केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को बताया कि उनके जन्म लेने के समय किसी ने उन्हें बोझ बताया था।
ईरानी ने कहा, मैं पहली बार इस बात को जाहिर कर रही हूं कि जब मैं पैदा हुई, किसी ने मेरी मां को इशारा किया कि बेटी तो बोझ होती है और इसलिए उसे मुझे मार देना चाहिए। लेकिन मेरी मां बहादुर थी और उसने ऐसा नहीं किया, यही वजह है कि आज मैं यहां आपके सामने खड़ी हूं।
ईरानी से एक छात्र ने कन्या भ्रूण हत्या के बारे में सवाल किया था, जिसके जवाब में उन्होंने उपरोक्त बातें कहीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह के अपराधों को खत्म किया जाना चाहिए और यह सरकार की उच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ एक महिला को ही शिक्षित नहीं करते हैं, बल्कि इससे पूरा परिवार योग्य बनता है, जिससे आगे चलकर राष्ट्र निर्माण में सहायता पहुंचती है।
विभिन्न राज्यों में अलग-अलग बोर्ड और पाठ्यक्रमों के सवाल पर स्मृति ईरानी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के द्वारा शिक्षा में एकरूपता लाने की बात पर अमल की जाएगी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा को स्किल डेवलपमेंट से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि देश में बेरोजगारी की समस्या का हल हो और पाठ्यक्रमों को ज्यादा व्यावहारिक बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को राष्ट्रीय, राज्य स्तर, क्षेत्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक चर्चा के बाद तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय नेशनल ई-लाइब्रेरी बनाने की योजना पर काम कर रहा है, जिससे छात्रों और अन्य नागरिकों को व्यापक ज्ञान भंडार की सहूलियत उपलब्ध हो सके। इस उद्देश्य के लिए मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से भी तालमेल करेगा। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय शिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्ण ट्रेनिंग देने पर भी ध्यान दे रहा है।
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