाते जाते थे, कभी पेट्रोल पंप पर, कभी दवाई की दुकान पर, कभी रेलवे स्टेशन पर पुराने नोट लेने का सिलसिला जारी रखते थे, क्योंकि हमारा प्रयास था कि एक बार जो भी धन आए वो बैंकों में formal economy का हिस्सा बन जाए और उस काम को हमने सफलतापूर्वक पार किया है. और इसका कारण यह हुआ है कि अभी जो research हुआ है, करीब तीन लाख करोड़ रुपए... ये सरकार ने research नहीं की है, बाहर के expert ने की है. नोटबंदी के बाद तीन लाख करोड़ रुपए, जो अतिरिक्त, जो कभी banking system में वापस नहीं आता था वो आया है.
बैंकों में जमा की गई राशि में पौने दो लाख करोड़ से अधिक राशि शक के घेरे में है. कम से कम दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कालाधन उसको बैंको तक पहुंचना पड़ा है और अब व्यवस्था के साथ उनको अपना जवाब देने के लिए मजबूर हुए हैं. नए कालेधन पर भी बहुत बड़ी रुकावट आ गई है. इस वर्ष, इसका परिणाम देखिए, 01 अप्रैल से 05 अगस्त तक income tax return दाखिल करने वाले नए व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या 56 लाख. पिछले साल उसी अवधि में ये संख्या सिर्फ 22 लाख थी. Double से भी ज्यादा! ये कारण कालेधन के खिलाफ हमारी लड़ाई का परिणाम है.
18 लाख से ज्यादा ऐसे लोगों को पहचान लिया गया है, जिनकी आय उनके हिसाब किताब से कुछ ज्यादा है, बेशुमार ज्यादा है और इसलिये इस अंतर का उनको जवाब देना पड़ रहा है. साढ़े चार लाख लोग इसमें से अब मैदान में आये हैं, अपनी गलती स्वीकार करके रास्ते में आने का प्रयास कर रहे हैं. एक लाख लोग ऐसे सामने आए हैं, जिन्होंने कभी जिन्दगी में Income Tax का नाम भी नहीं सुना था, न Income Tax कभी दिया था, न कभी उन्होंने उस पर सोचा था, लेकिन आज उनको वो करना पड़ रहा है.
भाइयों बहनों, हमारे देश में अगर दो चार कंपनियां भी कहीं बंद हो जाए, तो चौबिसों घंटे उस पर चर्चाएं होती हैं उस पर Debates होती हैं. अर्थनीति खत्म हो गई… ये हो गया, न जाने क्या क्या होता है! आपको जानकर के हैरानी होगी, काले धन के कारोबारी, Shell कंपनियां चलाते थे और नोटबंदी के बाद जब data-mining किया गया. तब तीन लाख ऐसी कंपनियां पाई गईं हैं, जो सिर्फ और सिर्फ shell कंपनियां हैं. हवाला का कारोबार करती हैं. तीन लाख, कोई कल्पना कर सकता है. और उसमें से पौने दो लाख का रजिस्ट्रेशन हमनें Cancel कर दिया है. पांच कंपनियां बंद हो जाए तो हिन्दुस्तान में तूफान मच जाता है. पौने दो लाख कंपनियों को ताले लगा दिये. देश का माल लूटने वालों को जवाब देना पड़ेगा, ये काम हमने कर के दिखाया.
आपको हैरानी होगी! कुछ तो shell कंपनियां ऐसी हैं, जो एक ही Address पर चार सौ चार सौ कंपनियां चल रही थीं, भाइयों बहनों. चार सौ चार सौ कंपनियां चल रही थीं. कोई देखने वाला नहीं था, कोई पूछने वाला नहीं था. सारी मिलीभगत चल रही थी. और इसलिये मेरे भाइयों बहनों, मैंने भ्रष्टाचार काले धन के खिलाफ एक बहुत बड़ी लड़ाई छेड़ी है. देश की भलाई के लिए देश के गरीबों के कल्याण के लिये, देश के नौजवानों के भविष्य को बनाने के लिए.
भाइयों बहनों, एक के बाद एक कदम और मुझे विश्वास है GST के बाद उसमें और बढ़ोतरी होने वाली है. और Transparency आने वाली है. अकेले Transportation हमारा ट्रक वाला एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता था. ये GST के बाद तीस प्रतिशत उसका समय बच गया है. check-post खत्म होने के कारण हजारों करोड़ रुपयों की तो बचत हुई है. सबसे बड़ी बचत समय की हुई है. एक प्रकार से उसकी तीस प्रतिशत Efficiency बढ़ रही है. आप कल्पना कर सकते हैं हिन्दुस्तान के Transport जगत में तीस प्रतिशत Efficiency बढ़ने का मतलब क्या होता है. एक GST के कारण इतना बड़ा परिवर्तन आया है.
मेरे प्यारे देशवासियों, आज नोटबंदी के कारण बैंको के पास धन आया है. बैंक अपनी ब्याज दर कम कर रहे हैं. मुद्रा के द्वारा सामान्य मानव को बैंक से पैसा मिल रहा है. सामान्य मानव को अपने पैरों पर खड़े होने के लिये अवसर मिल रहा है. गरीब हो, मध्यवर्ग का व्यक्ति हो घर बनाना चाहता है, तो बैंक उसको मदद करने के लिये आगे आ रहे हैं, कम ब्याज की दर से आगे आ रहे हैं. ये सारा देश के अर्थतंत्र को गति देने की दिशा में काम कर रहा है.
मेरे प्यारे देशवासियों, अब ये वक्त बदल चुका है. हम 21वीं सदी में हैं. विश्व का सबसे बड़ा युवा वर्ग हमारे देश में है. दुनिया में हमारी पहचान IT के द्वारा है, Digital World के द्वारा है. क्या अब भी हम उसी पूरानी सोच में रहेंगे. अरे! एक जमाने में चमड़े के सिक्के चलते थे, धीरे-धीरे लुप्त हो गए, कोई पूछने वाला नहीं रहा. आज जो कागज के नोट हैं, समय आते रहते वो सारा का सारा Digital Currency में Convert होने वाला है. हम नेतृत्व करें, हम जिम्मेवारी लें, हम Digital Transaction की ओर जाएं. हम BHIM APP को अपनाएं, आर्थिक कारोबार का हिस्सा बनाएं. हम Prepaid के द्वारा भी काम करें. और मुझे खुशी है कि Digital लेनदेन बढ़ी है. पिछले साल के मुकाबले उसमें 34 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और Prepaid भुगतान में करीब 44 प्रतिशत का. और इसलिये कम cash वाली अर्थव्यवस्था, उसको लेकर के हमें आगे बढ़ना चाहिए.
मेरे प्यारे देशवासियों, सरकार की कुछ योजनाएं ऐसी हैं, जो हिन्दुस्तान के सामान्य मानव की जेब में पैसे बचा सकें. अगर आप LED Bulb लगाते हैं, तो साल भर का हजार दो हजार पांच हजार रुपया आपका बचने वाला है. अगर आप स्वच्छ भारत में सफल होते हैं, तो गरीब का सात हजार का रुपया दवाई का बंद होता है. महंगाई पर नियंत्रण, आपके बढ़ते हुए खर्च को रोकने में सफल हुआ है, एक प्रकार से आपकी बचत है.
‘जन औषधि केन्द्रों’ के द्वारा सस्ती दवाई की दुकान गरीब के लिये एक बहुत बड़ा आशीर्वाद बनी है. हमारे यहां Operation के पीछे, stent के पीछे जो खर्च होते थे वो कम हुए हैं. आने वाले दिनों में Knee के Operation के लिए भी सारी सुविधाएं मिलेंगी. हमारी कोशिश है कि गरीब और मध्यमवर्ग के मानव के लिये ये खर्च कम हो और उसके लिये हम एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं.
