उत्तर प्रदेश के बदायूं में 50 साल की महिला के साथ गैंगरेप और हत्या की घटना को टाला जा सकता था, अगर वह उस शाम को अकेले मंदिर नहीं जाती. राष्ट्रीय महिला आय़ोग की एक सदस्या ने ये प्रतिक्रिया दी है. महिला आयोग की सदस्या चंद्रमुखी देवी के हवाले से पीटीआई ने बताया, मैं महिलाओं से बार-बार कहती हूं कि उन्हें ऐसे गलत समय में किसी के भी प्रभाव में कहीं नहीं जाना चाहिए. 50 साल की महिला रविवार दोपहर को मंदिर गई थी, जहां सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई. पुजारी और उसके दो शिष्यों ने कथित तौर पर इस घटना को अंजाम दिया.
चंद्रमुखी देवी ने पीड़ित महिला के परिजनों से मुलाकात के बाद कहा, मैं सोचती हूं कि अगर वह शाम को वहां नहीं जाती या परिवार के किसी बच्चे को साथ ले जाती तो शायद इस घटना को टाला जा सकता था. लेकिन यह सुनियोजित घटना थी, क्योंकि उसे फोन करके बुलाया गया था. वह चली गई और ऐसी घटना घट गई. राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या को आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने पीड़िता के परिजनों से मिलने भेजा था. रेखा शर्मा ने गुरुवार शाम को ट्वीट कर कहा, "यह राष्ट्रीय महिला आय़ोग की राय नहीं है और मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती हूं."
No I don't..I don't know how and why the member has said this but women have all the right move on their will whenever and wherever they want to. It's society and state's duty to make places safe for women. https://t.co/WlG2DWs20G
— Rekha Sharma (@sharmarekha) January 7, 2021
शर्मा ने एक अन्य पोस्ट में कहा, मैं नहीं जानती कि आयोग की सदस्या ने यह कैसे और क्यों कहा. महिला को यह अधिकार है कि वह अपनी इच्छानुसार कभी भी और कहीं भी जा सके. यह समाज और सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह महिलाओं के लिए हर जगह को सुरक्षित बनाए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि महिला के साथ किस कदर वहशी हरकत की गई, अत्यधिक खून बहने से उसकी मौत हो गई. बदायूं के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. यशपाल सिंह ने कहा कि महिला के एक पैर में फ्रैक्चर भी हो गया था. प्रथमदृष्टया हमने दुष्कर्म के साक्ष्य पाए हैं.
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