आईआईटी कानपुर में पढ़ने वाली एक विदेशी छात्रा द्वारा संस्थान के ही एक प्रोफेसर पर अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाये जाने के बाद आरोपी प्रोफेसर को शिक्षण कार्य से हटा दिया गया है. आईआईटी कानपुर की ओर से मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक, ''पिछले सप्ताह एक छात्रा ने एक फैकल्टी मेंबर के खिलाफ अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया था.'' बयान में कहा गया कि संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार कामकाजी महिलाओं के शोषण की रोकथाम के लिये (सेक्शुअल हैरेसमेंट ऑफ विमन एट वर्कप्लेस) (विशाखा) के दिशा निर्देशों के आधार पर जांच आरंभ की और जिस पाठ्यक्रम में छात्रा पढ़ रही थी वहां से आरोपी शिक्षक को हटा दिया.
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कार्यस्थल पर होने वाले यौन-उत्पीड़न के खिलाफ 1997 में उच्चतम न्यायालय ने कुछ निर्देश जारी किए थे, जिसे ''विशाखा दिशानिर्देश'' के रूप में जाना जाता है. संस्थान के डिप्टी डायरेक्टर मनींद्र अग्रवाल ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद अगर प्रोफेसर दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
Dy Director of IIT Kanpur on allegations of molestation made by a foreign student against a faculty member: Complaint filed by the student was immediately taken up & professor has been relieved from teaching responsibility. Stringent actions will be taken if he is found guilty. pic.twitter.com/6iCD13QDQn
— ANI (@ANI) September 10, 2019
हालांकि मनींद्र अग्रवाल ने विदेशी छात्रा की नागरिकता के बारे में बताने से इनकार कर दिया. संस्थान की ओर से जारी बयान में कहा गया कि किसी भी शिकायतकर्ता की पहचान नहीं बताई जाए. इस बात को ध्यान में रखते हुए संस्थान मीडिया तथा अन्य से यह अनुरोध करता है कि इस घटना में किसी भी तरह से पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं किया जाए. (इनपुट-भाषा)
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