पहले हमारे देश में राज्यों के मुख्यालय में Dialysis हुआ करता था. हमने तय किया हिन्दुस्तान के जिला केन्द्रों तक Dialysis पहुंचाएंगे. करीब साढ़े तीन सौ, चार सौ जिलों तक पहुंचा दिया और मुफ्त में Dialysis करके गरीब की जिन्दगी बचाने का काम हम कर रहे हैं.
आज देश गर्व कर सकता है कि हमने विश्व के सामने अपनी व्यवस्थाओं को विकसित किया है. GPS System के द्वारा NAVIC Navigation की व्यवस्था आज करने में हम सफल हुए हैं. हमने SAARC Satellite के द्वारा हमने पड़ोसी देशों के साथ मदद करने का सफल अभियान किया है.
हम ‘तेजस’ हवाई जहाज के द्वारा आज दुनिया के अंदर अपनी अहमियत पहुंचा रहे हैं. ‘BHIM-AADHAR App’ दुनिया के अंदर Digital Transaction के लिये एक अजूबा बना हुआ है. RuPay Card ...हिन्दुस्तान में RuPay Card करोड़ों की तादाद में है. और अगर वो operational हो जाएगा, वो अगर गरीबों के जेब में है, तो दुनिया का, ये सबसे बड़ा हो जाएगा.
और इसलिये मेरे प्यारे देशवासियों, मेरा आपसे यही आग्रह है कि हम ‘New India’ का संकल्प ले कर के आगे बढ़ें, समय रहते हुए करें. हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया हैः अनियत काल:, अनियत कालः प्रभुतयो विप्लवन्ते, प्रभुतयो विप्लवन्ते. सही समय पर अगर कोई कार्य पूरा नहीं किया गया, तो फिर इच्छित परिणाम कभी नहीं मिलते हैं. और इसलिये ‘Team India’ के लिए, सवा सौ करोड़ देशवासियों की टीम India के लिए, आज हमें संकल्प लेना होगा 2022 तक ‘New India’ बनाने का और ये काम हम खुद करेंगे, कोई करेगा ऐसा नहीं, हम खुद करेंगे. देश के लिये करेंगे, पहले से अच्छा करेंगे, पहले से ज्यादा करेंगे, समर्पण भाव से करेंगे, 2022 में ‘भव्य-दिव्य’ हिन्दुस्तान देखने के लिये करेंगे.
और इसलिये हम सब मिलकर के एक ऐसा भारत बनाएंगे जहां गरीब के पास पक्का घर हो, बिजली हो, पानी हो.
हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएंगे, जहां देश का किसान चिंता में नहीं चैन से सोएगा. आज वो जितना कमा रहा है, उससे 2022 तक दोगुना कमाएगा.
हम सब मिलकर के एक ऐसा हिन्दुस्तान बनाएंगे, जहां युवाओं, महिलाओं को अपने सपने पूरे करने के लिये भरपूर अवसर उपलब्ध होंगे.
हम सब मिलकर के एक ऐसा भारत बनाएंगे, जो आतंकवाद संप्रदायवाद और जातिवाद से मुक्त होगा.
हम सब मिलकर के एक ऐसा भारत बनाएंगे, जहां भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से कोई समझौता नहीं होगा.
हम सब मिलकर के एक ऐसा भारत बनाएंगे, जो स्वच्छ होगा, स्वस्थ होगा और स्वराज के सपने को पूरा करेगा.
और इसलिये मेरे प्यारे देशवासियों, हम सब मिलकर के विकास की इस दौड़ में आगे चलने का प्रयास करेंगे.
आज आजादी के 70 साल के बाद, आजादी के 75 साल की प्रतीक्षा के बीच पांच साल के महत्वपूर्ण कार्यकाल में एक ‘दिव्य-भव्य भारत’ के सपने को लेकर के हम सभी देशवासी चलें, इसी एक भाव के साथ मैं फिर एक बार आजादी के दीवानों को प्रणाम करता हूं.
सवा सौ करोड़ देशवासियों के नए विश्वास, नई उमंग को नमन करता हूं. और नए संकल्प के साथ आगे चलने के लिये ‘Team India’ को आह्वान करता हूं.
इसी भावना के साथ आप सबको हृदय से मेरी बहुत बहुत शुभकामनाएं.
भारत माता की जय, वन्दे मातरम जय हिंद.
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद.
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय.
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम.
सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.
साभार: PIB
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मेरे प्यारे देशवासियों, आजादी के पावन पर्व पर देशवासियों को कोटि-कोटि शुभकामनाएं. आज पूरा देश स्वतंत्रता पर्व के साथ-साथ जन्माष्टमी का पर्व भी मना रहा है. मैं मेरे सामने देख रहा हूं, बहुत बड़ी संख्या में बाल-कन्हैया भी यहां उपस्थित हैं. सुदर्शन-चक्रधारी मोहन से ले करके चरखाधारी मोहन तक, हमारी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत के हम सब धनी हैं. देश की आजादी के लिए, देश की आन-बान-शान के लिए, देश के गौरव के लिए जिन-जिन लोगों ने अपना योगदान दिया है, यातनाएं झेली हैं, बलिदान दिया है, त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा की है, ऐसे सभी महानुभावों को, माता-बहनों को मैं लालकिले की प्राचीर से सवा सौ करोड़ देशवासियों की तरफ से शत-शत नमन करता हूं, उनका आदर करता हूं.
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कभी-कभार प्राकृतिक आपदाएं हम लोगों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाती हैं. अच्छी वर्षा देश को फलने-फूलने में बहुत ही योगदान देती है, लेकिन जलवायु परिवर्तन का नतीजा है कि कभी-कभी यह प्राकृतिक आपदा संकट का रूप ले लेती है. पिछले दिनों देश के कई भू-भागों में इस प्राकृतिक आपदा का संकट आया. पिछले दिनों अस्पताल में हमारे मासूम बच्चों की मौत हुई. इस संकट की घड़ी में, दुख की घड़ी में सवा सौ करोड़ देशवासियों की संवेदनाएं, इस आपत्ति में सबके साथ हैं. और मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि ऐसे संकट के समय पूर्ण संवेदनशीलता के साथ जन सामान्य की भलाई के लिए, सुरक्षा के लिए हम कुछ भी करने में कमी नहीं रहने देंगे.
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मेरे प्यारे देशवासियों यह वर्ष आजाद भारत के लिए एक विशेष वर्ष है. अभी पिछले सप्ताह ही Quit India Movement का 75 साल हमने स्मरण किया. यह वर्ष है, जब चम्पारण सत्याग्रह की शताब्दी मना रहे हैं. यह वर्ष है जब साबरमती आश्रम की शताब्दी का भी वर्ष है. यह वर्ष है, जब लोकमान्य तिलक जी, जिन्होंने कहा था स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है.
उन्होंने जनचेतना जगाने के लिए सार्वजनिक गणेश उत्सव की परंपरा को प्रारंभ किया था, उसको भी 125वां वर्ष, एक प्रकार से इतिहास की ऐसी तारीख है जिसका स्मरण, जिसका बौध-पाठ हमें देश के लिए कुछ न कुछ करने की प्रेरणा देता है. हम आज आजादी के 70 वर्ष और 2022 में आजादी के 75 साल मनाएंगे, ये वैसा ही है जिस तरह 1942 से 1947 देश ने सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन किया था. अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया और पांच साल के भीतर-भीतर अंग्रेजों को हिन्दुस्तान छोड़कर के जाना पड़ा. हमें..आजादी के 75 साल के पांच साल अभी हमारे पास हैं. हमारी सामूहिक संकल्प शक्ति, हमारा सामूहिक पुरूषार्थ, हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता उन महान देशभक्तों को याद करते हुए परिश्रम की पराकाष्ठा, 2022 में आजादी के दीवानों के सपनों के अनुरूप भारत बनाने के लिए काम आ सकती है और इसलिए New India का एक संकल्प लेकर के हमें देश को आगे बढ़ाना है.
