मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद (फाइल फोटो)
जम्मू:
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने राज्य में अनिश्चितता को समाप्त करने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाया और उन्हें सत्ता की कोई चाहत नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुफ्ती को सत्ता की कोई चाहत नहीं है। मैंने जो गठबंधन बनाया, वह सत्ता के लिए नहीं है। दिवंगत कांग्रेस नेता गिरधारी लाल डोगरा की जन्म शताब्दी पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने राज्य में पीडीपी-भाजपा के गठबंधन की सरकार बनाने के पीछे के उद्देश्य को बताया।
उन्होंने कहा कि जब मैंने भाजपा के साथ हाथ मिलाया था और जब मैं कहता हूं कि यह उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव का मिलन है, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि मेरा एक सपना है कि यह अनिश्चितता समाप्त होगी और एक शांतिपूर्ण और सकारात्मक माहौल बनेगा। पीडीपी नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर को शेष देश से जोड़ना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि हम जम्मू कश्मीर को देश से जोड़ना चाहते हैं लेकिन हम जम्मू को कश्मीर के साथ नहीं जोड़ पाए। मैं जम्मू कश्मीर के लोगों से वादा करना चाहता हूं कि हम न्याय करना चाहते हैं और राज्य में भेदभाव की भावना को समाप्त करना चाहते हैं।
हमने 2002 से 2005 तक अपने शासन के दौरान जम्मू कश्मीर के सभी तीनों क्षेत्रों-लद्दाख, कश्मीर और जम्मू के साथ न्याय किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जम्मू कश्मीर की तकदीर बदलने के लिए जरूरी कदम उठाएगी और विरोधाभासों को दूर करने का प्रयास करेगी।
मुफ्ती ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि हम जम्मू कश्मीर की तकदीर बदल देंगे। पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह कहा करते थे कि राजनीति विरोधाभासों के प्रबंधन की संभावना की कला है। मेरा सपना है कि हमें सभी का साथ मिले और हम विरोधाभासों को सुलझाने का प्रयास करेंगे।’’ जारी
समारोह में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री अरण जेटली, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कर्ण सिंह आदि शरीक हुए।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने दिवंगत नेता डोगरा को कांग्रेस का निष्ठावान नेता बताया जिन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि वह कट्टर 24 कैरेट कांग्रेसी थे जिसने कभी अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया। आजाद के मुताबिक डोगरा के कद का एक उदाहरण यह भी है कि उन्होंने राज्य के वित्त मंत्री के तौर पर 26 बार प्रदेश का बजट प्रस्तुत किया।
केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने इस मौके पर कहा कि दिवंगत नेता के अनेक विचारधाराओं के लोगों के साथ व्यक्तिगत संबंध थे। जेटली डोगरा के दामाद हैं। जेटली ने कहा, ‘‘शेख साहब हों या प्रेम नाथ डोगरा, उनके सभी के साथ व्यक्तिगत संबंध थे, भले ही उनकी राजनीतिक विचारधारा में अंतर रहा हो।’’ उन्होंने कहा कि डोगरा के जन्मशती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी से यह बात साबित होती है कि उनका सभी सम्मान करते हैं।
जेटली ने बताया कि गिरधारी लाल डोगरा मेमोरियल ट्रस्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री फारक अब्दुल्ला को भी समारोह में आमंत्रित किया था लेकिन सेहत की वजह से वह शामिल नहीं हो सके। राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कर्ण सिंह ने डोगरा के जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय हितों के लिए काम किया और प्रदेश की राजनीति में अनेक उतार-चढ़ाव देखे।
उन्होंने कहा कि मुफ्ती को सत्ता की कोई चाहत नहीं है। मैंने जो गठबंधन बनाया, वह सत्ता के लिए नहीं है। दिवंगत कांग्रेस नेता गिरधारी लाल डोगरा की जन्म शताब्दी पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने राज्य में पीडीपी-भाजपा के गठबंधन की सरकार बनाने के पीछे के उद्देश्य को बताया।
उन्होंने कहा कि जब मैंने भाजपा के साथ हाथ मिलाया था और जब मैं कहता हूं कि यह उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव का मिलन है, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि मेरा एक सपना है कि यह अनिश्चितता समाप्त होगी और एक शांतिपूर्ण और सकारात्मक माहौल बनेगा। पीडीपी नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर को शेष देश से जोड़ना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि हम जम्मू कश्मीर को देश से जोड़ना चाहते हैं लेकिन हम जम्मू को कश्मीर के साथ नहीं जोड़ पाए। मैं जम्मू कश्मीर के लोगों से वादा करना चाहता हूं कि हम न्याय करना चाहते हैं और राज्य में भेदभाव की भावना को समाप्त करना चाहते हैं।
हमने 2002 से 2005 तक अपने शासन के दौरान जम्मू कश्मीर के सभी तीनों क्षेत्रों-लद्दाख, कश्मीर और जम्मू के साथ न्याय किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जम्मू कश्मीर की तकदीर बदलने के लिए जरूरी कदम उठाएगी और विरोधाभासों को दूर करने का प्रयास करेगी।
मुफ्ती ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि हम जम्मू कश्मीर की तकदीर बदल देंगे। पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह कहा करते थे कि राजनीति विरोधाभासों के प्रबंधन की संभावना की कला है। मेरा सपना है कि हमें सभी का साथ मिले और हम विरोधाभासों को सुलझाने का प्रयास करेंगे।’’ जारी
समारोह में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री अरण जेटली, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कर्ण सिंह आदि शरीक हुए।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने दिवंगत नेता डोगरा को कांग्रेस का निष्ठावान नेता बताया जिन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि वह कट्टर 24 कैरेट कांग्रेसी थे जिसने कभी अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया। आजाद के मुताबिक डोगरा के कद का एक उदाहरण यह भी है कि उन्होंने राज्य के वित्त मंत्री के तौर पर 26 बार प्रदेश का बजट प्रस्तुत किया।
केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने इस मौके पर कहा कि दिवंगत नेता के अनेक विचारधाराओं के लोगों के साथ व्यक्तिगत संबंध थे। जेटली डोगरा के दामाद हैं। जेटली ने कहा, ‘‘शेख साहब हों या प्रेम नाथ डोगरा, उनके सभी के साथ व्यक्तिगत संबंध थे, भले ही उनकी राजनीतिक विचारधारा में अंतर रहा हो।’’ उन्होंने कहा कि डोगरा के जन्मशती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी से यह बात साबित होती है कि उनका सभी सम्मान करते हैं।
जेटली ने बताया कि गिरधारी लाल डोगरा मेमोरियल ट्रस्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री फारक अब्दुल्ला को भी समारोह में आमंत्रित किया था लेकिन सेहत की वजह से वह शामिल नहीं हो सके। राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कर्ण सिंह ने डोगरा के जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय हितों के लिए काम किया और प्रदेश की राजनीति में अनेक उतार-चढ़ाव देखे।
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