श्रीनगर:
घाटी में जारी भारी तनाव के बीच बुधवार को सेना की भर्ती में अपनी किस्मत आजमाने के लिए सैकड़ों युवा दौड़ समेत शारीरिक परीक्षा में शामिल होने के लिए कतारों में खड़े दिखाई दिए. घाटी में जुलाई से हिंसक प्रदर्शनों के केंद्र बिंदु दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में भर्ती प्रक्रिया का आयोजन किया गया.
यह श्रीनगर से 60 किमी दूर है और यह कश्मीर के ऐसे जिलों में शामिल है जहां आठ जुलाई को आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन हुए हैं. अधिकांश आवेदक पत्थरबाजों की भीड़ से बचने और भर्ती शिविर तक सुरक्षित पहुंचने के लिए रात के अंधेरे में ही अपने घर से निकले.
सड़कों पर हालिया उग्र प्रदर्शनों और नारों के विपरीत भर्ती में शामिल होने आए जुबैर अहमद ने कहा, ''मैं देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती होने जा रहा हूं.'' एक अन्य प्रतियोगी हिलाल अहमद ने कहा, ''मैं स्कूल में था और अब स्कूल और कॉलेज बंद है और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है. मैंने अब अपने देश भारत की सेवा करने का निश्चय किया है.''
भारी तनाव और गतिरोध के बीच छह हजार आवेदनों में से केवल 400 लोग ही इंटरव्यू राउंड तक पहुंच सके. कुछ लोग जो क्वालीफाई नहीं कर सके वे अधिकारियों से नरमी की अपील करते हुए दिखे. इस संबंध में ब्रिगेडियर जेएस सान्याल ने कहा, ''मौजूदा परिस्थितियों और प्रशासनिक समस्याओं के बीच अपेक्षित प्रतियोगी नहीं आ सके. लेकिन पहले दिन के लिहाज से अच्छी उपस्थिति रही.''
उल्लेखनीय है कि करीब ढाई महीने से जारी गतिरोध और हिंसक प्रदर्शनों के चलते घाटी में 80 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 10 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं.
यह श्रीनगर से 60 किमी दूर है और यह कश्मीर के ऐसे जिलों में शामिल है जहां आठ जुलाई को आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन हुए हैं. अधिकांश आवेदक पत्थरबाजों की भीड़ से बचने और भर्ती शिविर तक सुरक्षित पहुंचने के लिए रात के अंधेरे में ही अपने घर से निकले.
सड़कों पर हालिया उग्र प्रदर्शनों और नारों के विपरीत भर्ती में शामिल होने आए जुबैर अहमद ने कहा, ''मैं देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती होने जा रहा हूं.'' एक अन्य प्रतियोगी हिलाल अहमद ने कहा, ''मैं स्कूल में था और अब स्कूल और कॉलेज बंद है और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है. मैंने अब अपने देश भारत की सेवा करने का निश्चय किया है.''
भारी तनाव और गतिरोध के बीच छह हजार आवेदनों में से केवल 400 लोग ही इंटरव्यू राउंड तक पहुंच सके. कुछ लोग जो क्वालीफाई नहीं कर सके वे अधिकारियों से नरमी की अपील करते हुए दिखे. इस संबंध में ब्रिगेडियर जेएस सान्याल ने कहा, ''मौजूदा परिस्थितियों और प्रशासनिक समस्याओं के बीच अपेक्षित प्रतियोगी नहीं आ सके. लेकिन पहले दिन के लिहाज से अच्छी उपस्थिति रही.''
उल्लेखनीय है कि करीब ढाई महीने से जारी गतिरोध और हिंसक प्रदर्शनों के चलते घाटी में 80 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 10 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं.
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