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सवा सौ करोड़ देशवासियों के संकल्प से, सवा सौ करोड़ देशवासियों के पुरूषार्थ से, सवा सौ करोड़ देशवासियों के त्याग और तपस्या से और हम जानते हैं सामूहिकता की शक्ति क्या होती है. भगवान कृष्ण कितने ही सार्मथ्यवान थे लेकिन जब ग्वाले अपनी लकड़ी लेकर के खड़े हो गए, एक सामूहिक शक्ति थी गौवर्धन पर्वत उठा लिया था. प्रभु रामचंद्र जी को लंका जाना था वानर सेना के छोटे-छोटे लोग लग गए, रामसेतु बन गया, रामजी लंका पहुंच गए. एक मोहनदास कर्मचंद गांधी थे देश के कोटि-कोटि लोग हाथ में तकली लेकर के, रूई लेकर के आजादी के ताने-बाने बुनते थे. एक सामूहिक शक्ति की ताकत थी कि देश आजाद हो गया. कोई छोटा नहीं होता, कोई बड़ा नहीं होता, अरे एक गिलहरी का उदाहरण हमें मालूम है, एक गिलहरी भी परिवर्तन की प्रक्रिया की हिस्सेदार बनती है, वो कथा हम सब जानते हैं और इसलिए सवा सौ करोड़ देशवासियों में ने कोई छोटा है न कोई बड़ा है. हर कोई अपनी जगह से 2022 के आजादी के बाद के 75 साल एक नया संकल्प, एक नया इंडिया, नई ऊर्जा, नया पुरूषार्थ सामूहिक शक्ति के द्वारा हम देश में परिवर्तन ला सकते हैं. ‘New India’ जो सुरक्षित हो, समृद्ध हो, शक्तिशाली हो, ‘New India’ जहां भी हर किसी को समान अवसर उपलब्ध हो, ‘New India’ जहां आधुनिक विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में भारत का विश्व में दबदबा हो.
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स्वतंत्रता संग्राम हम लोगों की भावना से अधिक जुड़ा हुआ है. हम भली-भांति जानते हैं कि आजादी का जब आंदोलन चल रहा था तब एक शिक्षक भी स्कूल में पढ़ाई कराता था. एक किसान खेत में काम करता था, एक मजदूर मजदूरी करता था, लेकिन जो भी जो करता था उसके हृदय के मन मंदिर में उसके भाव-जगत में ये भाव था कि मैं जो काम कर रहा हूं देश की आजादी के लिए कर रहा हूं. ये भाव ये बहुत बड़ी महत्वपूर्ण ताकत होता है. परिवार में भी खाना रोज पकता है. व्यंजन सब प्रकार के बनते हैं लेकिन जो वो व्यंजन भगवान के सामने भोग के रूप में चढ़ा दिये जाते हैं, तो व्यंजन प्रसाद बन जाते हैं . हम परिश्रम करते हैं लेकिन मां भारती की भव्यता के लिए, दिव्यता के लिए, देशवासियों को गरीबी से मुक्त कराने के लिए, सामाजिक ताने-बाने को सही ढंग से बुनने के लिए हमारे हर कर्तव्य को राष्ट्रभाव से, राष्ट्र-भक्ति से, राष्ट्र को समर्पित करते हुए करते हैं तो परिणाम की ताकत अनेक गुना बढ़ जाती है. और इसलिए हम सब उस बात को ले करके आगे चलें.
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ये वर्ष 2018 का, आने वाला 18, 1 जनवरी, मैं इसे सामान्य 1 जनवरी नहीं मानता. जिन लोगों ने 21वीं शताब्दी में जन्म लिया है, उनके लिए यह महत्वपूर्ण वर्ष है. 21वीं शताब्दी में जन्मे हुए नौजवानों के लिए, ये वर्ष उनके जीवन का लिए निर्णायक वर्ष है. वो 18 साल के जब-जब होंगे, वो 21वीं सदी के भाग्य-विधाता होने वाले हैं. 21वीं सदी का भाग्य ये नौजवान बनाएंगे जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है, और अब 18 साल होने पर है. मैं इन सभी नौजवानों का हृदय से बहुत-बहुत स्वागत करता हूं, सम्मान करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं कि आइए, आप अब 18 साल की दहलीज पर आ करके खड़े हैं. देश का भाग्य निर्माण करने का आपको अवसर मिल रहा है. आप देश की विकास यात्रा में बहुत तेजी से भागीदार बनिए, देश आपको निमंत्रण देता है.
मेरे प्यारे देशवासियो, जब कुरूक्षेत्र के युद्ध में, मैदान में अर्जुन ने श्रीकृष्ण से ढेर सारे सवाल पूछे, तब कृष्ण ने अर्जुन से कहा था, जैसा मन का भाव होता है वैसा ही कार्य परिणाम होता है. और उन्होंने कहा है, मनुष्य जिस बात पर विश्वास करता है, वो ही उसको परिणाम भी नजर आता है, वही दिशा उसको नजर आती है. हमारे लिए भी, अगर मन का विश्वास पक्का होगा, उज्ज्वल भारत के लिए हम संकल्पबद्ध होंगे, तो मैं नहीं मानता हूं कि जो पहले से हम बार-बार निराशा से पले-बढ़े हैं, अब हमें आत्मविश्वास से आगे बढ़ना है; हमें निराशा को छोड़ना है. चलता है! ये तो ठीक है! अरे चलने दो! मैं समझता हूं, चलता है का जमाना चला गया, अब तो आवाज यही उठी कि बदला है, बदल रहा है, बदल सकता है; यही विश्वास हमारे भीतर होगा, तो हम भी उस विश्वास के अनुसार….साधक हो, साधन हो, सामर्थ्य हो, संसाधन हो, लेकिन जब ये त्याग और तपस्या से जुड़ जाते हैं, कुछ करने के इरादे से बन जाते हैं; तो अपने-आप बहुत बड़ा परिवर्तन आता है और संकल्प सिद्धि में परिवर्तित हो जाता है.
भाइयो, बहनों आजाद भारत में, हर देशवासी के दिल में देश की रक्षा-सुरक्षा एक बहुत स्वाभाविक बात है. हमारा देश, हमारी सेनाएं, हमारे वीर पुरुष, हर Uniformed Forces, कोई भी हो, सिर्फ Army, Air Force, Navy नहीं, सारे Uniformed Forces, उन्होंने जब-जब मौका आया है; अपना करतब दिखाया है, अपना सामर्थ्य दिखाया है, बलिदान की पराकाष्ठा करने में ये हमारे वीर कभी पीछे नहीं रहे हैं. चाहे Left-Wing Extremism हो, चाहे आतंकवाद हो, चाहे infiltrators हो, चाहे हमारे भीतर कठिनाइयां पैदा करने वाले तत्व हों, हमारे देश के इन Uniform में रहने वाले लोगों ने बलिदान की पराकाष्ठा की है. और जब Surgical Strike हुई, दुनिया को हमारा लोहा मानना पड़ा, हमारे लोगों की ताकत को मानना पड़ा.
मेरे प्यारे देशवासियों, यह साफ है कि देश की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, आंतरिक सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. समुद्र हो या सीमा हो, Cyber हो या Space हो, हर प्रकार की सुरक्षा भारत अपने आप में सामर्थ्यवान है और देश के खिलाफ कुछ भी करने वालों के हौसले पस्त होने के लिए हम ताकतवर है.
