जम्मू-कश्मीर में छह दिन पहले आई आपदा की विभीषिका को याद करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा, 'मेरे पास कोई सरकार नहीं थी क्योंकि व्यवस्था का आसन एक सदी से भी अधिक समय की सबसे भीषण बाढ़ में बह गया था।'
उनके अपने आवास में बिजली नहीं है, उनके मोबाइल फोन में कनेक्टिविटी नहीं है, लेकिन उमर एक गेस्ट हाउस से काम कर रहे हैं। जहां उन्होंने एक अस्थायी मिनी सचिवालय स्थापित किया है ताकि बचाव एवं राहत अभियानों को निर्देश दे सकें।
राज्य के वित्तमंत्री अब्दुल रहीम राथर आज कराधान कार्यालय में मिले, जहां वह पिछले पांच दिन से फंसे हुए थे। बाढ़ के कारण वह बाहर नहीं आ पा रहे थे और संचार व्यवस्था ठप हो जाने से दुनिया से संपर्क कट गया था।
उमर ने कहा, 'मेरी राजधानी (श्रीनगर) चली गई थी। मेरी सरकार पूरी तरह जलमग्न हो गई थी। मेरे पास पहले 36 घंटों तक कोई सरकार नहीं थी। मैंने उसके बाद एक कमरे में छह अधिकारियों के साथ सरकार का काम फिर शुरू किया।'
तबाही को याद करते हुए उमर ने कहा, 'व्यवस्था बह गई थी। राज्य विधानसभा भवन, उच्च न्यायालय, पुलिस मुख्यालय और अस्पताल सभी पानी में हैं।'
वह पहले तीन दिन तक अपने अधिकतर मंत्रियों से संपर्क करने में असमर्थ रहे और अब भी एक दो मंत्रियों के ठिकानों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके साथ ही वह अधिकतर विधायकों से भी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
उनके करीबी सहयोगी और सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस के कश्मीर प्रांतीय अध्यक्ष नसीर वानी मुख्यमंत्री के आवास में आ गए हैं, लेकिन वह अपने परिवार से नहीं मिल पा रहे हैं जो पास में पानी से घिरे एक होटल में फंसा हुआ है।
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