कानपुर:
आईआईटी, कानपुर में मैटेरियल साइंस प्रोग्राम में पीएचडी के छात्र आलोक कुमार पांडेय की सोमवार दोपहर दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई. वह 26 वर्ष के थे.
आईआईटी के डीन :स्टूडेंट अफेयर्स: ए.आर. हरीश ने बताया कि मैटेरियल साइंस प्रोग्राम में पीएचडी के छात्र आलोक कुमार पांडेय हॉस्टल नंबर 4 में रहते थे. सोमवार दोपहर करीब 2:15 बजे उनके सीने और गर्दन में तेज दर्द उठा जिसके बाद उन्हें आईआईटी के हेल्थ सेंटर पर लाया गया. वहां उनकी ईसीजी में काफी गड़बड़ियां दिखीं, जिसके बाद उन्हें शहर के हृदय रोग संस्थान में ले जाया गया. हालांकि रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
पांडेय की मौत के बाद हॉस्टल चार के छात्रों ने हंगामा किया और आरोप लगाया कि हेल्थ सेंटर में कोई इंजेक्शन देने के कारण उनकी मौत हो गई. इस बारे में जब हरीश से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और जहां तक मुझे मालूम है, छात्र की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आईआईटी के डीन :स्टूडेंट अफेयर्स: ए.आर. हरीश ने बताया कि मैटेरियल साइंस प्रोग्राम में पीएचडी के छात्र आलोक कुमार पांडेय हॉस्टल नंबर 4 में रहते थे. सोमवार दोपहर करीब 2:15 बजे उनके सीने और गर्दन में तेज दर्द उठा जिसके बाद उन्हें आईआईटी के हेल्थ सेंटर पर लाया गया. वहां उनकी ईसीजी में काफी गड़बड़ियां दिखीं, जिसके बाद उन्हें शहर के हृदय रोग संस्थान में ले जाया गया. हालांकि रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
पांडेय की मौत के बाद हॉस्टल चार के छात्रों ने हंगामा किया और आरोप लगाया कि हेल्थ सेंटर में कोई इंजेक्शन देने के कारण उनकी मौत हो गई. इस बारे में जब हरीश से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और जहां तक मुझे मालूम है, छात्र की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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