मेरे प्यारे देशावासियों, गरीबों को लूटकर के तिजोरी भरने वाले लोग आज भी चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं और उससे मेहनतकश और ईमानदार व्यक्ति का भरोसा बढ़ता है. ईमानदार को लगता है कि हां, अब मैं ईमानदारी के रास्ते पर चलूंगा तो मेरी ईमानदारी का भी कोई मूल्य है. आज माहौल बना है कि ईमानदारी का महोत्सव मनाया जा रहा है, ईमानदारी का उत्सव मनाया जा रहा है और बेईमानी के लिए सिर छुपाने की जगह नहीं बच रही है. ये काम एक नया भरोसा देता है.
बेनामी संपत्ति रखने वाले, कितने सालों तक कानून लटके पड़े थे. अभी-अभी तो हमने कानून की विधिवत रूप से व्यवस्था आगे बढ़ाई. इतने कम समय में 800 करोड़ रुपए से ज्यादा बेनामी संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली है. जब ये चीज होती है तब सामान्य मानव के मन में एक विश्वास पैदा होता है कि ये देश ईमानदार लोगों के लिए है.
30-40 वर्ष से हमारी सेना के लिए ‘वन रैंक - वन पेंशन’ मामला अटका हुआ था. जब ‘वन रैंक - वन पेंशन’ का अटका हुआ मामला, सरकार उसको पूर्ण करती है. हमारे फौजियों की आशा-आकांक्षाओं को पूर्ण करने की दिशा में सही कदम उठाती है, तो देश के लिए मर-मिटने की ताकत उनकी और बढ़ जाती है.
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देश में अनेक राज्य हैं, केन्द्र सरकार है. हमने देखा है कि GST के द्वारा देश में Cooperative Federalism, Competitive Cooperative Federalism को एक नई ताकत दी है, एक नया परिणाम नज़र आया है. और GST जिस प्रकार से सफल हुआ है, कोटि-कोटि मानव working hours उसके पीछे लगे हैं. Technology में एक miracle है, विश्व के लोगों को अजूबा लगता है कि इतने कम समय में इतने बड़े देश में GST का इस प्रकार से rollout होना, ये अपने आप में, हिन्दुस्तान में कितना सामर्थ्य है, देश की हर पीढ़ी को एक विश्वास जगाने के लिए काम आता है.
नई व्यवस्थाएं जन्म लेती हैं. आज दुगुनी रफ्तार से सड़के बन रही हैं, आज दुगुनी रफ्तार से रेलवे की पटरियां बिछाई जा रही हैं, आज 14 हजार से ज्यादा गांव, जो आजादी के बाद भी अंधेरे में पड़े हुए थे, वहां तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है और देश उजाले की तरफ बढ़ रहा है वो हम साफ देख रहे हैं. 29 करोड़ गरीबों के जब Bank Accounts खुलते हैं, किसानों के नौ करोड़ से ज्यादा Soil Health Card निकलते हैं, ढ़ाई करोड़ से ज्यादा गरीब माताओं-बहनों को लकड़ी के चूल्हे से मुक्ति मिलकर के, गैस का चूल्हा मिलता है. गरीब आदिवासी का एक हौसला बुलंद हो जाता है. गरीब व्यक्ति मुख्यधारा में जुड़ता है और देश प्रगति की ओर आगे बढ़ रहा है.
युवाओं को बिना गारंटी स्वरोजगार के लिए आठ करोड़ से ज्यादा loan की स्वीकृति मिलती है. बैंक से मिलने वाले कर्ज में ब्याज दरों में कमी होती है. महंगाई पर नियंत्रण होता है. मध्यम वर्ग का मानवय अगर अपना घर बनाना चाहता है तो उसको घर बनाने के लिए कम ब्याज दर से पैसे मुहैया कराए जाते है. तब जाकर के देश के लिए कुछ करने के लिए, देश आगे बढ़ेगा, इस विश्वास के साथ देश का जनसामान्य मानव जुड़ता रहता है.
वक्त बदल चुका है. आज सरकार जो कहती है वो करने के लिए संकल्पबद्ध नजर आती है. चाहे हमने इंटरव्यू खत्म करने की बात की हो, चाहे हमने process को खत्म करने की बात की हो. अकेले labour field में, सामान्य छोटे से कारोबारी को भी 50-60 form भरने पड़ते थे, उसको हम कम करके सिर्फ पांच फॉर्म में ले आए हैं. कहने का तात्पर्य यह है, मैं ढेर सारे उदाहरण दे सकता हूं, कहने का तात्पर्य यह है कि Good Governance, Governance की process को simplify करना, उस दिशा में बल देने का परिणाम है कि आज तेज़ गति आई है, निर्णयों में तेज़ गति आई है. और इसलिये सवा सौ करोड़ देशवासी इस विश्वास को लेकर आगे बढ़ रहे हैं.
मेरे प्यारे देशवासियों, आज भारत की साख विश्व में बढ़ रही है. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, मेरे देशवासियों आपको जानकर के खुशी होगी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आज हम अकेले नहीं हैं. दुनिया के कई देश हमें सक्रिय रूप से मदद कर रहे हैं. हवाला का कारोबार हो, तो दुनिया हमें जानकारी दे रही है. आतंकवादियों की गतिविधियों के संबंध में, विश्व हमें जानकारियां दे रहा है. हम विश्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. मैं विश्व के जो-जो देश, हमें इस काम में भली -भांति मदद कर रहे हैं, भारत की साख का गौरव बढ़ा रहे हैं, मैं उनका हृदय से अभिनन्दन करना चाहता हूं और यही वैश्विक हमारे संबंध भारत की शांति एवं सुरक्षा में भी एक नया आयाम जोड़ रहे हैं, एक नया बल दे रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर का विकास, जम्मू-कश्मीर की उन्नति, जम्मू-कश्मीर के सामान्य नागरिक के सपनों को पूरा करने का प्रयास, ये जम्मू-कश्मीर की सरकार के साथ-साथ, हम देशवासियों का भी संकल्प है. फिर से एक बार इस स्वर्ग को हम अनुभव करें, उस स्थिति में लाने के लिये हम प्रतिबद्ध हैं, हम कटिबद्ध हैं. और इसलिये मैं कहना चाहता हूं, कश्मीर के अंदर जो कुछ भी होता है, बयानबाजी भी बहुत होती हैं, आक्षेप प्रतिआक्षेप भी बहुत होते हैं, हर कोई एक दूसरे को गाली देने में लगा रहता है. लेकिन भाइयों बहनों, मैं साफ मानता हूं कि कश्मीर में जो कुछ भी घटनाएं घटती हैं, अलगाववादी, मुट्ठीभर अलगाववादी, ये अलगाववादी जिस प्रकार के नये-नये पैंतरे रचते रहते हैं, लेकिन उस लड़ाई को जीतने के लिये मेरे दिमाग में विषय साफ है. ‘न गाली से समस्या सुलझने वाली है, न गोली से समस्या सुलझने वाली है, समस्या सुलझेगी हर कश्मीरी को गले लगा कर के सुलझने वाली है’ और सवा सौ करोड़ देशवासी यही परम्परा से पला बड़ा है. और इसलीये ‘न गाली से न गोली से, परिवर्तन होगा गले लगाकर के’ और उस संकल्प को लेकर के हम आगे बढ़ रहे हैं.
आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी. आतंकवादियों को बार - बार हमने कहा है कि आप मुख्यधारा में आइये भारत के लोकतंत्र में आपको बात करने के लिये पूरा अधिकार है, पूरी व्यवस्था है. और मुख्यधारा ही है जो हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा भर सकती है.
और इसलिये मुझे खुशी है कि हमारे सुरक्षाबलों के प्रयासों से कर के Left-Wing Extremism के इलाके में बहुत बड़ी संख्या में नौजवान वापस आए surrender किये मुख्यधारा में आने की दिशा में उन्होंने प्रयास किया.
