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This Article is From Nov 20, 2016

मेरे पास भारत के अलावा कुछ भी नहीं है : तसलीमा नसरीन

मेरे पास भारत के अलावा कुछ भी नहीं है : तसलीमा नसरीन
बांग्‍लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा कि भारत लौटने के लिए तमाम प्रतिबंधों और खतरों की उन्हें जानबूझकर अवहेलना करनी पड़ी बावजूद इसके कि उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उनके पास ‘भारत के अलावा कुछ भी नहीं है.’

उन्होंने भारत द्वारा खुली सोच को बढ़ावा देने की उम्मीद जाहिर की. लेखिका ने साथ ही कहा कि वह चाहती हैं कि पड़ोसी देश भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर भारत से प्रेरणा लें. उन्होंने अपने संस्मरण ‘एग्जाइल’ में ये विचार रखे हैं, जिसका अंग्रेजी में अनुवाद महरघया चक्रवर्ती ने बांग्ला में प्रकाशित ‘निर्बासन’ से किया है.

पेंग्विन रैंडम हाउस ने इस पुस्तक का प्रकाशन किया है. उन्होंने करीब पांच वर्ष पहले यह किताब लिखी थी. इस पुस्तक में तसलीमा ने अपने संघर्ष के उन सात महीनों की घटनाओं का जिक्र किया है जब उन्हें पश्चिम बंगाल से फिर राजस्थान से और आखिरकार भारत से बाहर जाना पड़ा था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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