कोलकाता/नई दिल्ली:
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के कथित रिश्वतखोरी के मामले को लोकसभा अध्यक्ष ने जांच के लिए संसद की आचार समिति को भेजा। वहीं कोलकाता में कांग्रेस की यूथ कांग्रेस ने भी इस मामले पर प्रदर्शन किया। नकली नोट हवा में उड़ाए गए। कार्यकर्ता बोरे में भरकर नकली नोट लाए थे।
इस स्टिंग को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में टीएमसी और लेफ्ट नेता एक-दूसरे से भिड़ गए। TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने स्टिंग करने वाली संस्था पर ही सवाल उठाए, जिसके बाद सीपीएम के सांसदों ने वेल में पहुंचकर नारे लगाए।
इससे पूर्व सरकार ने लोकसभा में कार्रवाई किए जाने की बात करते हुए कहा कि सच सामने आना चाहिए, वहीं तृणमूल सदस्यों का कहना था कि पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले राजनीतिक साजिश के तहत आरोप लगाए गए हैं।
तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं को कथित तौर पर एक फर्जी निजी कंपनी की मदद के लिए अवैध धन लेते हुए दिखाए गए एक स्टिंग ऑपरेशन के प्रसारण के बाद भाजपा, कांग्रेस और माकपा के सदस्यों ने इस मुद्दे को सदन में उठाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सदस्यों का कहना था कि पहले भी इस तरह के उदाहरण देखे गये हैं जब इस तरह के स्टिंग के बाद समान आरोपों में 11 सदस्यों को संसद से बर्खास्त कर दिया गया था।
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, संसद की प्रतिष्ठा ताक पर है। हमें सच साबित करना होगा। केवल यह कहना पर्याप्त नहीं होगा कि यह साजिश है। इससे जनता संतुष्ट नहीं होगी। उन्होंने कहा कि या तो सरकार इस मामले में जांच करा सकती है या लोकसभा अध्यक्ष इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दें। इससे पहले विभिन्न दलों के नेताओं ने जांच की मांग की।
माकपा के मोहम्मद सलीम ने आरोपों की जांच के लिए समिति गठित किए जाने की मांग करते हुए कहा, कुछ चैनल पर सांसदों को नोटों की गड्डी जेब में रखते हुए देखा गया। हमें शर्म आती है कि हम ऐसे लोगों के साथ बैठे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए। उनके आचरण से संसद की मर्यादा और गरिमा प्रभावित हुई है। सलीम के बाद भाजपा के एस एस अहलूवालिया और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की और इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को शांति से बैठे देखा गया, लेकिन बाद में तृणमूल के सौगत राय और माकपा के मोहम्मद सलीम के बीच तीखी नोकझोंक देखी गई। तृणमूल के सदस्यों के साथ माकपा के सलीम तथा कांग्रेस के चौधरी के बीच तू-तू-मैं-मैं की नौबत आ गई।
इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ रची जा रही ‘‘साजिश’’ के बावजूद पार्टी को धमकाया नहीं जा सकता और वह विधानसभा चुनाव जीतेंगी।
इस स्टिंग को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में टीएमसी और लेफ्ट नेता एक-दूसरे से भिड़ गए। TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने स्टिंग करने वाली संस्था पर ही सवाल उठाए, जिसके बाद सीपीएम के सांसदों ने वेल में पहुंचकर नारे लगाए।
इससे पूर्व सरकार ने लोकसभा में कार्रवाई किए जाने की बात करते हुए कहा कि सच सामने आना चाहिए, वहीं तृणमूल सदस्यों का कहना था कि पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले राजनीतिक साजिश के तहत आरोप लगाए गए हैं।
तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं को कथित तौर पर एक फर्जी निजी कंपनी की मदद के लिए अवैध धन लेते हुए दिखाए गए एक स्टिंग ऑपरेशन के प्रसारण के बाद भाजपा, कांग्रेस और माकपा के सदस्यों ने इस मुद्दे को सदन में उठाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सदस्यों का कहना था कि पहले भी इस तरह के उदाहरण देखे गये हैं जब इस तरह के स्टिंग के बाद समान आरोपों में 11 सदस्यों को संसद से बर्खास्त कर दिया गया था।
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, संसद की प्रतिष्ठा ताक पर है। हमें सच साबित करना होगा। केवल यह कहना पर्याप्त नहीं होगा कि यह साजिश है। इससे जनता संतुष्ट नहीं होगी। उन्होंने कहा कि या तो सरकार इस मामले में जांच करा सकती है या लोकसभा अध्यक्ष इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दें। इससे पहले विभिन्न दलों के नेताओं ने जांच की मांग की।
माकपा के मोहम्मद सलीम ने आरोपों की जांच के लिए समिति गठित किए जाने की मांग करते हुए कहा, कुछ चैनल पर सांसदों को नोटों की गड्डी जेब में रखते हुए देखा गया। हमें शर्म आती है कि हम ऐसे लोगों के साथ बैठे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए। उनके आचरण से संसद की मर्यादा और गरिमा प्रभावित हुई है। सलीम के बाद भाजपा के एस एस अहलूवालिया और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की और इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को शांति से बैठे देखा गया, लेकिन बाद में तृणमूल के सौगत राय और माकपा के मोहम्मद सलीम के बीच तीखी नोकझोंक देखी गई। तृणमूल के सदस्यों के साथ माकपा के सलीम तथा कांग्रेस के चौधरी के बीच तू-तू-मैं-मैं की नौबत आ गई।
इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ रची जा रही ‘‘साजिश’’ के बावजूद पार्टी को धमकाया नहीं जा सकता और वह विधानसभा चुनाव जीतेंगी।
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