सीमा की रक्षा के लिये हमारे जवान तैनात हैं. मुझे खुशी है कि आज भारत सरकार एक ऐसी website launch कर रही है, जो Gallantry Award विजेता है, हमारे देश को गौरव दिलाने वाले लोग हैं, उनकी पूरी जानकारियों के साथ आज एक Gallantry Award प्राप्त करने वालों पर आधारित एक Portal भी प्रारंभ किया जा रहा है, जिससे देश की नई पीढ़ी को हमारे इन वीर बलिदानियों के बारे में बहुत सारी जानकारियां प्राप्त हो सकती हैं.
Technology की मदद से, देश में ईमानदारी को बल देने का हम लोगों का भरपूर प्रयास है. कालेधन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. भ्रष्टचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. और हमने धीरे-धीरे Technology को intervene करते हुए AADHAR की व्यवस्था को जोड़ते हुए, transparency लाने की दिशा में अनेक विद्द-सफल प्रयास किए हैं और दुनिया के अनेक लोग भारत के इस मॉडल की चर्चा भी करते हैं और उसका अध्ययन भी करते हैं.
सरकार में भी खरीदी करने में अब छोटा-सा व्यक्ति भी हजारों किलोमीटर दूर बैठा गांव का व्यक्ति भी सरकार को अपना माल supply कर सकता है, अपने product supply कर सकता है. उसको बड़े की जरूरत नहीं है, बिचौलिए की जरूरत नहीं है. GEM नाम का एक पोर्टल बनाया है, GEM उसके द्वारा government procure कर रही है. बहुत सारी मात्रा में transparency लाने में सफलता मिली है.
भाईयों-बहनों, सरकारी की योजनाओं में रफ्तार बढ़ी है. जब सरकार, किसी काम में विलंब हो जाता है, तो सिर्फ वो प्रोजेक्ट विलंब नहीं होता. वो सिर्फ धन के खर्चें से जुड़ा हुआ विषय नहीं होता है. जब कोई भी काम अटक जाता है, रूक जाता है तो सबसे ज्यादा नुकसान मेरे गरीब परिवारों को होता है. मेरे भाईयो-बहनों को होता है. हम नौ महीने के भीतर-भीतर मंगलयान पहुंच सकते हैं. यह हमारा सामर्थ्य है. नौ महीने के भीतर-भीतर यहां से मंगलयान पहुंच सकते हैं. लेकिन मैंने एक बार सरकार के काम का लेखा-जोखा हर महीने लेता रहता हूं. एक बार ऐसी बात मेरे ध्यान में आई, 42 साल पुराना एक प्रोजेक्ट, 70-72 किलोमीटर का प्रोजेक्ट, रेल का 42 साल से अटका पड़ा, लटका पड़ा था. भाईयों-बहनों नौ महीने में मंगलयान पहुंचने का सामर्थ्य रखने वाला मेरा देश 42 साल तक 70-72 किलोमीटर एक रेल की पटरी न बिछा सके, तब गरीब के मन में सवाल उठता है कि मेरे देश का क्या होगा? और ऐसी चीजों पर हमने ध्यान दिया है. इन चीजों में बदलाव लाने के लिए हमने नई-नई टैक्नोलोजी Geo-Technology का विषय हो, Space-Technology का विषय हो इन सारी चीजों को जोड़ करके हमने उसमें परिवर्तन लाने का प्रयास किया है.
आपने देखा होगा एक समय था जब यूरिया के लिए राज्य और केंद्र में तनाव चलता था. केरोसीन के लिए राज्य और केंद्र के लिए तनाव चलता था. एक ऐसा माहौल था, जैसे केंद्र बड़ा भाई, राज्य छोटा भाई है. हमने पहले दिन से जिस दिशा में काम किया, क्योंकि लम्बे अरसे से मुख्यमंत्री रहा हूं, इसलिए मुझे पता है कि देश के विकास में राज्यों की कितनी अहमियत है. मुख्यमंत्रियों का कितना महत्व है, राज्यों की सरकारों का कितना महत्व है, इसको मैं भली-भांति समझता हूं और इसलिए Co-operative Federalism और अब Competitive Co-operative Federalism उस पर हमने बल दिया है और आपने देखा होगा कि आज मिल करके सारे निर्णय, हम मिल करके कर रहे हैं.
आपको याद होगा इसी लालकिले की प्राचीर से एक बार देश के राज्यो की बिजली कंपनियों की दुर्दशा की चर्चा एक प्रधानमंत्री ने की थी. लाल किले पर से चिंता व्यक्त करनी पड़ी थी. आज हमने राज्यों को साथ ले कर के ‘उदय योजना’ के द्वारा राज्यों को ताकत दे करके उस बिजली के कारखानों के कारोबार में यह समस्याएं थी, उसका समाधान का काम मिल करके किया, यह Federalism का एक बहुत बड़ा सबूत है.
GST के साथ-साथ चाहे Smart City के निर्माण की बात हो, चाहे स्वच्छता का अभियान हो, चाहे टॉयलेट की चर्चा हो, Ease of doing Business की बात हो, यह सारे विषय ऐसे हैं कि हमारे देश के सभी राज्य कंधे से कंधा मिला करके आज भारत के साथ भारत की सरकार, कंधे से कंधा मिला करके राज्य के साथ चलने में बहुत सफल हो रही है.
मेरे प्यारे देशवासियों ‘New India’ हमारी सबसे बड़ी ताकत है, लोकतंत्र है. लेकिन हम जानते हैं कि हमने लोकतंत्र को मत-पत्र तक सीमित कर दिया है. लोकतंत्र मत-पत्र तक सीमित नहीं हो सकता. और इसलिए हम ‘New India’ में उस लोकतंत्र पर बल देना चाहते हैं जिसमें तंत्र से लोक नहीं, लेकिन लोगों से तंत्र चले, ऐसा लोकतंत्र ‘New India’ की पहचान बने, उस दिशा में हम जाना चाहते हैं.
लोकमान्य तिलक जी ने कहा था, ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’. आजाद भारत मे हम सबका मंत्र होना चाहिए, ‘सुराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’. ‘सुराज्य’ हम सबका दायित्व होना चाहिए. नागरिक को अपनी जिम्मेदारियां निभानी चाहिए, सरकारों ने अपनी जिम्मेदारियां निभानी चाहिए.
‘स्वराज्य से सुराज्य’ की ओर जब चलना है, तो देशवासी पीछे नहीं रहते. जब मैंने गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए कहा, देश आगे आया. स्वच्छता की बात कही, आज भी हिन्दुस्तान के हर कोने में कोई न कोई स्वच्छता के अभियान को आगे बढ़ा रहा है. जब नोटबंदी की बात आई, दुनिया को आश्चर्य हुआ था, यहां तक लोग कह रहे थे, अब मोदी गया. लेकिन नोटबंदी में सवा सौ करोड़ देशवासियों ने जिस धैर्य को दिखाया, जिस विश्वास को बताया और उसी का परिणाम है कि आज भ्रष्टाचार के खिलाफ नकेल लगाने में हम एक के बाद कदम उठाने में सफल हो रहे हैं. हमारे देश के लिए इस नई लोकभागीदारी की परंपरा...जनभागीदारी से ही देश को आगे बढ़ाने में हमारा प्रयास है.
