आयकर विभाग ( Income Tax Department) ने 28 अक्टूबर को सिंचाई और सड़क निर्माण परियोजनाओं में लगे कर्नाटक के एक नामचीन ग्रुप के खिलाफ तलाशी और जब्ती अभियान चलाया. यह ग्रुप नार्थ कर्नाटक में काम कर रहा है. सर्च अभियान के दौरान पता चला है कि यह समूह मैटेरियल की खरीद , लेबर खर्च और सबकांट्रेक्टरों के भुगतान में फर्जी खर्च दिखा कर अपने प्रोफिट्स को दबा रहा था.
फर्जी खर्चों को लेकर कई साक्ष्य भी बरामद किये गये हैं. इनमे विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य हैं. इनको आयकर विभाग ने जब्त कर लिया है. जब्त दस्तावेजों के विश्लेषण से पता चलता है कि वेंडर्स और सप्लायर से समूह के प्रमुख व्यक्ति द्वारा बेहिसाब कैश प्राप्त किया गया है.
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यह भी पाया गया कि उनके अपने रिश्तेदारों, मित्रों और कर्मचारियों को सबकांट्रेक्टर के तौर पर दिखाया गया. इन्होंने न तो कभी काम किया था और न ही उनके पास काम करने की कोई क्षमता थी. इस तरीके के अनियमितता से समूह को बेहिसाब संपत्ति की प्राप्त हुई है. सर्च अभियान में करोड़ों रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का पता चला है. 70 करोड़ जो समूह द्वारा अघोषित आय के रूप में स्वीकार किया गया है.
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