मेरे प्यारे देशवासियों, लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का मंत्र दिया था. हमारे देश के किसान ने पीछे मुड़ के कभी देखा नहीं, रिकॉर्ड फसल उत्पादन आज हमारा किसान करके दे रहा है. प्राकृतिक आपदाओं के बीच में नई–नई सिद्धियां वो हासिल कर रहा है. दाल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है और मेरे प्यारे भाईयो बहनों, मेरे किसान भाईयो बहनों, हिंदुस्तान में कभी भी सरकार में दाल खरीदने की परंपरा ही नहीं रही है और कभी एक-आध बार किया हो तो हजारों में ही हजारों टन के हिसाब के हिसाब से होता था, इस बार जब मेरे देश के किसानों ने दाल उत्पादन करके गरीब को पौष्टिक आहार देने का काम किया, तो 16 लाख टन दाल, सरकार ने खरीदने का ऐतिहासिक काम करके इस काम को बढ़ावा दिया.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एक सुरक्षा कवच मेरे किसान भाईयों को मिला है. तीन साल पहले सिर्फ सवा तीन करोड़ किसान इस प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, जो पहले दूसरे नाम से चलती थी उसका लाभ लेते थे. आज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इतने कम समय में कई नये किसान इसके साथ जुड़ गए हैं और करीब-करीब ये संख्या आगे चलकर के पौने छह करोड़ पर पहुंची है.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, किसान को अगर पानी मिले तो मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत रखता है और इसलिए किसान को पानी पहुंचाने के लिए मैंने पिछली बार लालकिले से कहा था, उन योजानाओं में से 21 योजना हम पूर्ण कर चुके हैं और बाकी 50 योजनाएं आने वाले कुछ समय में पूर्ण हो जाएंगी. और total 99 योजनाओं का मैंने संकल्प लिया है. 2019 के पहले उन 99 बड़ी-बडी योजनाएं को परिपूर्ण करके, किसान के खेत तक पानी पहुंचाने का काम हम पूर्ण कर देंगे. और किसान को बीज से बाजार तक, जब तक हम व्यस्था नहीं देते हैं, हमारे किसान के भाग्य को हम नहीं बदल सकते हैं. और इसलिए उसके लिए infrastructure चाहिए, उसके लिए supply-chain चाहिए. हर साल लाखों-करोड़ों रुपयों की हमारी सब्जी, हमारे फल, हमारी फसल बर्बाद हो जाती है और इसलिए उसको बदलने के लिए एक तो Foreign Direct Investment को बढ़ावा दिया ताकि food processing के अंदर दुनिया हमारे साथ जुड़े.
Infrastructure बनाने के लिए बढ़ावा दिया और भारत सरकार ने ‘प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना’ लागू की है. जिसके कारण उन व्यवस्थाओं का निर्माण किया जाएगा जो बीज से बाजार तक किसान को hand-holding करेंगे, व्यवस्थाएं विकसित करेंगे और हमारे करोड़ों किसानों की जिंदगी में एक नया बदलाव लाने में हम सफल होंगे.
Demand और Technology के कारण, हमारे देश में nature of job में भी बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है. रोजगार से जुड़ी योजनाओं में, training के तरीके में 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार, मानव संसाधन के विकास के लिए भारत सरकार ने अनेक नई योजनाएं हाथ में ली हैं. नौजवानों को बिना गारंटी बैंकों से पैसा मिले इसके लिए बहुत बड़ा अभियान चलाया है. हमारा नौजवान अपने पैरों पर खड़ा हो, वो रोजगार पाने वाला रहे, रोजगार देने वाला बने, और पिछले तीन साल में देखा है कि ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के कारण करोड़ों नौजवान अपने पैरों पर खड़े हुए हैं. इतना ही नहीं, एक नौजवान एक या दो तीन और लोगों को भी रोजगार दे रहा है.
शिक्षा के क्षेत्र में World Class Universities बनाने के लिए हमने बंधनों से मुक्ति देने का एक बड़ा अहम कदम उठाया है. 20 यूनिवर्सिटियों का आह्वान किया है कि आप अपने भाग्य का फैसला कीजिए, सरकार कहीं बीच में नहीं आएगी. ऊपर से सरकार 1000 करोड़ रुपये तक की मदद करने के लिए भी तैयार है. आह्वान किया है, मुझे विश्वास है मेरे देश की शिक्षा संस्थाओं में जरूर आगे आएंगे, इसको सफल करेंगे.
पिछले तीन वर्ष में 6 IIT, 7 नए IIM, 8 नए IIIT, इसका निर्माण किया है और शिक्षा को नौकरी के अवसरों के साथ जोड़ने का भी इस को काम हमने किया है.
मेरी माताएं, बहनें आज बहुत बड़ी मात्रा में, परिवार में महिलाएं भी रोजगार के लिए जाती हैं. और इसलिए रात्रि को भी उनको रोजगार का अवसर मिले, फैक्टरियों में काम करने का अवसर मिले, इसलिए Labour Laws में परिवर्तन करने का बहुत बड़ा अहम कदम उठाया है.
हमारी माताएं, बहनें परिवार की भी एक अहम इकाई हैं. हमारा भविष्य निर्माण करने के लिए हमारी माताओं, बहनों का योगदान बहुत बड़ा होता है, और इसलिए Maternity Leave जो 12 सप्ताह की थी, वो 26 सप्ताह, उसमें आय चालू रहेगी, इस प्रकार से देने का काम किया है.
मैं आज हमारी महिलाओं के सशक्तिकरण के काम के संबंध में, मैं खास करके, मैं उन बहनों का अभिनंदन करना चाहता हूं जो तीन तलाक के कारण बहुत ही दुर्दव्य जिंदगी जीने के लिए मजबूर हुई हैं. कोई आश्रय नहीं बचा है, और ऐसी पीड़ित, तीन-तलाक से पीड़ित बहनों ने पूरे देश में एक आंदोलन खड़ा किया है. देश के बुद्धिजीवी वर्ग को हिला दिया, देश के मीडिया ने भी उनकी मदद की, पूरे देश में तीन-तलाक के खिलाफ एक माहौल निर्माण हुआ. इस आंदोलन को चलाने वाली उन मेरी बहनों को, जो तीन-तलाक के खिलाफ लडाई लड़ रही हैं, मैं हृदय से उनका अभिनदंन करता हूं और मुझे विश्वास है, कि माताओं-बहनों को अधिकार दिलाने में, उनकी इस लड़ाई में हिन्दुस्तान उनकी पूरी मदद करेगा. हिन्दुस्तान पूरी मदद करेगा और Women Empowerment के इस महत्वपूर्ण कदम में वो सफल होके रहेगी; ऐसा मुझे पूरा भरोसा है.
मेरे प्यारे देशवासियो, कभी-कभी आस्था के नाम पर धैर्य के अभाव में कुछ लोग ऐसी चीजें कर बैठते हैं, जो समाज के ताने-बाने को बिखेर देती हैं. देश शांति, सद्भावना और एकता से चलता है. जातिवाद का जहर, सम्प्रदायवाद का जहर, देश का कभी भला नहीं कर सकता है. ये तो गांधी की भूमि है, बुद्ध की भूमि है, सबको साथ ले करके चलना; ये इस देश की संस्कृति और परम्परा का हिस्सा है. हमें इसको सफलता से आगे बढ़ाना है, और इसलिए आस्था के नाम पर हिंसा को बल नहीं दिया जा सकता है.
अस्पताल में तो patient के साथ कुछ हो जाए, अस्पताल जला दिया जाए; अकस्मात् हो जाए, गाड़ियां जला दिया जाएं; आंदोलन करें, सरकारी संपत्ति को जला दिया जाए; आजाद हिन्दुस्तान के लिए ये किसका है? हमारे सवा सौ करोड़ देशवासियों की संपत्ति है. ये सांस्कृतिक विरासत किसकी है? ये हम सवा सौ करोड़ देशवासियों की सांस्कृतिक विरासत है. ये आस्था किसकी है? हम सवा सौ करोड़ देशवासियों की आस्था है; और इसलिए आस्था के नाम पर हिंसा का रास्ता, इस देश में कभी भी चल नहीं सकता, यह देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता है. और इसलिए मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा, उस समय ‘भारत छोड़ो’ का नारा था, आज नारा है ‘भारत जोड़ो’. व्यक्ति-व्यक्ति को हमने साथ लेना है, जन-जन को साथ लेना है, समाज के हर तबके को साथ लेना है, और उसी को ले करके हमें देश को आगे बढ़ाना है.
समृद्ध भारत बनाने के लिए हमारी मजबूत अर्थव्यवस्था चाहिए. संतुलित विकास चाहिए, next generation infrastructure चाहिए, तब जा कर के हमारे सपनों के भारत को हम अपनी आंखों के सामने देख सकते हैं.
भाइयो-बहनों, अनगिनत निर्णय हमने तीन साल में लिए. कुछ चीजों को नोटिस किया गया है और कुछ चीजें शायद नोटिस में नहीं आई. लेकिन एक बात महत्वपूर्ण है. जब आप इतना बड़ा बदलाव करते है तो रुकवाटें आती हैं, गति रुक जाती है. लेकिन इस सरकार की कार्यशैली देखिए, अगर ट्रेन भी किसी रेलवे स्टेशन के पास से गुजरती है, जब ट्रैक बदलती है तो 60 से चलने वाली speed को उसको 30 की speed में लाना पड़ता है. ट्रैक बदलने पर ट्रेन की speed कम हो जाती है. हम पूरे देश को एक नए ट्रैक पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमने उसकी speed कम नहीं होने दी है, हमने उसकी गति को बरकरार रखा है. चाहे GST लाएं हो, कोई भी कानून लाएं हो, कोई भी नई व्यवस्था लाए हो, हम उसको करने में सफल हुए है और आगे भी इसको हम करेंगे.
हमने infrastructure पर बल दिया है. अभूतपूर्व खर्च infrastructure पर दिए जा रहे हैं. रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण हो, छोटे शहर में, चाहे एयरपोर्ट बनाना हो, चाहे water-way की व्यवस्था करनी हो, चाहे roadways की व्यवस्था करनी हो, चाहे गैस grid बनानी हो, चाहे पानी की grid करानी हो, चाहे optical fibre network करना हो, हर प्रकार के आधुनिक infrastructure पर हम पूर्ण बल दे रहे हैं.
मेरे प्यारे देशवासियों, 21वीं सदी में भारत को आगे बढ़ाने का सबसे ऊर्जावान क्षेत्र है, हमारा पूर्वी हिन्दुस्तान. इतना potential है, सामर्थ्यवान मानव संसाधन है, अपार प्राकृतिक संपदा है, परिश्रम के धनी हैं, संकल्प करके जिन्दगी बदलने का सामर्थ्य रखते हैं. हमारा पूरा ध्यान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, असम, नॉर्थ ईस्ट, ओडिशा, ये हमारे ऐसे सामर्थ्यवान राज्य हैं, जहां प्राकृतिक संपदा भरपूर है, उसको आगे बढ़ाकर के देश को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में हम प्रयत्नरत है.
भाइयो-बहनों, भ्रष्टाचार मुक्त भारत एक बड़ा अहम काम है, उसको हम बल देने का प्रयास कर रहे है. सरकार बनने के बाद पहला काम किया था SIT बनाने का. आज तीन साल के बाद मैं देशवासियों को बताना चाहता हूं, गर्व से बताना चाहता हूं कि तीन साल के भीतर-भीतर, करीब-करीब सवा लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा कालाधन को हमने खोज दिया है, उसको पकड़ा है और उसको suurender करने के लिए मजबूर किया है.
उसके बाद हमने नोटबंदी का फैसला किया. नोटबंदी के द्वारा हमने अनेक महत्वपूर्ण सफलताएं प्राप्त की हैं. जो कालाधन छिपा हुआ था, उसको मुख्यधारा में आना पड़ा. आपने देखा होगा कि हम कभी 07 दिन-10 दिन-15 दिन बढ़ाते जाते थे, कभी पेट्रोल पंप पर, कभी दवाई की दुकान पर, कभी रेलवे स्टेशन पर पुराने नोट लेने का सिलसिला जारी रखते थे, क्योंकि हमारा प्रयास था कि एक बार जो भी धन आए वो बैंकों में formal economy का हिस्सा बन जाए और उस काम को हमने सफलतापूर्वक पार किया है. और इसका कारण यह हुआ है कि अभी जो research हुआ है, करीब तीन लाख करोड़ रुपए... ये सरकार ने research नहीं की है, बाहर के expert ने की है. नोटबंदी के बाद तीन लाख करोड़ रुपए, जो अतिरिक्त, जो कभी banking system में वापस नहीं आता था वो आया है.
बैंकों में जमा की गई राशि में पौने दो लाख करोड़ से अधिक राशि शक के घेरे में है. कम से कम दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कालाधन उसको बैंको तक पहुंचना पड़ा है और अब व्यवस्था के साथ उनको अपना जवाब देने के लिए मजबूर हुए हैं. नए कालेधन पर भी बहुत बड़ी रुकावट आ गई है. इस वर्ष, इसका परिणाम देखिए, 01 अप्रैल से 05 अगस्त तक income tax return दाखिल करने वाले नए व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या 56 लाख. पिछले साल उसी अवधि में ये संख्या सिर्फ 22 लाख थी. Double से भी ज्यादा! ये कारण कालेधन के खिलाफ हमारी लड़ाई का परिणाम है.
18 लाख से ज्यादा ऐसे लोगों को पहचान लिया गया है, जिनकी आय उनके हिसाब किताब से कुछ ज्यादा है, बेशुमार ज्यादा है और इसलिये इस अंतर का उनको जवाब देना पड़ रहा है. साढ़े चार लाख लोग इसमें से अब मैदान में आये हैं, अपनी गलती स्वीकार करके रास्ते में आने का प्रयास कर रहे हैं. एक लाख लोग ऐसे सामने आए हैं, जिन्होंने कभी जिन्दगी में Income Tax का नाम भी नहीं सुना था, न Income Tax कभी दिया था, न कभी उन्होंने उस पर सोचा था, लेकिन आज उनको वो करना पड़ रहा है.
भाइयों बहनों, हमारे देश में अगर दो चार कंपनियां भी कहीं बंद हो जाए, तो चौबिसों घंटे उस पर चर्चाएं होती हैं उस पर Debates होती हैं. अर्थनीति खत्म हो गई… ये हो गया, न जाने क्या क्या होता है! आपको जानकर के हैरानी होगी, काले धन के कारोबारी, Shell कंपनियां चलाते थे और नोटबंदी के बाद जब data-mining किया गया. तब तीन लाख ऐसी कंपनियां पाई गईं हैं, जो सिर्फ और सिर्फ shell कंपनियां हैं. हवाला का कारोबार करती हैं. तीन लाख, कोई कल्पना कर सकता है. और उसमें से पौने दो लाख का रजिस्ट्रेशन हमनें Cancel कर दिया है. पांच कंपनियां बंद हो जाए तो हिन्दुस्तान में तूफान मच जाता है. पौने दो लाख कंपनियों को ताले लगा दिये. देश का माल लूटने वालों को जवाब देना पड़ेगा, ये काम हमने कर के दिखाया.
आपको हैरानी होगी! कुछ तो shell कंपनियां ऐसी हैं, जो एक ही Address पर चार सौ चार सौ कंपनियां चल रही थीं, भाइयों बहनों. चार सौ चार सौ कंपनियां चल रही थीं. कोई देखने वाला नहीं था, कोई पूछने वाला नहीं था. सारी मिलीभगत चल रही थी. और इसलिये मेरे भाइयों बहनों, मैंने भ्रष्टाचार काले धन के खिलाफ एक बहुत बड़ी लड़ाई छेड़ी है. देश की भलाई के लिए देश के गरीबों के कल्याण के लिये, देश के नौजवानों के भविष्य को बनाने के लिए.
भाइयों बहनों, एक के बाद एक कदम और मुझे विश्वास है GST के बाद उसमें और बढ़ोतरी होने वाली है. और Transparency आने वाली है. अकेले Transportation हमारा ट्रक वाला एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता था. ये GST के बाद तीस प्रतिशत उसका समय बच गया है. check-post खत्म होने के कारण हजारों करोड़ रुपयों की तो बचत हुई है. सबसे बड़ी बचत समय की हुई है. एक प्रकार से उसकी तीस प्रतिशत Efficiency बढ़ रही है. आप कल्पना कर सकते हैं हिन्दुस्तान के Transport जगत में तीस प्रतिशत Efficiency बढ़ने का मतलब क्या होता है. एक GST के कारण इतना बड़ा परिवर्तन आया है.
मेरे प्यारे देशवासियों, आज नोटबंदी के कारण बैंको के पास धन आया है. बैंक अपनी ब्याज दर कम कर रहे हैं. मुद्रा के द्वारा सामान्य मानव को बैंक से पैसा मिल रहा है. सामान्य मानव को अपने पैरों पर खड़े होने के लिये अवसर मिल रहा है. गरीब हो, मध्यवर्ग का व्यक्ति हो घर बनाना चाहता है, तो बैंक उसको मदद करने के लिये आगे आ रहे हैं, कम ब्याज की दर से आगे आ रहे हैं. ये सारा देश के अर्थतंत्र को गति देने की दिशा में काम कर रहा है.
मेरे प्यारे देशवासियों, अब ये वक्त बदल चुका है. हम 21वीं सदी में हैं. विश्व का सबसे बड़ा युवा वर्ग हमारे देश में है. दुनिया में हमारी पहचान IT के द्वारा है, Digital World के द्वारा है. क्या अब भी हम उसी पूरानी सोच में रहेंगे. अरे! एक जमाने में चमड़े के सिक्के चलते थे, धीरे-धीरे लुप्त हो गए, कोई पूछने वाला नहीं रहा. आज जो कागज के नोट हैं, समय आते रहते वो सारा का सारा Digital Currency में Convert होने वाला है. हम नेतृत्व करें, हम जिम्मेवारी लें, हम Digital Transaction की ओर जाएं. हम BHIM APP को अपनाएं, आर्थिक कारोबार का हिस्सा बनाएं. हम Prepaid के द्वारा भी काम करें. और मुझे खुशी है कि Digital लेनदेन बढ़ी है. पिछले साल के मुकाबले उसमें 34 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और Prepaid भुगतान में करीब 44 प्रतिशत का. और इसलिये कम cash वाली अर्थव्यवस्था, उसको लेकर के हमें आगे बढ़ना चाहिए.
मेरे प्यारे देशवासियों, सरकार की कुछ योजनाएं ऐसी हैं, जो हिन्दुस्तान के सामान्य मानव की जेब में पैसे बचा सकें. अगर आप LED Bulb लगाते हैं, तो साल भर का हजार दो हजार पांच हजार रुपया आपका बचने वाला है. अगर आप स्वच्छ भारत में सफल होते हैं, तो गरीब का सात हजार का रुपया दवाई का बंद होता है. महंगाई पर नियंत्रण, आपके बढ़ते हुए खर्च को रोकने में सफल हुआ है, एक प्रकार से आपकी बचत है.
‘जन औषधि केन्द्रों’ के द्वारा सस्ती दवाई की दुकान गरीब के लिये एक बहुत बड़ा आशीर्वाद बनी है. हमारे यहां Operation के पीछे, stent के पीछे जो खर्च होते थे वो कम हुए हैं. आने वाले दिनों में Knee के Operation के लिए भी सारी सुविधाएं मिलेंगी. हमारी कोशिश है कि गरीब और मध्यमवर्ग के मानव के लिये ये खर्च कम हो और उसके लिये हम एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं.
पहले हमारे देश में राज्यों के मुख्यालय में Dialysis हुआ करता था. हमने तय किया हिन्दुस्तान के जिला केन्द्रों तक Dialysis पहुंचाएंगे. करीब साढ़े तीन सौ, चार सौ जिलों तक पहुंचा दिया और मुफ्त में Dialysis करके गरीब की जिन्दगी बचाने का काम हम कर रहे हैं.
आज देश गर्व कर सकता है कि हमने विश्व के सामने अपनी व्यवस्थाओं को विकसित किया है. GPS System के द्वारा NAVIC Navigation की व्यवस्था आज करने में हम सफल हुए हैं. हमने SAARC Satellite के द्वारा हमने पड़ोसी देशों के साथ मदद करने का सफल अभियान किया है.
हम ‘तेजस’ हवाई जहाज के द्वारा आज दुनिया के अंदर अपनी अहमियत पहुंचा रहे हैं. ‘BHIM-AADHAR App’ दुनिया के अंदर Digital Transaction के लिये एक अजूबा बना हुआ है. RuPay Card ...हिन्दुस्तान में RuPay Card करोड़ों की तादाद में है. और अगर वो operational हो जाएगा, वो अगर गरीबों के जेब में है, तो दुनिया का, ये सबसे बड़ा हो जाएगा.
और इसलिये मेरे प्यारे देशवासियों, मेरा आपसे यही आग्रह है कि हम ‘New India’ का संकल्प ले कर के आगे बढ़ें, समय रहते हुए करें. हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया हैः अनियत काल:, अनियत कालः प्रभुतयो विप्लवन्ते, प्रभुतयो विप्लवन्ते. सही समय पर अगर कोई कार्य पूरा नहीं किया गया, तो फिर इच्छित परिणाम कभी नहीं मिलते हैं. और इसलिये ‘Team India’ के लिए, सवा सौ करोड़ देशवासियों की टीम India के लिए, आज हमें संकल्प लेना होगा 2022 तक ‘New India’ बनाने का और ये काम हम खुद करेंगे, कोई करेगा ऐसा नहीं, हम खुद करेंगे. देश के लिये करेंगे, पहले से अच्छा करेंगे, पहले से ज्यादा करेंगे, समर्पण भाव से करेंगे, 2022 में ‘भव्य-दिव्य’ हिन्दुस्तान देखने के लिये करेंगे.
और इसलिये हम सब मिलकर के एक ऐसा भारत बनाएंगे जहां गरीब के पास पक्का घर हो, बिजली हो, पानी हो.
हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएंगे, जहां देश का किसान चिंता में नहीं चैन से सोएगा. आज वो जितना कमा रहा है, उससे 2022 तक दोगुना कमाएगा.
हम सब मिलकर के एक ऐसा हिन्दुस्तान बनाएंगे, जहां युवाओं, महिलाओं को अपने सपने पूरे करने के लिये भरपूर अवसर उपलब्ध होंगे.
हम सब मिलकर के एक ऐसा भारत बनाएंगे, जो आतंकवाद संप्रदायवाद और जातिवाद से मुक्त होगा.
हम सब मिलकर के एक ऐसा भारत बनाएंगे, जहां भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से कोई समझौता नहीं होगा.
हम सब मिलकर के एक ऐसा भारत बनाएंगे, जो स्वच्छ होगा, स्वस्थ होगा और स्वराज के सपने को पूरा करेगा.
और इसलिये मेरे प्यारे देशवासियों, हम सब मिलकर के विकास की इस दौड़ में आगे चलने का प्रयास करेंगे.
आज आजादी के 70 साल के बाद, आजादी के 75 साल की प्रतीक्षा के बीच पांच साल के महत्वपूर्ण कार्यकाल में एक ‘दिव्य-भव्य भारत’ के सपने को लेकर के हम सभी देशवासी चलें, इसी एक भाव के साथ मैं फिर एक बार आजादी के दीवानों को प्रणाम करता हूं.
सवा सौ करोड़ देशवासियों के नए विश्वास, नई उमंग को नमन करता हूं. और नए संकल्प के साथ आगे चलने के लिये ‘Team India’ को आह्वान करता हूं.
इसी भावना के साथ आप सबको हृदय से मेरी बहुत बहुत शुभकामनाएं.
भारत माता की जय, वन्दे मातरम जय हिंद.
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद.
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय.
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम.
सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.
साभार: PIB
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